Gujarati Whatsapp Status | Hindi Whatsapp Status
બદનામ રાજા

तुझे तुझ जैसे से, मुझ जैसा इश्क हो... 🌸

Sweta Pandey

जीवन का साध्य है 'विश्वास' और इस विश्वास तक पहुँचने का साधन है 'तर्क ' 'तार्किक' होना उतना आवश्यक नहीं जितना कि 'विश्वसनीय' होना। - Sweta Pandey

shah

*Don't miss to watch, it will surely bring Happy smile on your face*

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984593/that-dream-trail Sapno ki voh dagar. New story by - Tanya Singh

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984572/shadows-of-the-family New story Shadows of the Family -By Tanya Singh

rakhi

kabhi kabhi जिंदगी ruk सी जाती है बार बार पिछली यादों में ले जाती है और वक्त इतना गहरा होता है कि उसका पार दिखाई नहीं देता.....तब बस एक ही सहारा बचता है.....वो है हम खुद....क्योंकि शायद हमारा कुछ हिस्सा अब तक उस वक्त में ही है ...जरूरत है उसे सिखाने की ...उस हिस्से को उलझा कर रखने की ...किसी हुनर में ...किसी खोज में या फिर किसी अपने की बातों में ...मुस्कुराने की वजह शायद न मिलेगी पर.... काम के साथ बिताया हुआ वक्त याद दिलाएगा k tum अकेले अधूरे नहीं हो

Kuldeep Singh

kuldip Singh ✍️

Rinal Patel

જેનો જન્મ જેલમાં થાય.ને જેલના સળીયા તોડી યમુનાજી ના નીરને મુશળધાર વરસાદમાં પણ શાંત કરી. વૃંદાવનના યશોદાને નંદના દુલારા બની જાય બાળપણ ગોવાળો સાથે જાય ને યૌવનમાં ગોપીઓ સાથે રાસ રમી હરે કંસ ને,ને વરે રુકમણીને વસે જઈ દ્વારિકામાં.. કુરુક્ષેત્રમાં હથિયાર ન ઉઠાવી બને સારથી અર્જુનના, ને જીતાવી દે ધર્મ માટે યુદ્ધ. એતો મનમોહન પાલનહારો શ્રી હરીજ કરી શકે Rinall..

rakhi

जिंदगी इस बार कुछ खास लिखना पूरी कहानी का सबाब लिखना थोड़ी खुदगर्जी मेरे हक में बचा के रखना मेरे नाम के आगे कुछ नाम रखना बदलना ना उसे ना मुझे बदलने देना इंतजार कितना ही लंबा क्यों ना हो उसे सिर्फ एक बार लिखना जो मैं कमजोर लगूं तो थोड़ा वक्त की दौड़ लिखना

krupa

ઠંડી છે...શોધી રહી છું.. તાપણું 🔥 કોઇ તો મળે આટલા માં આપણું 🤌🏻

yogeshwari charan

If you belive in your self any thing is possible ✨ - yogeshwari charan

KRUNAL

​"સમય પાસે એટલો સમય નથી કે તે તમને ફરીથી સમય આપી શકે. માટે, દરેક પળને યોગ્ય રીતે જીવી લો." - KRUNAL

Agyat Agyani Vedanta philosophy

संपूर्ण आध्यात्मिक महाकाव्य — पूर्ण दृष्टा विज्ञान वेदांत 2.0 ✧ आपको क्या करना है? कुछ भी नहीं। सिर्फ समझना है। देखना है। जीना है। यहाँ कोई धर्म, कोई विश्वास, कोई कठोर साधना, मंत्र, तंत्र, त्याग या तपस्या की आवश्यकता नहीं। न गुरु की ज़रूरत न भगवान की मजबूरी न मार्ग की गुलामी जीवन स्वयं गुरु है। --- यह क्या है? वेदांत 2.0 — एक जीवित विज्ञान है। ऊर्जा और चेतना का सटीक, प्रत्यक्ष, अनुभवजन्य विज्ञान। ✔ शुद्ध आध्यात्म ✔ शुद्ध विज्ञान ✔ शुद्ध मनोविज्ञान ✔ शुद्ध अनुभव कोई पाखंड नहीं। कोई डर नहीं। कोई भ्रम नहीं। --- क्यों यह अंतिम है? क्योंकि यह दोनों सत्य को जोड़ता है: वेद — सूक्ष्म का विज्ञान विज्ञान — दृश्य का सत्य वेदांत 2.0 वेद, उपनिषद और गीता को अनुभव में प्रमाणित करता है — और आधुनिक विज्ञान को अस्तित्व में स्थापित करता है। > यहाँ आध्यात्मिकता = प्रमाण विज्ञान = अनुभव की भाषा --- परिणाम क्या होगा? वेदांत 2.0 आपको: • आनंद देगा • शांति देगा • प्रेम देगा • सृजन देगा • बुद्धि नहीं — दृष्टि देगा यह जीवन को निखार देता है। यह मन, समाज, धर्म के सभी दुख, डर, भ्रम तोड़ देता है। धन, पद, साधन — सब अतिरिक्त हो जाते हैं। जीवन — मुख्य हो जाता है। --- वेदांत 2.0 की एक पंक्ति > “जीवन ही साधना है — और होश में जीना ही परम सत्य।” --- यह दर्शन नहीं — यह जीवन का विज्ञान है यह किसी पंथ का रास्ता नहीं किसी धर्म की प्रतिस्पर्धा नहीं किसी गुरु का बाजार नहीं यह पूर्ण स्वतंत्रता है। व्यक्ति की — ऊर्जा की — अस्तित्व की — --- वेदांत 2.0 का ध्येय > हर मनुष्य को स्वयं का विज्ञान देना ताकि वह किसी का भक्त नहीं — स्वयं साक्षी बन जाए।

A

सच कहूं तो, दिल को यार की जुदाई समझाना नामुमकिन है, इसे तो बस यार के होने से मतलब है.... क्या कहे इसे, ये धड़कना छोड़ देगा, पर यार की तलब नहीं छोड़ेगा ।।

