फूलन सिंह अपनी बेटी पूजा को लक्ष्मी नगर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वह अकेले जाने पर अड़ी हुई है। पूजा ने हाल ही में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स किया है, जिससे उसके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है। फूलन सिंह को चिंता है कि उनकी बेटी अकेले कैसे जा सकती है, जबकि वह अभी हाल ही में गांव से आई है और पहले घर में ही बंद रहती थी। पूजा अपनी बात पर कायम है और यह बताती है कि अन्य लड़कियां भी अकेले आती-जाती हैं। फूलन सिंह को अपनी पत्नी रमा का समर्थन चाहिए था, लेकिन वह घर पर नहीं हैं। अंत में, फूलन सिंह चुपचाप पूजा के पीछे-पीछे चलने का निर्णय लेते हैं, ताकि उसे बिना बताये देख सकें कि वह कैसे जा रही है। उन्हें यह देखकर हैरानी हो रही है कि पूजा में कितना बदलाव आया है।
Niveshak
Sanjay Kundan द्वारा हिंदी लघुकथा
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विवरण
फूलन सिंह ने अखबार से मुंह निकाला तो देखा कि उनकी बेटी पूजा तैयार हो चुकी है। वह हड़बड़ाकर उठे। उन्होंने पूजा से कहा, ‘एक मिनट रूको। हम भी जरा तैयार हो जाएं।’ ‘क्यों?’ पूजा ने कहा। वह झुक कर बेड के नीचे अपनी सैंडल ढूंढ रही थी। फूलन सिंह को समझ में नहीं आया कि पूजा ने ऐसा क्यों कहा। उन्होंने जल्दी से अलमारी खोलकर अपनी पैंट निकाली। पूजा ने सैंडल पहनते हुए कहा, ‘पापा आप तैयार मत होइए। मैं अकेले चली जाऊंगी।’
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