* भगवत प्रसाद त्रिपाठी: एक 55 वर्षीय, सीधे-सादे और थोड़े से अनाड़ी व्यक्ति जो अपनी साधारण ज़िंदगी में खुश ...
भाग 7: जनता का ऐसा हीरो, जो दिलों पर करता था राज़!जौहरी की दुकान की उस झमेलेदार घटना के ...
भाग 3: फ़ासलाज़ोया के लबों पर आए हुए अल्फ़ाज़ सुनकर आरिफ़ का दिल ज़ोर से धड़कने लगा। वह बेक़रारी ...
फ्लर्टिंग एक कला(भाग 1: फ्लर्टिंग की नींव)अध्याय 1: फ्लर्टिंग क्या है?फ्लर्टिंग, अपने मूल में, मानवीय संपर्क का एक चंचल ...
भाग 1: पहली निगाहमदरसे के सहन में, जहाँ बचपन की बेफिक्रियाँ रक़्स करती थीं, आरिफ़ की निगाहें अक्सर एक ...
भाग 6जौहरी की दुकान में सायरन की ऐसी चीख सुनकर, जैसे किसी ने भूत देख लिया हो, टिमडेबिट का ...
भाग 5 (मजेदार मोड़): एक सनकी हसीना का आगमनटिमडेबिट ने सब सच बता दियारामू चौकीदार, टिमडेबिट की बेतुकी सफाई ...
भाग 4: प्रहरी की आहटघंटे के गिरने की ऐसी धड़ाम की आवाज़ सुनकर, जैसे किसी ने बम फोड़ दिया ...
भाग 3: नगर पालिका का अनोखा घंटाबरेली की नगर पालिका के पुराने भवन के बाहर एक ऐसा बड़ा सा ...
भाग 2: रेलवे प्लेटफार्म बेंच की लकड़ी का रहस्यमय मामलाबरेली के पुराने रेलवे स्टेशन पर लोगों की आवाजाही ऐसी ...