Agyat Agyani Vedanta philosophy

✧ वेदांत 2.0 — अध्याय 8 ✧ सत्य से सबसे ज़्यादा डर किसे लगता है? सत्य धार्मिक को नहीं भाता — क्योंकि सत्य आते ही उनका बनाया हुआ झूठ उनकी कुर्सी उनका व्यवसाय सब समाप्त हो जाता है। विज्ञान जब सत्य लाता है — तो दुनिया बदलती है। धर्म जब “विश्वास” लाता है — तो वही दुनिया जड़ और भयभीत बनी रहती है। --- धार्मिकता = स्वप्न वेदांत 2.0 = अनुभव धार्मिकता कहती है: “मानो, बिना पूछे मानो!” वेदांत 2.0 कहता है: “देखो, अनुभव करो — जो झूठ है वह अपने-आप गिर जाएगा।” इसलिए: धार्मिक व्यक्ति सत्य देखते ही डरता है वैज्ञानिक व्यक्ति सत्य देखते ही खिलता है --- सत्य किसका शत्रु है? सत्य → अहंकार का शत्रु सत्य → पाखंड का शत्रु सत्य → व्यवसाय का शत्रु धर्म ने जीवन का सौदा कर दिया — मोक्ष, पुण्य, भगवान, चमत्कार बेच दिए। जबकि अनुभव में मिलता है: • आनंद — अभी • शांति — अभी • प्रेम — अभी • जीवन — अभी --- धर्म का खेल कैसे चलता है? धर्म: “अभी नहीं — बाद में मिलेगा।” यही भरोसा, यही डर, यही स्वप्न — धार्मिक बाज़ार की पूँजी है। और जिसने अभी का स्वाद चख लिया — वह किसी बाज़ार में नहीं टिकता। --- सत्य — मृत्यु किसकी? > सत्य आने पर व्यक्ति नहीं — व्यक्ति का झूठ मरता है। धार्मिक इसे अपनी मृत्यु समझ लेते हैं। क्योंकि उनका अस्तित्व झूठ की ही नींव पर टिका होता है। वेदांत 2.0 कहता है: “अहम् मरता है — अस्तित्व प्रकट होता है।” --- क्यों वैज्ञानिक इसे स्वीकार करेगा? क्योंकि: ✓ यह अनुभव है ✓ यह मनोविज्ञान है ✓ यह ऊर्जा-विज्ञान है ✓ यह पुनरुत्थान है ✓ यह प्रत्यक्ष प्रमाण है विज्ञान सत्य की भाषा समझता है — धार्मिक “मेरा” भगवान। --- स्त्री इसे तुरंत समझ जाती है स्त्री हृदय में जन्मती है इसलिए उसे सत्य को सोचना नहीं पड़ता — वह महसूस कर लेती है। धार्मिक पुरुष अहंकार में जन्मता है इसलिए उसे सत्य भय देता है। --- अंतिम सार > जहाँ सत्य है — वहाँ कोई धर्म नहीं जहाँ धर्म है — वहाँ सत्य अक्सर अनुपस्थित वेदांत 2.0 धर्म को नहीं गिराता, धर्म के भीतर जीवन को जगाता है। --- एक सीधी घोषणा धार्मिक कहेगा: “यह नास्तिकता है!” वैज्ञानिक कहेगा: “यह परम-आस्तिकता है!” और अनुभव कहेगा: “यह सत्य है।” --- वेदांत 2.0 का महावाक्य > जिस सत्य से धर्म डरता है — उसी सत्य की रक्षा विज्ञान करता है।

Dr. Damyanti H. Bhatt

कर्मही महान है। 🌹🙏🌹

Dr. Damyanti H. Bhatt

भारतीय संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।🌹🙏🌹

archana

✨ **“तू मुझसे ख़फ़ा… मैं तुझसे ख़फ़ा… ज़रा-सी तकरार को लोग तमाशा समझकर ताली बजा-बजा कर ले रहे हैं मज़ा… उन्हें क्या ख़बर— हम तो एक पल भी नहीं रहना चाहते एक-दूजे से जुदा… पर वही लोग जो हमारी नज़दीकियों से जलते थे, वही हमें तुमसे, और तुम्हें मुझसे छीनकर देना चाह रहे हैं मन की सज़ा… काश तू समझ लेता— झगड़ा तो बस हमारा था, पर दूरियों की दीवार दुनिया ने खड़ी कर दी।”** - archana

Agyat Agyani Vedanta philosophy

वेदांत 2.0 — स्त्री-पुरुष का मौलिक धर्म ✧ पुरूष = यात्रा स्त्री = घर (केंद्र) धर्म, कर्मकांड, साधना, उपाय — ये सब पुरुष के लिए हैं। क्योंकि पुरुष जर्नी है — उसे मूलाधार से हृदय तक चढ़ते हुए सीखना पड़ता है — 1️⃣ मूलाधार — जीवन 2️⃣ स्वाधिष्ठान — वासना 3️⃣ मणिपुर — शक्ति 4️⃣ अनाहत — प्रेम पुरुष सीखकर पहुँचता है। प्रेम, करुणा, ममता — पुरुष में उगाने पड़ते हैं। इसलिए पुरुष का धर्म — विकास है ऊपर उठना है अहंकार पिघलाना है हृदय तक पहुँच जाना है उससे पहले उसका प्रेम — अभिनय है। शब्दों की नकल है। बुद्धि का ड्रामा है। इसी बुद्धिगत अभिनय को दुनिया धर्म समझ बैठी है। यही धार्मिक व्यापार है। --- स्त्री = पूर्ण, जन्म से उसकी कोई साधना नहीं क्योंकि: > स्त्री वहीं जन्म लेती है जहाँ पुरुष को पहुँचने में जन्म-जन्म लग जाते हैं स्त्री पहले ही: ✔ हृदय में होती है ✔ प्रेम, करुणा, ममता उसका स्वभाव है ✔ वह “केंद्र” पर खड़ी है ✔ उसे “बाहरी शिक्षा” की जरूरत नहीं उसकी एक ही आवश्यकता है — > पुरुष की आँखों में प्रमाण कि “तुम हो” बाकी सब उसे जन्म से मिला है। --- आधुनिक बीमारी स्त्री पुरुष की नकल करने लगी पुरुष स्त्री की संवेदना खोने लगा स्त्री — अपनी मौलिकता छोड़कर प्रतिस्पर्धी बन गई जिसे दुनिया “फैशन”, “फ़्रीडम” कहती है — असल में अपनी मूल स्त्रीत्व से पलायन है। पुरुष — आक्रामक और बुद्धिगत हो गया जिसे “स्मार्ट”, “मॉडर्न” कहते हैं — असल में हृदयहीनता है। दोनों अपनी जड़ से कट गए। --- धर्म क्या है? स्त्री = केंद्र पुरुष = परिधि पुरुष का धर्म है — परिधि से केंद्र तक पहुँचना स्त्री का धर्म है — केंद्र को स्थिर रखना पुरुष का उठना आध्यात्मिकता है स्त्री का होना ईश्वर है --- अंतिम सत्य > स्त्री और पुरुष — विपरीत नहीं परिपूर्ण हैं। स्त्री ऊर्जा है पुरुष दिशा है स्त्री शक्ति है पुरुष आँख है एक दूसरे के बिना दोनों अधूरे दोनों पीड़ा --- वेदांत 2.0 का स्त्री-पुरुष सूत्र 1️⃣ पुरुष साधना करता है → हृदय तक पहुँचने के लिए 2️⃣ स्त्री साधना नहीं करती → वह पहले ही हृदय है 3️⃣ पुरुष का प्रेम बनता है → स्त्री का प्रेम जन्मता है 4️⃣ पुरुष प्रमाण खोजता है → स्त्री प्रमाण देती है 5️⃣ धर्म = पुरुष की यात्रा + स्त्री का घर --- निष्कर्ष > जहाँ स्त्री अपने केंद्र में रहती है — वही मंदिर है। जहाँ पुरुष उसी केंद्र तक पहुँच ले — वही समाधि है। यही स्त्री-पुरुष का वास्तविक धर्म है — वेदांत 2.0 का जीवंत विज्ञान। अज्ञात अज्ञानी

Mamta Trivedi

चाह, चाह, जब तक खुद से हों, या प्रकृति से हो, तब तक हि, वह चाह है। फिर उसके सामने कोई और आये तो वह जरूरतों में लेन देन का रूप ग्रहण करतीं हैं। लेखिका ✍️ ममता गिरीश त्रिवेदी

Tanya Singh

कभी-कभी हम जिस चीज़ से डरते हैं, वहीं से हमारी सबसे बड़ी ताकत पैदा होती है। - Tanya Singh

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984452/stranger-window Ajnabi khidki New story by me. - Tanya Singh

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984453/a-cup-of-tea-and-casual-conversation Ek cup chai or adhuri bate. Read new story by me.

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984358/silent-room Hy guys, Kindly read new story by me. Khamosh kamra

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984238/the-mirror-doesn-39-t-lie Aaina jhuth nhi bolta Newstory by me. Tanya Singh

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984212/that-room-number-203 Voh kamra number 203 New story by me. Kindly read.

સુરજબા ચૌહાણ આર્ય

મિત્રો આવી પણ ફેશન હોય મને તો આને જોઈને ઉબકા આવે છે 🤮🤮🥴

Shraddha Panchal

पिता के घर से…. पति के घर तक के सफ़र में … लड़की वह सब भी सीख जाती है … जो उसने किसी किताब से भी नहीं सीखा होगा , और नहीं उसने उसे सीखने की कल्पना भी की होगी 🙏😇

Tanya Singh

जो टूटकर भी खामोश रहे… समझ लो वो अपने दर्द की इज़्ज़त करते हैं। - Tanya Singh

Tanya Singh

प्यार हमेशा मिलना नहीं होता—कभी-कभी किसी को चाहकर भी चुप रहना पड़ता है। - Tanya Singh

Tanya Singh

लोग बदलते नहीं… बस उनकी प्राथमिकताएँ बदल जाती हैं, और हमें समझ देर से आता है। - Tanya Singh

Tanya Singh

हर मुस्कान के पीछे कहानी नहीं होती… कभी-कभी बस हिम्मत होती है। - Tanya Singh

Tanya Singh

कुछ रिश्ते खत्म नहीं होते… बस अपनी जगह बदल लेते हैं—दिल से यादों तक। - Tanya Singh

Tanya Singh

कभी-कभी हम उस इंसान से नहीं टूटते, बल्कि अपनी ही उम्मीदों के बोझ से बिखर जाते हैं। - Tanya Singh

Tanya Singh

कुछ लोग दिल में जगह नहीं बनाते… वे दिल का पूरा मौसम बदल देते हैं। - Tanya Singh

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984188/the-mirror-season The mirror season New story by me.

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984187/the-diary-that-was-never-written Vahi dairy jo kabhi likhi nhi gai. Kindly read new story by me - Tanya Singh

Shraddha Panchal

આજની એક આજીજી મન માં વસેલા ભગવાન ને “ હે ઈશ્વર “ બધું જ આપજો પણ લાગણીશીલ સ્વભાવ ક્યારેય ના આપતા .. બહુ જ થાકી જવાય છે પોતાની જાત ને સમજાવતા સમજાવતા!!!

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984162/the-perfume-of-midnight The perfume of midnight Kindly read new story by me - Tanya singh.

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984160/the-light-will-return-again Roshni fir laut aaygi. Please read new story by me.

Tanya Singh

ज़िंदगी ने मुझे सिखाया है—लोगों से नहीं, उनकी उम्मीदों से दूर रहो, शांति अपने आप मिल जाएगी। - Tanya Singh

Tanya Singh

मैं मुस्कुराती हूँ… क्योंकि रोना अब किसी को समझ नहीं आता, और दर्द किसी को सुनने की फुर्सत नहीं। - Tanya Singh

Tanya Singh

प्यार की सबसे बड़ी खूबसूरती ये है कि ये दो अधूरे लोगों को भी पूरा महसूस कराने की ताकत रखता है। - Tanya Singh

Tanya Singh

कभी-कभी इंसान टूटा हुआ नहीं होता… बस अंदर बहुत ज़्यादा भरा हुआ होता है—दर्द, यादें और बातें। - Tanya Singh

Pramila

You felt like the warmest part of the sunset… that moment where everything turns soft, quiet, peaceful, and somehow, perfectly beautiful. 🌅✨❤️ If you love gentle romantic moments like this, my novel “You’re My Favorite Rhythm” carries the same warmth — a soft love story filled with longing, healing, and quiet emotions. 📖✨ Available now on Amazon. https://amzn.in/d/8dkQf0J

Bhavna Bhatt

મારી વાત સાચી છે ને ?

Shraddha Panchal

एक अजीब सा वक्त चल रहा है , मन का कर नहीं पा रहे है, और जो करना पड़ रहा है , उसमे सुकून नहीं आ रहा है ।।🙏😇

Sudhir Srivastava

धर्म ध्वजा लहराया ********** पच्चीस नवंबर दो हजार पच्चीस का दिन जब अयोध्याधाम में जन-जन के राम प्रभु श्रीराम के भव्य-दिव्य मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा पूरी गरिमा से फहराया गया, उस पल हर सनातनी का माथा प्रभु श्रीराम के श्री चरणों में श्रद्धा से झुक गया, सनातन धर्म का नव इतिहास रच गया। जब सदियों का सपना आज पूरा हो गया जैसे फिर से रामराज्य वापस धरा पर आ गया, कल्पना के राम कहने वालों को काठ मार गया, राम और राम मंदिर विरोधियों को एक बार फिर साँप सूँघ गया। सब कुछ सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो गया, रामराज्य के नये युग का श्री गणेश हो गया। अनगिनत रामभक्तों के पांच सौ सालों की तपस्या त्याग, संघर्ष, बलिदान और धैर्य सफलता की नई इबारत लिख गया। इसका अहसास हम सबको भी हुआ जब देश के प्रधान सेवक ने ध्वजारोहण के बाद हाथ जोड़कर लहराते ध्वज को पूरी श्रद्धा से नमन किया, कँपकंपाते हाथ और मुखमंडल पर दिखी भावुकता और आत्मसंतोष से महसूस हुआ। तब मेरे मन में एक अलग ही भाव आया क्या मोदी जी को प्रधानमंत्री जनता ने बनाया या ये है जन-जन के श्री राम की माया। जो भी है, इस पर माथापच्ची बेकार है ये समूचे सनातन धर्म का सौभाग्य है जो सनातन के प्रतीक राममंदिर पर आज फिर से धर्म ध्वजा तो लहराया, जो सिर्फ हमें ही नहीं सारी दुनिया को नजर आया और हर प्राणी ने श्रद्धा, विश्वास और बड़े सुकून से प्रभु श्रीराम को शीश झुकाया विवाह पंचमी का उत्सव भी संग में मनाया। सुधीर श्रीवास्तव

