GULKAND - 4 book and story is written by श्रुत कीर्ति अग्रवाल in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. GULKAND - 4 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
गुलकंद - पार्ट 4
श्रुत कीर्ति अग्रवाल
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Five Stars
813 Downloads
2.4k Views
विवरण
गुलकंद पार्ट - 4 पद में छोटी होने के बावजूद वह काकी का प्रभाव ही था कि हर दो-चार दिन पर बाऊजी किसी न किसी काम के लिये उनकी मदद करने को, समय मिलते ही, उनके यहाँ चले जाने फरमान अम्मा को पकड़ा दिया करते... कभी बेटी की विदाई के लिये पकवान बनाना, कभी चिऊड़ा कूटना, धान फटकना होता था... जितना बड़ा परिवार उतना ज्यादा-ज्यादा काम! बाऊजी के आदेश की अनदेखी अम्मा के लिये संभव नहीं थी पर यूँ नौकरों की तरह पराये घर में बार-बार काम करने जाना और इस तरह काकी की सरपरस्ती को स्वीकार कर लेना, उनके
मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से नहीं, स्वयं अपने-आप को माध्यम बना आपके समक्ष हूँ। अभी तक मुझे लगता...
More Likes This
अन्य रसप्रद विकल्प
- हिंदी लघुकथा
- हिंदी आध्यात्मिक कथा
- हिंदी फिक्शन कहानी
- हिंदी प्रेरक कथा
- हिंदी क्लासिक कहानियां
- हिंदी बाल कथाएँ
- हिंदी हास्य कथाएं
- हिंदी पत्रिका
- हिंदी कविता
- हिंदी यात्रा विशेष
- हिंदी महिला विशेष
- हिंदी नाटक
- हिंदी प्रेम कथाएँ
- हिंदी जासूसी कहानी
- हिंदी सामाजिक कहानियां
- हिंदी रोमांचक कहानियाँ
- हिंदी मानवीय विज्ञान
- हिंदी मनोविज्ञान
- हिंदी स्वास्थ्य
- हिंदी जीवनी
- हिंदी पकाने की विधि
- हिंदी पत्र
- हिंदी डरावनी कहानी
- हिंदी फिल्म समीक्षा
- हिंदी पौराणिक कथा
- हिंदी पुस्तक समीक्षाएं
- हिंदी थ्रिलर
- हिंदी कल्पित-विज्ञान
- हिंदी व्यापार
- हिंदी खेल
- हिंदी जानवरों
- हिंदी ज्योतिष शास्त्र
- हिंदी विज्ञान
- हिंदी कुछ भी
- हिंदी क्राइम कहानी