जीवनोपनिषद (प्रथम पुस्तक) प्रस्तावना सदियों से मनुष्य सत्य की खोज में है।कभी उसने वेदों का सहारा लिया,कभी उपनिषदों की ...
तंत्र कहता है — जो ऊर्जा जीवन देती है, वही मुक्ति भी दे सकती है। संभोग कोई पाप नहीं, वह ...