खेल खेल में - जादूई - भाग 2

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खेल खेल में - जादूई (पार्ट -२)शुभ अपने लिए पुरानी किताबें खरीदने के लिए गुज़री बाजार जाता है।वहां एक किताब देखता है।किताब का नाम खेल खेल में था। ऐसा लग रहा था जैसे कोई जादुई ताबीज चमत्कारी कहानी हो.. शुभ को ऐसी ही एक किताब में दिलचस्पी हो गई.. उसने विचित्र बुढ़िया से किताब की कीमत तय की....उसने किताब एक सौ में खरीदी। बुढ़िया मुस्कुराईं और धीरे से फुसफुसाते हुए बोली...आज ऐसी दो प्रतियां बिकीं... मैं देखती हूं.. कितने लोग इस किताब को पढ़ सकते हैं..? शुभ किताब लेकर अपने कमरे में आ गया। शुभ ने सोचा कि यह किताब रात को पढ़ूंगा... अभी नहीं पढ़