Sudhir Srivastava

दोहा मुक्तक ************** चलो मृत्यु से हम करें, मिलकर दो-दो हाथ। आपस में सब दीजिए, इक दूजे का साथ। मुश्किल में मत डालिए, नाहक अपनी जान, वरना सबका एक दिन, घायल होगा माथ।। दिल्ली में विस्फोट से, दुनिया है हैरान। इसके पीछे कौन है, सभी रहे हैं जान। मोदी जी अब कीजिए, आर-पार इस बार, नाम मिटाओ दुष्ट का, चाहे जो हो तान।। वो भिखमंगा देश जो, बजा रहा है गाल। शर्म हया उसको नहीं, भूखे मरते लाल। युद्ध सिवा उसको‌ नहीं, आता कोई काम, गलती उसकी है नहीं, पका रहा जो दाल।। हम तो हारे हैं नहीं, कैसे कहते आप। सीट भले आई नहीं, मानें क्यों हम शाप। अभी टला खतरा नहीं, लोकतंत्र से यार, हम भी कहते गर्व से, हुआ चुनावी पाप।। मोदी आँधी में उड़े, खर-पतवारी रंग। सोच-सोच सब हो रहे, गप्पू पप्पू संग। जनता ने ऐसा दिया, चला बिहारी दाँव, जीते-हारे जो सभी, परिणामों से दंग।। ये कैसा परिणाम है, टूट रहा परिवार। कल तक जो थे दंभ में, बना रहे सरकार। आज बिखरता देखिए, भटक रहे हैं लोग, एक चुनावी फेर में, कहाँ गया दरबार।। धर्म ध्वजा फहरा रहा, रामराज्य के नाम। जन मानस है कह रहा, अब होगा सुखधाम। अब अपने कर्तव्य का, करो सभी निर्वाह, तभी करेंगे राम जी, सबके पूरण काम।। आज स्वार्थ का दौर है, फैला चारों ओर। अँधियारा भी किसी का, है चमकीला भोर। सावधान जो है नहीं, वह खायेगा चोट, बहुरुपिए ही कर रहे, सबसे ज्यादा शोर।। समय-समय की बात है, देख लीजिए रंग। मौन साध कर देखिए, नहीं होइए दंग।। जीवन के इस सूत्र का, हुआ नहीं है शोध, इसीलिए तो पड़ रहा, सर्व रंग में भंग।। सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश

Sudhir Srivastava

मृत्युलोक रत्न उपाधि ************ कल आनलाइन एक पत्र मैंने मृत्यु को भिजवाया, जिसका जवाब तत्काल आया, धैर्य रखिए जनाब, लिस्ट लंबी है आपका नाम लिस्ट में ही कहीं नहीं है आप यमराज के मित्र हो इसलिए आपको जवाब दे दिया वरना अभी तो अधिकांश का मेल भी नहीं देख पाया। काम का बोझ इतना है, कि सब गड्ड-मड्ड हो रहा है, ईमानदारी से कहूँ तो कुछ उलटफेर भी चल रहा है लाइन में आगे वाले को पीछे ढकेलकर पीछे वाला पहले आने के लिए मरा जा रहा है। ऊपर से आनलाइन का बड़ा लफड़ा है, डिजिटल अरेस्ट का भी खतरा है। इसलिए हमारा सारा काम-काज सोलहवीं शताब्दी के हिसाब से चल रहा है, सिर्फ ई-मेल की व्यवस्था का तकनीकी उपयोग हो रहा है। ये तो अच्छा है कि आपका मेल मैंने देख लिया वरना अनर्थ हो जाता, हो सकता है, अब तक आपका टिकट भी कट जाता। शुक्र है कि कारण बताओ नोटिस से मैं बच गया। अब आप मेरा कहना मानो और मेल भेजने का कष्ट कभी न करो, सुविधानुसार आपको ले आऊँगा। बस! आप स्वस्थ, मस्त, व्यस्त रहो यमराज से नोक -झोंक करते रहो कविताओं का पुलिंदा बनाकर रखते रहो, यहाँ भी एक भव्य कवि सम्मेलन करवा दूँगा, प्रतिष्ठित सम्मान, उपाधि भी आपको दिलवा दूँगा, कोई नहीं तो मैं ही मृत्युलोक रत्न उपाधि, मोमेंटो और एक खूबसूरत शाल के साथ आपको सम्मानित कर दूँगा। आप चिंता बिल्कुल मत करो प्रचारित, प्रसारित भी करवा दूंगा आपका नाम मृत्युलोक में भी चमका दूँगा, राज की बात है रहने दीजिए आपको वीवीआईपी सुविधाएँ भी दिलवा दूँगा। सुधीर श्रीवास्तव

Shraddha Panchal

શ્વાસે શ્વાસે રુંધાયેલ છું , વાતે વાતે મૂંઝાયેલ છું , મારા કાન્હા રહું છું શાંત હું , છતાય અઢળક વિચારો થઈ ઘેરાયેલ છું.😇

અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ

અછાંદસ કાવ્ય: શિર્ષક: (જીવનનો વળાંક ને નવી દિશા) સમય ​ન તો તે સાથી છે, ન તો તે દુશ્મન. ​બસ, એક અદ્રશ્ય રેતી છે, જે હથેળીમાંથી સરક્યા જ કરે છે. ​આપણે દોડીએ છીએ, થાકીએ છીએ, પણ એના પગલાંની ધૂળ ક્યારેય બેસતી નથી. ​અને જીવનના આ વળાંકો... એ અચાનક આવે છે, જેમ નકશામાં ન હોય એવી નદી. ​પહેલાં તો ડર લાગે છે, કે શું થશે હવે? ક્યાં જઈશું? પણ એ વળાંક જ, આપણને નવી દિશા આપે છે. નવો સૂરજ, નવી હિંમત. ​ઠોકર વાગ્યા પછી ઊભા થવું, એ વળાંકનો સૌથી મોટો પાઠ છે. ​ક્યાંય રોકાવું નહીં, કારણ કે, વળાંક પછીની શાંતિ જ "સ્વયમ’ભુ’"સાચી મંઝિલ હોઈ છે. અશ્વિન રાઠોડ સ્વયમ’ભુ’

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984045/the-journey-is-never-incomplete Safar adhura nhi hota. By Tanya Singh

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984055/bablu-39-s-brahmastra #Bablu ka brahmastra New story by me.

Tanya Singh

https://www.matrubharti.com/book/19984056/the-divorce-diary Hy guys plz read new story by me. #Tanyasingh The divorce diary

રોનક જોષી. રાહગીર

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pink lotus

true 🥀...

उषा जरवाल

नज़र से नज़र मिलाकर तुम कुछ ऐसी नज़र लगा गए , ख़ुद नज़र आए नहीं और हम सबकी नज़र में आ गए । जब मिली फिर से ये कमबख़्त नज़रें हमारी तो फिर सब नज़रअंदाज़ हो गए ।

Imaran

न किसी की आंख का नूर हूं, न किसी के दिल का क़रार हूं, जो किसी के काम न आ सके, मैं वो एक मुश्ते गुब़ार हूं 🥶 imran 🥶

Nisha ankahi

मेरी उड़ान को देखकर लोग कहते हैं," रुक जा" मैं सिर्फ मुस्कुरा देती हूँ… क्योंकि मेरा आसमान बेख़ौफ़ है। - Nisha ankahi

