प्रतीक में कही गयी व्यवस्था में कमियों की बात। एक व्यंग्य कथा। जंगल की हकीकत में शासन की छवि ...
अंगूर खट्टे थे की कहानी झूठी थी। पढ़िये इसकी वास्तविकता व्यंग्य शैली में। आज की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों ...