The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
@madaar
Mathura
10
35.5k
168.4k
कहानियां लिखना न तो मेरा शौक है और न ही पेशा क्योंकि साहित्य लेखन में शौक शब्दों के साथ खिलवाड़ करने जैसा होता है | वे शब्द जो खुद में बड़े सामाजिक, राजनैतिक और मानवीय अर्थों को समेटे बेहद सहज और सरल बने रहते हैं, जिनमे मानव जीवन की सम्पूर्ण पाठशाला अंतर्निहित है | उन शब्दों से खिलवाड़ करना मुझे हमेशा ही इंसानी मूल्यों को अपभ्रंसित करना लगता रहा, शायद इस लिए मैं कभी अपने शौक के लिए शब्दों के भारी वजूद और गरिमा के साथ छेड़-छाड़ करने की हिम्मत नहीं जूता सका | पेशा चूंकि खुद एक परिधि है | एक कैद, ऐसी कैद जहाँ हमारा कुछ नहीं होता सिवाय बाज़ार की इच्छाओं, आकांक्षाओं, स्वार्थ और लौलुपता के | अब जहाँ मेरा कुछ न हो खासकर तब, जब मैं कुछ करना चाहता हूँ.... तब आखिर कैसे निबाह हो सकता है |मगर हाँ इससे बाख पाना नामुमकिन तो नहीं लेकिन मुश्किल जरूर है और इसी मुश्किल शब्द के भीतर की ज़द्दो-ज़हद ही विवश करती है मुझे कहानियां लिखने को | बावजूद इसके मैंने कभी कहानी नहीं लिखी बल्कि कहूं कि कहानियाँ ही मुझे लिखती रहीं हैं | कहानी- 6 कहानियां ‘हंस’ 4 ‘वर्तमान साहित्य’ 6 ‘परिकथा’ 2 ‘उद्भावना’ 2 ‘वागर्थ, के अलावा ‘समरलोक, अभिव्यक्ति, स
உள்நுழைவைத் தொடரவும்
By Login you agree to Matrubharti "பயன்பாட்டு விதிமுறைகள் | மாட்ருபர்த்தி" and "தனியுரிமைக் கொள்கை"
சரிபார்ப்பு
பயன்பாட்டைப் பதிவிறக்குக
எங்கள் பயன்பாட்டைப் பதிவிறக்கவும்
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser