माया को आशीष जी के साथ भेजकर त्रिधा भी अपना हैंड बैग उठाकर वापस हॉस्टल की तरफ लौट रही ...
सभी की परीक्षाएं शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा था इसीलिए कॉलेज की भी छुट्टियां हो गई ...
शाम को त्रिधा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने हॉस्टल के लिए लौट रही थी कि तभी उसने कुछ ऐसा ...
रात को इस समय भला कौन आया होगा! सोचते हुए त्रिधा ने जैसे ही दरवाजा खोला सामने खड़े व्यक्ति ...
"वैसे वर्षा शायद उतनी बुरी भी नहीं है।" प्रभात की बोली हुई वह लाइन आज तक त्रिधा के कानों ...
संध्या अपने कमरे में बैठी हुई अपनी मार्कशीट और आज शाम पार्टी में मिले गिफ्ट्स को देख रही थी। ...
प्रभात और हर्षवर्धन कॉलेज कैंपस में बने छोटे से गार्डन में बैठे हुए थे। "भाई तूने अपनी तो ...
त्रिधा कॉलेज कैंटीन में बैठी हुई थी मगर हर्षवर्धन की बात सुनकर वह वहां से उठकर बाहर की तरफ ...
त्रिधा अपने हॉस्टल पहुंची तो देखा सभी लड़कियां अपने अपने घर जाने की तैयारियां कर रही थीं। अब इम्तेहान ...
* अगले दिन कॉलेज में * " त्रिधा " संध्या त्रिधा को देखते ही चिल्ला पड़ी जिसे देखकर त्रिधा ...