Yogi Krishnadev Nath

coming soon

Gautam Patel

Laxmi maa

Bk swan and lotus translators

That's a great goal! Getting offers in modeling is a combination of preparation, promotion, and professionalism. The industry has become much more diverse, so there are opportunities in many different niches. Here is a step-by-step guide on how to get started and increase your chances of getting offers: 1. Preparation is Key (Your "Product") 🎯 Find Your Niche Modeling isn't one-size-fits-all. Determine which category you fit best, as this will guide your portfolio and agency applications. * High Fashion/Editorial: Often requires specific height/measurements, focus on unique features and runway skill. * Commercial: Focuses on looking approachable/friendly for everyday products (ads, catalogs). More flexible with age, height, and size. * Plus-Size/Curve: For models who are size 12 and up. * Fitness/Swimwear: Requires a toned or athletic physique. * Parts Modeling: Focuses on specific body parts (hands, feet, hair). * Petite: For models under the typical height requirement (often under 5'7"). 📸 Build a Professional Portfolio This is your business card and resume. You need high-quality, varied images. | Photo Type | Description | |---|---| | Digitals/Polaroids | Simple, unedited photos (full body, close-up face shot, side profile) in plain clothes and no makeup. Agencies need to see the real you. | | Headshots | Clear, expressive face shots that capture your personality and features. | | Full-Length Shots | Show your body proportion, movement, and poses in various outfits/styles. | | Variety | Include a range of looks (e.g., editorial, commercial, casual) to showcase your versatility. | 💪 Practice & Grooming * Practice Poses: Use a mirror to work on your angles, expressions, and poses for your chosen niche. * Walk (if applicable): Practice a strong runway walk if you are pursuing fashion/runway. * Maintain Appearance: Keep your skin, hair, and nails healthy, as this is part of the job. 2. Getting Offers (The Search) 🤝 Target Modeling Agencies This is the most common path to legitimate, high-paying work. * Research: Look for reputable agencies that represent your specific type of modeling and are located in major markets (or your local area). * Apply Online: Almost all agencies have an online submission process (check their website!). They typically ask for your measurements, contact info, and digitals/polaroids. * Attend Open Calls: Some agencies host "open calls" where you can walk in and meet a scout. Check their website/social media for dates. > ❗ Important Note: Never pay an agency a large up-front fee to sign with them. Legitimate agencies make money when you get a job (by taking a commission). > 💻 Use Online Casting Platforms If you don't have an agent or want to find smaller/independent gigs: * Sign up for online casting sites (e.g., Backstage, Model Factory, Go-Models). * Keep your profile, photos, and measurements up-to-date and accurate. * Actively submit applications for jobs that match your look. 📱 Leverage Social Media * Create a Professional Account: Use a clean, professional name (e.g., your name + "model"). * Post High-Quality Content: Treat it like a living portfolio. Use great photography and showcase your best angles/looks. * Network: Follow photographers, stylists, and casting directors in your area. You can find "test shoot" opportunities this way, which helps build your portfolio. 3. Professionalism * Punctuality: Always be on time for castings, test shoots, and jobs. * Attitude: Be confident, professional, and easy to work with on set. * Adaptability: Be prepared to take direction quickly and try different looks or expressions. * Persistence: Modeling involves a lot of rejection.

Mritunjay kumar

सच तो यह है कि समय अपने बीतने के लिए किसी की भी स्वीकृति की प्रतीक्षा नहीं करता!

Nirav Vanshavalya

if some dont getting child by his some physicals or his own work ,then it is suggestible that to do intake of panipuri or gol gappa friquant or untill success. his reproductive will come active and once he will get good news, ofcourse.

Praveen Kumrawat

Hi अंशु कैसी हो? उम्मीद करता हूँ अब तुम ठीक होगी। 2 महीना और 21 दिन बीत गए हैं मैंने काफी समय से तुम्हारी सूध नहीं ली। पहले शुरू शुरू में मैं कॉल या मैसेज कर लिया करता था पर ego के चलते मैंने वह भी बंद कर दिया उसके बाद तुम्हारे मैसेज कॉल भी नहीं आए। मैं सोचता था हमेशा मैं कॉल करता हूं अब तुम कॉल करोगी और शायद तुम सोचती होगी कि मैं कॉल करूंगा मुझे सोचना चाहिए था कि तुम पर वहां क्या बीत रही होगी पर मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया अपने ego के चलते मैं उसके लिए भी माफी चाहता हूं। पता नहीं उस समय पर तुम पर क्या बीत रही होगी तुमने पता नहीं क्या क्या झेला होगा मैने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। तुम्हें मेरी जरूरत थी और मैं एक कॉल भी नहीं कर पाया अंशु यकीन मानो यह कोई बहाना नहीं है उस समय में खुद भी बहुत परेशान रहता था इसलिए तुम पर ध्यान नहीं दे पाया उल्टा में तुमसे नाराज होता रहा मेरा यकीन करो मैं खुद यहां अकेला पड़ गया था। मैं जानता हूं कि मैंने गलतियां की है और मैं उन्हें सुधारना भी चाहता हूं मैं तुम्हें वापस पाना चाहता हूं। अंशु मैं तुम्हें खुश रखना चाहता हूं मैं तुम्हारे साथ जिंदगी बिताना चाहता हूं प्लीज मुझे एक मौका और दो। प्लीज आखिरी मौका। तुम्हारा, तुम्हारा प्रवीण . . .

Bharat Ahir

હું અને તું દિલ દઇને ઉજવીએ છીએ એટલું બસ છે,* *મનના મેળાપની કંકોત્રી ક્યાં છપાવવાની હોય છે.*✍🏻✍🏻 - Bharat Ahir

