अब आगे................एकांक्षी बुक को पढ़ते हुए नींद आने की वजह से बार बार आंखें बंद कर लेती ...धीरे धीरे ...
अब आगे...............इधर एकांक्षी घर पहुंचती है उसे देर से आते देख सावित्री जी जल्दी से आकर कहती....." मिकू रुक ...
अधिराज इतना सोचते हुए वापस अपने ख्यालों से बाहर आता हुआ बैचेनी से बस एकांक्षी से मिलने के लिए ...
पंद्रहा साल पहले हुई भविष्यवाणी का सच होना जैसे मुश्किल लग रहा है , अंधतमस का प्रकोप दिन प्रतिदिन ...
एकांक्षी काॅल रिसीव करके हेलो ही कहती हैं कि दूसरी तरफ से आई आवाज सुनकर घबरा जाती है....अब आगे...............एकांक्षी ...
किरन : तेरे ये सपनों का म्यूजिक पता नहीं कब मिलेगा...?अब आगे............एकांक्षी अपनी उम्मीदों को सोचते हुए कहती हैं...." ...
अधिराज की दुनिया...फूलो सी महकती वादियां और नदी का किनारा जहां उसके किनारे बना है एक वूडन हाऊसराजमाता रत्नावली ...