रात के अँधेरे में दूर से दिखती हवेली किसी भूतिया चित्र की तरह लग रही थी। आसमान में काले ...
प्रियांश- सुनो तुम मुझे कभी छोड़कर मत जाना प्लीज ।चाहत- अरे ये क्या बोल रहे हो तुमकितनी बार कहूँ ...