रिया ने हवेली की पुरानी अलमारी से एक आईना निकाला। धूल हटाते ही उस पर दरारें उभर आईं, और ...
दिन–1 (सुबह 6:00 बजे)आज घर से ड्यूटी के लिए निकलते वक्त मन भारी था। पहले ही सूचना मिल गई ...
लोकोपायलट यानी रेलगाड़ी का चालक। बाहर से देखने पर लगता है कि बस इंजन चलाना ही उसका काम है, ...
अरुण जेल की अँधेरी कोठरी में बैठा था।उसके हाथ में जंग लगे हथकड़ी के निशान थे, और आँखों में ...
रिया ने डायरी का आख़िरी पन्ना पढ़ने के बाद तय कर लिया कि उसे उस पुरानी हवेली तक जाना ...
रिया के कमरे की खिड़की अब भी आधी खुली थी। बाहर गहरी रात का सन्नाटा था, पेड़ों की शाखें ...
चैप्टर 5 – जुर्म की गंधरात का अँधेरा गहराता जा रहा था।बारिश थम चुकी थी, लेकिन शहर की सड़कों ...
अध्याय 1 – नई शुरुआतदिल्ली का सेंट मैरी कॉलेज। गर्मियों का पहला दिन।नए सेशन का पहला दिन हमेशा हलचल ...
चैप्टर 3 – भाई की परछाईकॉलेज का माहौल अब अरुण और रिया के लिए बदल चुका था।हर दिन मिलने ...
खामोश तस्वीरकक्षा 11 का समय था।वेदांत एक साधारण-सा लड़का था—ना ज्यादा दोस्त, ना ज्यादा बातें। बस कोने की बेंच ...