वात्सल्य

સાચા #દોસ્તને સાચવો..... ♥️♥️♥️♥️♥️♥️ તું આવવાની છે તે સાંભળી હૈયું હાથમાં ના રહ્યું. કેટલા વરસે તું આવી રહી છે!એક દાયકો વીતી ગયો.કદાચ મને એમ હતું કે દિપાલી ભૂલી ગઈ છે.પરંતુ તારા આવવાના એક કૉલે મારી બધીજ નિરાશાઓ ખંખેરી નાખી. દીપક અતીતની યાદોમાં સ્વગત બોલ્યે જતો હતો.દિપાલી ! તને ખબર છે? આપણે બેઉ એક વખત રસ્તામાં બાઈક પર જતાં હતાં ત્યારે એક નાનકડું મંદિર આવ્યું.આરસનો ચોખ્ખો ઓટલો અને મંદિરની ફરતે લીલી વનરાજીથી વિંટડાયેલી વિવિધ લતાઓમાં વિવિધ ફૂલો જોઈ ઘડીભર તો તું નાચી ઊઠી હતી.તારી ભંગીમાઓ જોતાં મનોમન હું ખુશ થતો હતો.આશા હતી કે આપણે સાથે લગ્ન કરી જીવશું, સાથે મરશું. ખૂબ રખડ્યાં. એ દિવસોમાં તારા વગર હું ઘડીકેય રહી ના શકતો. તું પણ મને સતત ઝંખતી. અવનવા સ્થળે આપણે બેઉ બાઈક પર ઉપડી જતાં.. આહહહ કેવી જિંદગી હતી?અને આજે તું વરસો પછી મને જ મળવા આવી રહી છે! કેમ આવતી હશે? હું તો પરણી ગયો છું તે તો એને ખ્યાલ જ છે. મેં એને કંકોતરી લખી હતી.તેણે તો મને જાણ કર્યાં વગર લગ્ન કરી લીધાં હતાં. ફોન પર મેં પૂછ્યું તો કે હું એકલી જ આવું છું. શું કામ પડ્યું હશે મારું? અચાનક રૂબરૂ આવવાનું કારણ? મેં એને પૂછ્યું પણ નહિ કે કોણ કોણ આવો છો આવવાનું કારણ એવું કોઈ જ પૂછ્યા વગર અતિ ઉત્સાહમાં હા તો પાડી જ દીધી છે.મનમાં શંકા - કુશંકાનાં વાદળોમાં તે ચંદ્ર જેમ ઢંકાઈ ગયો.ઓરડામાં અંધારું થતાં દિપકે બત્તી કરી.ત્યારે ખબર પડી કે સંધ્યા થઇ ગઈ છે.તે નજીકના શહેરથી લોકલ બસમાં સાત વાગે ગામે ઉતરશે.બસ સ્ટેન્ડ પર મને રિસીવ કરવા આવજે.દિપાલી ફોન પરના છેલ્લા શબ્દો યાદ આવતાં તે વિચારમંથન પડતું મુકી ઝટ બાઇકને કીક મારી તે બસ સ્ટૉપ પર પહોંચ્યો.બસ હજુ આવી નહોતી એટલે હાશકારો થયો.બાઈક સ્ટેન્ડપ કરી તેની વાટ જોવા માંડ્યો.ખૂબ મંથનને અંતે દિપાલીનું આગમન થયું.દસ વરસે કેમ આવવાનું થયું હશે તેવા વિચાર તંદ્રામાં પાછો ખોવાઈ ગયો. નિર્ધારિત સમયે બસ સ્ટૉપ પર આવી.ઝટ બાઈક પરથી ઉતરી બસના પગાથીએ પહોંચીને દીપાલીની ઉતરવાની ઘડી જોતો રહ્યો.દીપકનું મન અધીરું બન્યું.દિપાલી ભરેખમ સામાન બેઉ હાથમાં મોટી બેગ લઈને જેવી પગથિયે આવી એટલે દીપકે પહેલાં તો તેના ચહેરા સામે ક્ષણિક જોઈને હાથમાં ભારેખમ થેલો લઇને નીચે મુકી બીજો સામાન ઉતારવામાં મદદે લાગ્યો.છેલ્લે બસના પગથિયે દિપાલીનો હાથ પકડી ઉતારી.સામાન બાઈક પાસે લઇ પછી દિપાલી સામે જેવો આંખ મિલાવવા જાય છે ત્યાં દિપાલી ખુદ બે હાથ ફેલાવીને હ્રદયસરસી ભેટી પડી.હરખનાં છે કે મુશ્કેલીના બે આસું છે,તે દિપક સમજી ના શક્યો.ઘડી બે ઘડી બાદ દિપાલીએ હાથ ખુલ્લા કરી પોતાની આંખમાં આવેલાં આસું પોંછી બાઈક પર સામાન સાથે બેસી ગઈ અને દીપક પોતાના ઘેર લાવ્યો.હજુ પણ બેઉ ચૂપ હતાં.સવાલ ઘણા ઘુમરાતા હતા પરંતુ દીપક એટલા માટે ચૂપ હતો કે દીપાલી ફ્રેશ થાય પછી જ વાત.કેમકે દિપાલીના સામાનથી લાગતુંતું કે રોકવા આવી હશે. દીપાલી બાથરૂમમાં ફ્રેશ થઇ આવી.કપડાં બદલી ઘરના એક કમરામાં તેનો સામાન દિપકે મુકી દીધો હતો.આંગળી ચીંધી દીપાલીને રૂમ બતાવી તે પલંગ પર બેઉ બેઠાં. . તેના રૂમમાં બીજું કોઈ હતું નહિ.એટલે જાતે પાણી કોફી બનાવી દીપાલી ને આપી.દીપક તેના ગામથી દૂર એક મહાશાળામાં તે પ્રોફેસર હતો.દીપાલી બોલી.. દીપક કેમ ઘરમાં કોઈ નથી? વાઈફ કયાં છે ? દીપક બોલ્યો... તારો કૉલ આવ્યો તેના બે કલાક પેલાં તેના પપ્પાને પિયર કોઈ અગત્યનું કામ પડ્યું એટલે ગઈ છે.પરંતુ તું ટેન્શન ના લે હું એને કૉલ કરી દઉં છું.કે તું આવી છે. દીપાલી બોલી.ઓકે! દીપક કૉલ કરી ને દીપાલીના આકસ્મિક આગમનની બાબત પૂછી... બોલ દીપાલી! તારું આમ આવવાનું આકસ્મિક કારણ? તે પણ તારા ભરેખમ બેગ સાથે....! ત્યાં દીપાલી બોલી... હું સાડી વેચવાનો ધંધો કરું છું.મારા પતિને કોઈ અન્ય જોડે લફરું હોઈ તે મને આ દસ વરસમાં કામવાળી સમજી નજીક તો ઠીક પરંતુ બોલાવતો પણ નહિ હતો.મેં આ સમયમાં ખૂબ સહન કર્યું.અસહ્ય ન થતાં મારે એ ઘરે થી નીકળવાની ફરજ પડી.પિયરમાં ભાઈ ભાભીના બેઠે રોટલા કયાં ખાઉં? છેવટે ઓશિયાળો રોટલો ખાઈ કોને ભારે પડું? માટે મેં એક ઓરડી ગામની અંદર ભાડે રાખી છે.હું એકલી રહું છું. શરૂઆતમાં ખૂબ એકલું લાગ્યું પરંતુ હવે એકલતા કોઠે પડી ગઈ છે.આપણી સાથે ભણતા તમામ મિત્રોમાં ફેરી કરતાં તારો નંબર મળ્યો ને કોન્ટેક કર્યો.મારા પતિ પાસે હું વરસોથી જતી નથી અને એણે મને આજ સુધી હું કયાં શું કરું છું, તે ખબર લીધી નથી.શું કરું પછી ત્યાં જઈ? હું હરખનો જાત મહેનતનો રોટલો ખાઈ દહાડા કાઢું છું. . આટલું બોલતાં દીપક જાણે ફીલ્મ નો ઘડી ઘડી બદલાતો પ્રસંગ જોઈ દિ્ગમૂઢ બની દીપાલી સામે જોઈ રહ્યો.આંખમાં આંસુ સાથે સ્વસ્થ થઇ બોલ્યો.દીપાલી! તું થાકી છે.ટિફિન મેં મંગાવી લીધું છે.તું ભૂખી છે માટે જમી લે પછી નિરાંતે વાત કરીએ. જમ્યા પછી દીપક બોલ્યો.. દીપાલી તારે આવી રીતે સાડી વેચવાની ફેરી નથી કરવી.મારી કોલેજમાં એક ક્લાર્કની જગ્યા છે.તારા માટે નોકરી અને રહેઠાણ બેઉ વ્યવસ્થા કરું છું.બીજું કંઈ ના વિચારીશ.. હું માત્ર તારો દોસ્ત છું. ભૂતકાળ જે હોય તે.મારી હૂંફ તને મળતી રહેશે. તે રાતે દીપાલીની સર્વ વાતો સાંભળી દીપક ક્યારે ઊંઘી ગયો ખબર ના પડી.બીજી તરફ દીપાલી થાકેલી હતી.તે વિચાર કરતી કરતી ભગવાનને કહી રહી હતી ભગવાન! તેં મને મારો દોસ્ત પાછો મને મેળવી આપ્યો..અસ્તુ! (#દોસ્તને તમારી સુખ દુઃખની વાતો શૅર કરતા રહો. જેને સાચો દોસ્ત મળ્યો છે,તે આ જગતનો સુખી માણસ છે.) - સવદાનજી મકવાણા (વાત્ત્સલ્ય

