Ashish Kumar Trivedi stories download free PDF

पीड़ा में आनंद - भाग 10 - शिवोहं

by Ashish Kumar Trivedi
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शिवोहंसुयश अपने लैपटॉप के सामने आँखें बंद किए बैठा अपने विचारों में मग्न था। तभी उसकी पत्नी विशाखा ने ...

पीड़ा में आनंद - भाग 9 - जीवनसाथी

by Ashish Kumar Trivedi
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जीवनसाथीनैना ने वॉशरूम में जाकर अपना मुंह धोया। आईने में अपना चेहरा देखा। उसकी आँखें सूजी हुई थीं। वह ...

पीड़ा में आनंद - भाग 8 - तेरी मेरी दुनिया

by Ashish Kumar Trivedi
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तेरी मेरी दुनियाअनिकेत उस सीट को निहारे जा रहा था जहाँ सोनम बैठती थी। वह कल्पना कर रहा था ...

पीड़ा में आनंद - भाग 7 - शैली

by Ashish Kumar Trivedi
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शैलीआज वेलेंटाइन डे था। सब किसी न किसी के साथ प्यार के इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे थे। ...

पीड़ा में आनंद - भाग 6 - चींटी चढ़ी दीवार पर

by Ashish Kumar Trivedi
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चींटी चढ़ी दीवार परवंश और दीप्ति बीच पर पहुँचे तो दोनों को ही भूख लग रही थी। दीप्ति ने ...

पीड़ा में आनंद - भाग 5 - सच्चा प्यार

by Ashish Kumar Trivedi
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सच्चा प्यारसुजित के फोन पर मैसेज बीप सुनाई पड़ी। वह मुस्कुराया। उसने मन ही मन सोचा। लगता है यह ...

पीड़ा में आनंद - भाग 4 - तुम्हारी मुस्कान

by Ashish Kumar Trivedi
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तुम्हारी मुस्कानअचला लगभग दौड़ती हुई लिफ्ट में दाखिल हुई। आज उसे देर हो गई थी। छुट्टी से कुछ देर ...

पीड़ा में आनंद - भाग 3 - बसंत बहार

by Ashish Kumar Trivedi
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बसंत बहारमालिनी ने कॅलबेल बजाई। वह बाहर गई थी। दस दिन बाद वह कल लौटकर आई थी। सरला ने ...

पीड़ा में आनंद - भाग 2 - सिपाही

by Ashish Kumar Trivedi
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सिपाहीजगतपाल बहुत उद्विग्न था। आज उसने ठीक से खाया भी नहीं था। वह अपनी खाट पर लेटा अपने खयालों ...

पीड़ा में आनंद - भाग 1 - असली खुशी

by Ashish Kumar Trivedi
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असली खुशीमिस्टर डिसूज़ा घर में दाखिल हुए तो देखा कि उनकी पत्नी फिर से सारे खिलौने और कपड़े बिस्तर ...