इक्ष्वाकुवंश में राजा हरिश्चन्द्र नाम के चक्रवर्ती सम्राट् थे। उनके पुत्र का नाम रोहित था। रोहित से हरित का ...
जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी॥ करहिं अनीति जाई नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर ...
श्री परशुरामावतार की कथा—(वाल्मीकि रामायण के अनुसार) साक्षात् ब्रह्माजी के पुत्र राजा कुश के चार पुत्रोंमें से कुशनाभ दूसरे ...
पण्ढरपुर में लक्ष्मीदत्त नाम के एक ऋग्वेदी ब्राह्मण रहते थे। ये सन्तों की बड़े प्रेम से सेवा किया करते ...
श्रीवामनावतार की कथा—भगवान् की कृपा से ही देवताओं की विजय हुई। स्वर्ग के सिंहासन पर इन्द्र का अभिषेक हुआ। ...
श्रीनृसिंह-अवतार की कथाजब वराहभगवान् ने हिरण्याक्ष का वध कर डाला था, तब उसकी माता दिति, उसकी पत्नी भानुमती, उसका ...
कराल कलिकाल के कपटी प्राणियों का उद्धार करने के लिये आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने गोस्वामी श्रीतुलसीदास के रूप में ...
श्रीदिवदासजी के वंश में उत्पन्न श्रीयशोधरजी के घर में अनपायनी भक्ति प्रकट हुई। आपके स्त्री-पुत्र आदि सभी लोग आपके ...
कमठ (कच्छप) अवतार की कथाजब दुर्वासा जी के शाप से इन्द्रसहित तीनों लोक श्रीरहित हो गये। तब इन्द्रादि ब्रह्माजी ...
(२) श्रीवराह-अवतार की कथा— ब्रह्मा से सृष्टिक्रम प्रारम्भ करने की आज्ञा पाये हुए स्वायम्भुव मनु ने पृथ्वी को प्रलय ...