Bharat Ahir

અંતર ને વલોવતું એક તારણ નીકળ્યું ... માનવી નું ભેજું જ, માણસાઈ નું મારણ નીકળ્યું..✍🏻✍🏻 ભરત આહીર

Agyat Agyani Vedanta philosophy

मनुष्य भाग नहीं रहा। उसे भीतर उठती ऊर्जा धक्का देकर दौड़ा रही है। जैसे आग ईंधन को चिंगारी दे — तो ईंधन खुद नहीं जलता, ऊर्जा जलाती है। इसी तरह मनुष्य खुद गतिशील नहीं — ऊर्जा उसे गतिमान करती है। लेकिन ऊर्जा अंधी है। उसके पास दिशा नहीं। दिशा — वासना देती है। वासना आँख है — ऊर्जा उसका बल। जैसे घोड़े की आँख पर पट्टी बाँधकर उसे दौड़ाया जाए — घोड़ा भागेगा, पर दिशा गलत होगी। आज मनुष्य इसी तरह दौड़ रहा है। पता नहीं कहाँ… क्यों… किसलिए… ऊर्जा का बहाव चल रहा है पर दृष्टि नहीं। --- आज का इंसान = मक्खी एक मक्खी गंदगी पर बैठती है हजार मक्खियाँ उसी गंदगी पर भागती चली जाती हैं — उसे अमृत समझकर। तथाकथित बुद्धिजीवी राजनीतिक, वैज्ञानिक, धार्मिक — सभी इसी अंधे झुंड का हिस्सा हैं। सफलता देंगे, स्वर्ग देंगे, मोक्ष देंगे, स्वास्थ्य देंगे… बस बेच रहे हैं और ऊर्जा को गलत तरफ और तेज़ धक्का दे रहे हैं। --- ऊर्जा का नियम (अस्तित्व का विज्ञान) ऊर्जा का स्वभाव है — बहना, खर्च होना, गति देना लेकिन यदि उसका रूपांतरण हो जाए तो वही ऊर्जा — बिजली की तरह अद्भुत शक्ति बन जाती है। जैसे विज्ञान ने बिजली को तरंगों में, प्रकाश में, रॉकेटों में बदल दिया — वैसे ही आध्यात्मिकता का विज्ञान ऊर्जा को चेतना में बदलता है। इसे ही वासना रूपांतरण कहते हैं। यही वास्तविक आध्यात्मिक विज्ञान है। --- असली गरीबी क्या है? ऊर्जा सबके भीतर बहुत है — ज़रूरत से हजार गुना ज़्यादा। लेकिन दृष्टि — नहीं। दिशा — नहीं। जीवन जीने का विज्ञान — नहीं। इसलिए साधन बढ़ते जाते हैं, पर जीवन नहीं मिलता। यह दुनिया — साधन खोजने वालों का समाज है, जीवन खोजने वालों का समाज नहीं। --- असली धर्म क्या है? धर्म → जीना सीखना आध्यात्मिकता → ऊर्जा को दिशा देना लेकिन धर्म और विज्ञान — दोनों अभी अंधेरे में भटक रहे हैं। कोई भी नहीं कहता कि “मुझे जीना है” सभी कहते हैं — बड़ी चीजें पाना है मोक्ष, ईश्वर, सिद्धि, सफलता… पर जीवन की कला सीखना ही मोक्ष है। जीवन का बोध ही ईश्वर है। --- आज का धार्मिक बाज़ार आज सब बेचा जा रहा है: ○ साधना ○ कुंडलिनी ○ मंत्र ○ चक्र ○ स्वर्ग ○ पुण्य और बेचने वाले? खुद — अंधे। और खरीदने वाले? अंधे का सहारा लेकर अंधेरे में गिरते हुए। भीड़ तीर्थ कुंभ भव्य मंदिर सब एक सपना उद्योग हैं। यह सब जीवन नहीं देता — जीवन छीनता है। --- निष्कर्ष जीवन को जीने का विज्ञान चाहिए। शास्त्र नहीं कथा नहीं व्यवहारिक, अनुभवजनित ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान। उसका नाम — वेदांत 2.0 🌟 जहाँ जीवन स्वयं शास्त्र बने। जहाँ ऊर्जा स्वयं चेतना बने। जहाँ जीना ही मईश्वर हो।

Ashish

“Decision દિમાગથી લો, દિલથી નહિ… પણ દિલને પણ ignore નહિ કરવું.” જ્યારે કોઇ મિત્રો વિષે ભ્રમમાં આવી જાય, ત્યારે સાહેબ તેને કહેતો: “ લોકો Social Media પર જે દેખાડે છે, એ હંમેશા સાચું હોય એવું નહીં. Real friends ઓળખવા માટે likes નહીં… time, trust અને truth જોઈએ.” Story moral (Denim’s way): ➡ “Noise થી નહિ… Facts થી નિર્ણય કરો.” ➡ “Real life ના रिश्તા ઓ Social Media ના filter થી ન માપવા.”

Rahul Raaj

तेरे दिन अच्छे है तो तू किनारा करले.. हम बुरे लोग है.. बुरे वक्त में काम आयेंगे... 😎

Agyat Agyani Vedanta philosophy

✧ जब धार्मिक खुद जीने लगे ✧ यदि धार्मिक खुद जीना सीख ले तो: • न मंच बने • न संस्था खड़ी हो • न गुरु का व्यापार हो • न घंटालगिरी चले क्योंकि जिस क्षण कोई जीने लगता है — उसे चाहिए ही क्या? ○ दो रोटियाँ ○ तन ढकने को कपड़ा ○ और भीतर आनंद, प्रेम, शांति बस इतना ही तो जीवन है। --- लेकिन आज? धर्म = व्यापार मंच = मार्केट गुरु = ब्रांड भक्त = कस्टमर और मोक्ष = प्रोडक्ट साधना = पैकेज सेवा = पब्लिसिटी धर्म = बिजनेस प्लान यह जीवन नहीं, यह उद्योग है। --- असली गुरुत्व क्या है? जिसके जीवन में जीवन की कला हो जाती है — लोग स्वयं खिंचकर आते हैं। जैसे ओशो के समय — कोई प्रचार नहीं, कोई निमंत्रण नहीं फिर भी दुनिया पागल होकर पहुँच गई क्योंकि वहाँ जीवन था कथाएँ नहीं। धर्म वही है — जहाँ जीना सीखने मिलता है पाना नहीं। --- असली गुरु को क्या चाहिए? उसे कुछ भी नहीं चाहिए। क्योंकि: ○ जिसकी वासना रूपांतरित है उसमें आनंद पूरा है ○ जिसे जीवन मिल गया उसे साधन की लालसा नहीं जैसे पुष्प — “मधुमक्खी बुलाता नहीं” फिर भी पूरा बाग उसके पास आता है। भक्त खोजेगा नहीं — भक्त खुद चलकर आएगा। --- आज का सत्य आज के धार्मिक, राजनीतिक, गुरु — सब बेच रहे हैं: आशा, स्वर्ग, सफलता, मोक्ष, सिद्धि… और साधारण जनता अधिक वासना और अंधकार में फँसी हुई — उन्हें साधन चाहिए, जीना नहीं। लेकिन याद रखो: जनता पापी नहीं — पवित्र है सिर्फ उसकी ऊर्जा की दिशा गलत है। --- सार जहाँ धर्म जीने की कला देता है — वह जीवित धर्म है। जहाँ धर्म बेचने की दुकान बने — वह मरा हुआ धर्म है।

