शिखा श्रीवास्तव stories download free PDF

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 2

by Shikha Srivastava
  • 429

उत्कर्ष का हवाई-जहाज ग्रांडे द्वीप पर एक उचित जगह देखकर लैंड कर चुका था। जहाज की खिड़की से उत्कर्ष ...

फागुन के मौसम - भाग 21

by Shikha Srivastava
  • 498

राघव की आदत थी रात में सोने से पहले वो अपनी और वैदेही की तस्वीर को कुछ पल देखने ...

उत्कर्ष-अभिलाषा - भाग 1

by Shikha Srivastava
  • 729

इंसान या यूँ कहिये इस ब्रह्मांड का कोई भी जीव चाहे लाख कोशिश क्यों ना कर ले, प्रकृति ने, ...

फागुन के मौसम - भाग 20

by Shikha Srivastava
  • 630

आश्रम में राघव के सामने किसी ने भी वैदेही को देखकर उसकी असली पहचान ज़ाहिर नहीं की। लीजा और ...

लौट आओ अमारा - (अंतिम भाग)

by Shikha Srivastava
  • 663

शैतान की शक्तियाँ जो दीवार में समाई थी वो अब उन प्रेतों को मिल गई थीं।ये अहसास होते ही ...

फागुन के मौसम - भाग 19

by Shikha Srivastava
  • 648

राघव ने जब से वैदेही को देखा था उसका मन बेचैन हो उठा था। उसे बार-बार लग रहा था ...

लौट आओ अमारा - भाग 9

by Shikha Srivastava
  • 714

ना वो शैतान की यज्ञवेदी और अमारा को स्पर्श कर सकते थे और ना शैतान उन्हें। सारी स्थिति स्पष्ट ...

फागुन के मौसम - भाग 18

by Shikha Srivastava
  • 786

दिव्या जी के बाद नंदिनी जी और आश्रम की कई अन्य महिलाएं जो आज इस आश्रम के सहयोग से ...

लौट आओ अमारा - भाग 8

by Shikha Srivastava
  • 684

इंस्पेक्टर रंजीत कुलगुरु की चेतावनी अनुसार जंगल की सीमा पर ही रुक गए थे।रात का घुप्प अँधेरा, रह-रहकर आती ...

फागुन के मौसम - भाग 17

by Shikha Srivastava
  • 713

वैदेही और तारा जब उस बिल्डिंग में पहुँचे जहाँ अब वैदेही रहने वाली थी तब तारा को पता चला ...