Kishanlal Sharma stories download free PDF

प्यार की जीत - 3

by किशनलाल शर्मा
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"क्या मुम्बई में तुम्हारा कोई परिचित हैं"?अरुण ने उससे पूछा था""नही, कोई नही,"अरुणा बोली"और तुम्हारा?""मैं तो मुम्बई ही पहली ...

प्यार की जीत - 2

by किशनलाल शर्मा
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आगे पढ़ेंसुबह चाय की आवाज सुनकर उसकी नींद टूटी थी।उसने मोबाइल में समय देखा।छ बजे थे ट्रेन माधोपुर पर ...

प्यार की जीत - 1

by किशनलाल शर्मा
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अरुण ऑफिस में था तभी फोन आया।उसने उठाया उसकी माँ का था"हां माँ।""तू घर आ जा।""क्यो माँ?""तुझसे बात करनी ...

अधूरा प्यार

by किशनलाल शर्मा
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वेटिंग रूम की खिड़की से उगते सूर्य की किरणें रमन के सामने रखी टेबिल पर पड़कर फर्श को छू ...

बन्धन प्यार का - 44

by किशनलाल शर्मा
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और नरेश ने सुधीर को फोन कर दिया था। सुधीर शाम को नरेश के घर आ गया।नरेश बोला,"तुम दोनों ...

तीन दिन--यादगार पल

by किशनलाल शर्मा
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हर आदमी की जिंदगी में ऐसे पल आते हैं, जिन्हें वह आजीवन नही भूलता।वो पल उसके दिल मे हमेशा ...

बन्धन प्यार का - 43

by किशनलाल शर्मा
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और आगरा घूमने के बाद वे वापस दिल्ली लौट आये थे।और अगले ही दिन मरियम का फोन आ गया,"आज ...

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 16

by किशनलाल शर्मा
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नल व नील ने समुद्र पर पुल बनाया था।असल मे धनुष कोटी से लंका तक सात टापू है।इनको आधार ...

अतीत का साया - 3

by किशनलाल शर्मा
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और वे लौट आये थे ।ऑफिस में संजना के व्यवहार में अंतर नहीं आया था।लेकिन यश फिर भी हैय्य ...

इधर उधर की - 6

by किशनलाल शर्मा
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और कुमार के आते ही मैं उनके चेम्बर में जा पहुंचा।मुझे देखते ही कुमार बोला,"बोलो शर्मा?"""क्या मुझे काम करने ...