A

कोन खरीदेगा मेरी आंख से रुकरार का आशु वो जब दर्द का ताज़ीर था मोहब्बत छोड़ दी उसने

A

काजलो की धार से मारा गया मुझे नये हथियार से मारा गया कत्ल मेरा लग रहा है खुदकुशी मुझे इतने प्यार से मारा गया

Soni shakya

ये हथेलियां भी खाली कहां ..! उसके होठों की मिठास ताउम्र बरकरार रहेगी..! - Soni shakya

A

कई गर्म से गर्म लोहा भी टूट जाता हैं यहां कई झूठे हो तो सच्चा भी टूट जाता हैं यहां

Armin Dutia Motashaw

GRASS ONLY LOOKS GREENER ON THE OTHER SIDE. IT GETS GREENER ONLY IF YOU WATER IT. Anar

Soni shakya

"ऐसा नहीं है कि इश्क में, पूरी तरह कंगाल है हम..! उसकी यादों के खजाने से भरा पड़ा है, दिल और घर मेरा"..!! - Soni shakya

Bharat Ahir

હું જો કરું સામે થી "પહેલ" તો વાત થઈ જાય છે, નહીંતર સવારથી સાંજ અને સાંજ થી રાત થઈ જાય છે...✍🏻✍🏻 ભરત આહીર

Narendra Parmar

हम तो मजबूर हैं अपनी आदत से क्या तूझे तकलीफ़ होती है मेरी मोहब्बत से।। नरेन्द्र परमार " तन्हा "

GIRLy Quotes

वो दिन अब तक ना आया तो आगे भी अब कभी नहीं आएगा ! 💔🥀_______

soni

*वक्त* और *अपने* जब दोनों *एक साथ चोट* पहुँचाए तो इंसान बाहर से ही नहीं *अंदर से भी टूट* जाता है - soni

kshitija

कुठलीही गोष्ट आयुष्यभर सोबत कधीच राहू शकत नाही कधी न कधी ती सुटतेचं सोबत राहतात त्या आठवणी अन् त्यातून भेटलेल्या शिकवणी आयुष्य नेहमी वेग वेगळी वळणं घेत राहतं त्या वळणावर आपण किती टिकून राहतो ते महत्त्वाचं असतं आयुष्यभर सोबत राहण्याची वचनं देणारा जोडीदार सुद्धा कधी न कधी अर्ध्या वळणात एकट्याला सोडून दूर कुठेतरी निघून जातोच ना? त्याने जगणं थांबत का? तसचं परिस्थितीच देखील आहेच! आज काही गोष्टी सोडाव्या लागल्या त्याने जीवनचं संपल अस तर म्हणता येणार नाही! हे आयुष्य आहे इथे प्रत्येक व्यक्तीची एक सुंदर कहाणी आहे फक्त त्यातील पात्र आणि घटना रहस्य आहे त्या वेळ आल्या की समजतातच!

Mamta Trivedi

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

Komal Arora

मुझे खुद का एसे होना अब अच्छा नहीं लगता...... सारी उम्र जिसका इंतजार किया.... उसका यू होना अच्छा नहीं लगा...... ना जाने ये दुख है मेरे हिस्से के....... या फिर किसी का यू चले जाना अच्छा नहीं लगा........ kanha sorry and thankyou for everything.....

Manish Patel

*નિયત થી ભગવાન પ્રસન્ન* *થાય છે,* *ને દેખાડા થી માણસ..!!!* good morning radhe radhe 🙏

Nirali patel

“राज तो हमारा हर जगह पे है... पसंद करने वालों के “दिल” में और नापसंद करने वालों के “दिमाग” में।”

A

सुना है ईद आने वाली है हर कोई खुद को सजाएं हुए हैं कोई कैसे ईद मनाए जिसका महबूब ही रूठा हो

Rahul Raaj

अपने दिल का हाल तो सब यहां लिखते है. आज सोचा.. मैं आप सबका हाल पूछ लू... कैसे है आप सब.. 🫂

A

तीसरा शख़्स कहानी में नहीं आएगा दूसरी बार मोहब्बत नहीं होने वाली

Thakor Pushpaben Sorabji

હતી જેનાથી દૂર હું ત્યારે અઘરી લાગતી હતી એ મળી જ્યારે એને હું ત્યારે ઓ મુશ્કેલી સમજી તુજને ઘણુ શીખવાડી ગઈ તું મુજને! જય શ્રી કૃષ્ણ: "પુષ્પ" - Thakor Pushpaben Sorabji

Tru...

"નવો દિવસ, નવી શરૂઆત… ભૂતકાળ હળવો, વર્તમાન મહેકતું."

Imaran

रह जाएगी दिल में एक कसक सारी उम्र, रह जाएगी ज़िन्दगी में तेरी कमी सारी उम्र, कट तो जायेगा यह ज़िन्दगी का सफर लेकिन रह जाएगी ख्वाहिश तुझे पाने की सारी उम्र 🤝 imran 🤝

Dada Bhagwan

Do you know that emotional agitation is very dangerous? One loses his consciousness during emotional agitation and so many karmas get bound. To know more visit here: https://dbf.adalaj.org/xqjFCNpC #angermanagement #angerissue #selfhelp #selfimprovement #DadaBhagwanFoundation

jighnasa solanki

GOOD MORNING EVERYONE 🌻☕🌻

soni

*"बेटे ने बाप को एक घड़ी गिफ्ट दी* *बाप ने एक गहरी बात कही* *बेटा कभी 'समय' भी दे दो" * *"एक समझदार व्यक्ति को* *उम्र भर केवल एक ही बात से ठगा जाता है...* *'तुम तो समझदार हो,* *तुम्हें तो समझना चाहिए'"*

વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા

महफ़िलमे यूं आप नजर आए और पसंद आ गए ये एक इत्तफाक है, और हर महफ़िलमे नज़र आपको ढूंढे ये मेरा इश्क है। - स्पंदन

kajal jha

दिल को ताक़त देने वाली एक मजबूत मोटिवेशनल शायरी पेश है — हौसलों की उड़ान रख, मंज़िलें ख़ुद झुक जाएँगी, तू बस एक क़दम बढ़ा… राहें अपने आप बन जाएँगी। गिरकर उठना ही असली जीत है, जो ठहर जाए वो कभी सफ़र पूरा नहीं करता। उम्मीद का एक चिराग़ दिल में जलाए रखना, अँधेरा कितना भी हो… रास्ता दिख ही जाता है। जो लोग तुझ पर हँसते हैं, उन्हें हँसने दे, अक्सर वही लोग कल तेरी कामयाबी के क़िस्से सुनाते हैं। तू बस मेहनत कर, लगन रख, खुद पर विश्वास रख— क्योंकि किस्मत भी वहीं झुकती है, जहाँ हौसलों का क़द बड़ा हो। - kajal jha

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