वो प्यार में नहीं टूटी, बल्कि खुद को जोड़ने लगी।जिसे सबने अधूरी कहानी समझा, वो असल में एक पूरी ...
डॉ. मयूर अभी फोन पर रुशाली की माँ से बात कर ही रहे थे जब उन्होंने ये सुना—"रुशाली अभी ...
सुबह के सात बजे थे…सोमवार का दिन।बाकी दुनिया के लिए ये एक आम सुबह थी, लेकिन डॉ. मयूर के ...
उस रात का सन्नाटा...उस रात रुशाली के कमरे में खामोशी थी,पर उसके ज़ेहन में एक तूफान चल रहा था।"क्या ...
सुबह की पहली किरण... और धड़कनों का तेज़ होनाआज की सुबह कुछ अलग थी...रुशाली की आंखें अलार्म से पहले ...
(कुछ दिन बाद ....)समय बीत रहा था...पर इन बीते दिनों में कुछ बदला था।अब रुशाली और मयूर सर एक-दूसरे ...
अगले दिन सुबह-सुबह जब रुशाली अस्पताल पहुँची, तो माहौल कुछ बदला-बदला सा था। रिसेप्शन पर जाकर उसने जैसे ही ...
(अस्पताल – सुबह का समय)(रुशाली डायरी बंद करती है और खिड़की से बाहर देखती है। मन सवालों से भरा ...
[अस्पताल की लंबी गलियारे में मयूर सर और रुशाली साथ-साथ कैबिन की ओर बढ़ रहे हैं…]रुशाली के दिल में ...
कैंटीन की उस टेबल पर बैठकर, जब दो लोग खाने की थाली बांटते हैं…तो सिर्फ खाना नहीं, कुछ अनकही ...