बुलबुल - फ़िल्म समीक्षा" ये बिछिया क्यों पहनाई जाती है पिशीमाँ ? ""ताकि वो उड़ ना पाएं"समाज की रीतियों ...
ज़रा धीरे हाथ चला बेटा.. चोट लग जाएगी, तुझे कहाँ की ट्रेन पकड़नी है, देखो हर बात में यूँ ...
इससे पहले की आप कहें मैंने अशुद्ध लिखा है, चलिए पढ़ते हैं ये कहानी"हैल्लो..हैल्लो...कैन यु हेअर मी...आवाज़ आ रही ...
कीमती साड़ी" माँ ! कहाँ रखी हैं अलमारी की चाबियाँ ? दो ना जल्दी से " दीपू राजधानी एक्सप्रेस ...
"देखना एक दिन मेरा बेटा अफसर बनकर लौटेगा" रुंधे हुए गले और नम आँखों से पिता अपनी ...
जरूरी नहीं कि बड़प्पन एक उम्र के बाद ही आये ,समय और परिस्थिति व्यक्ति को समय से पहले ही ...
घर के सभी कामों को मीनू जल्द से जल्द निपटा देना चाहती थी। इस जल्दबाज़ी में सब्जी काटते वक़्त ...
अपनी किताब हाथ में लिए मैं बहुत देर से बस पन्ने ही पलटे जा रही थी। दो महीने बाद ...