Bharat(Raj)

Bharat(Raj) மாட்ருபர்த்தி சரிபார்ப்பு

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உன்னை பற்றி

कुछ पुराने तो कुछ ताजे दर्द को ,संवेदनाओं की कलम से, किताब पर उतारने आया हु। सूख चुकी स्याही पर कुछ बूंदे पानी की शिडकने आया हु। ताकि फिर से एकबार जिंदगी मुस्कराने लगे, अहसास जगने लगे, फिर एक सुबह खुशियों से भर जाए । फिर वो सुकून की रात लोट आए। और मन फिर से बोल उठे "लव यू जिंदगी"

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