Gujarati Whatsapp Status |
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Dr. Damyanti H. Bhatt
वास्तविक जीवन,,,🌹🙏🌹
Dr. Damyanti H. Bhatt
सुविचार,,,,🌹🙏🌹
sujata
tingledoodle1 🍀
- sujata
sujata
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Dr. Damyanti H. Bhatt
अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹
Tanya Singh
Your journey is your strength — own it.
- Tanya Singh
Tanya Singh
Not everyone deserves your fire—some can’t handle your light.
- Tanya Singh
Dr. Damyanti H. Bhatt
अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹
Tanya Singh
She built peace from the pieces they left behind.
- Tanya Singh
Mesariya Aaryan naresh kumar
ઉદય થયો છે દિવાકરનો,
પ્રકાશ પાથરશે નવસર્જનનો,
ઘડીઓ લખશે ઈતિહાસ પરિશ્રમનો,
આ કલમ જાણે સફળતાની.
Anghad
એક લેખક તરીકે અહીં થોડી વાર્તાઓ લખવાનો પ્રયત્ન કર્યો છે. મહેરબાની કરી પસંદ આવે તો અહીં લાઈક કરજો અને કયા પ્રકાર ની વાર્તા વધુ પસંદ આવી તે ચોક્કસ જણાવજો.
Agyat Agyani
स्त्री गाय है, पुरुष बेल है —
संघर्ष यह नहीं कि स्त्री भी बेल बनकर धन कमाए।
गाय की अपनी मौलिकता है — प्रेम, सृजन और पवित्र रचनात्मकता।
राजनीति, नौकरी, धन-उपार्जन — यह बेल का क्षेत्र है,
गाय का नहीं।
हमारा प्राचीन विवेक जानता था —
गाय और बेल को एक साथ जोतना अन्याय है,
प्रकृति के संतुलन के विरुद्ध है।
पर आज की अंधी राजनीति, अंधा विज्ञान, और अंधा बुद्धिजीव —
सभी ने उस मौलिक विवेक को खो दिया है।
अब कोई नहीं पूछता कि धर्म कहाँ है,
क्योंकि सबने स्वभाव को त्यागकर समानता का मुखौटा पहन लिया है।
hiralba vala
gn 💘 ❤️miss you jiv lv uh ❤️ gn 11 :00
Kaushik dave
💔 અધૂરો પ્રેમ
તું મળી હતી એ પળ, આજે પણ યાદ છે,
પણ એ પછીનું મૌન, દિલની ફરી યાદ છે.
તારું સ્મિત હતું મારી દુનિયાનું પ્રકાશ,
હવે એ જ ચહેરો યાદ આવે છે ઉદાસ.
હું શબ્દોમાં કહેવા ગયો તો આંસુ બોલી પડ્યા,
તારા વિના આ ધડકન પણ અર્ધી થઈ પડ્યા.
તું ગઈ ને ખાલીપો છોડી ગઈ એ આંખોમાં,
પણ પ્રેમ તો હજી જીવે છે એ યાદોમાં.
કદાચ તું પાછી નહીં આવેશ… એ સમજું છું હું,
પણ તને ભૂલી જાઉં એ પણ ખોટું છે, જાણું છું હું. 💔
– કૌશિક દવે ✍️
Kaushik dave
💖 પ્રેમની સુગંધ
તારી યાદોનું દરિયો, રોજ મનમાં છલકે,
હું શબ્દોમાં તને લખું, દિલના રંગે ભરકે.
તારું સ્મિત — એ ચાંદની રાતનું પ્રકાશ,
તું નજરે પડે એટલે સમય રોકાય, સાસ.
પ્રેમ તારો એ શબદ નહીં, એક અહેસાસ છે,
તું દુર હોવા છતા પણ, દિલમાં તું આસપાસ છે.
દરેક ધબકનમાં તું જ, દરેક સ્વપ્નમાં તું જ,
તું જ શરૂઆત, તું જ અંત, મારું જીવન તું જ. 💞
– કૌશિક દવે ✍️
Kaushik dave
“પ્રેમ એ શબ્દ નથી, એ તો એક એવી લાગણી છે જે આંખોમાં લખાય છે અને દિલમાં વાંચાય છે.”
– કૌશિક દવે 💫
Nensi Vithalani
जहाँ गए हो, वहीं बस जाना,<br />
वापस आने की अब सोचना मत।<br />
जो नया मिला है, उसे मुस्कुराकर रखना,<br />
पुराने लोग तुम्हें अब पसंद नहीं आएँगे…”
Mesariya Aaryan naresh kumar
ચાલ ને, એક દી વિહગ બનીએ!
સંકુચિત ના રહી, ને ફલક ફરીએ.
આ અવની પરથી ચણ ચણીએ,
ચાલ ને, આ મધુર કલરવ કરીએ.
એક દી વિહગ બનીએ.
સ્વાર્થ છોડી સમુદ્ર બનીએ.
ચાલ ને, તરુ ને લતા સાથે મૈત્રી કરીએ,
ચાલ ને, સમગ્ર ફલક ફરીએ.
લીલા તરુ પર સૌ બેસે;
ચાલ ને, સૂકા તરુ સાથે વાત કરીએ.
ચાલ ને, ફરીથી એ પાંદડાના
મકાન કરીએ. ચાલ ને, એક દી વિહગ બનીએ.
Shefali
एक बार फ़िर से...
#shabdone_sarname__
#shabdone_sarname_
#શબ્દોને_સરનામે__
Falguni Dost
ભર શિયાળે પણ હૃદય ભડભડ બળતું હતું,
રાખ થતા સ્વપ્નને સાચવવા મથતું હતું,
અગન બદન અને સઘળું ભડકે બળતું હતું
આતુર બન્યું કુદરત એ પણ ઠારવા મથતું હતું,
ઈશની મહેરબાની જો, એ વાદળું ધોધમાર વરસ્યું હતું,
જોત જોતામાં ટાઢક છવાઈ સઘળું ઠર્યું હતું,
દોસ્ત! આંખમાંથી લાવા સમ આંસુ સર્યું હતું.
- ફાલ્ગુની દોસ્ત
Kirti kashyap
"लफ़्ज़ और लोग"
कभी कहते हैं —
मेरे लफ़्ज़ सस्ते हैं,
कभी गूगल से, कभी कहीं और से आये हैं।
लफ़्ज़ सस्ते नहीं होते जनाब,
बस सुनने वाले की सोच सस्ती हो जाती है।
पर जो दिल से लिखता है,
वो जानता है…
हर मिसरा किसी एहसास का मलबा ढोता है।
एक शायर का दिल बहुत नर्म होता है,
वो तंज़ नहीं, समझ चाहता है।
आज का दौर अजीब है,
इंसान अब इंसान नहीं रहा,
बस एक मुक़ाबला बन गया है।
किसी की अच्छाई में भी खामियाँ ढूँढ लेता है,
ज़लील करने का मौका कोई छोड़ता नहीं।
और सच्चे लफ़्ज़…
अक्सर मज़ाक का निशाना बन जाते हैं।
कभी किसी के दिल में उतरकर देखो,
कितनी आवाज़ें हैं जो ख़ामोश रह जाती हैं।
हर मुस्कान के पीछे एक जंग चलती है,
जिसे दुनिया बस “अंदाज़” समझ लेती है।
शायर तो बस एहसासों का आईना होता है,
जो दूसरों का दर्द भी अपने लफ़्ज़ों में ढोता है।
मत तोलो लफ़्ज़ों को तंज़ के तराज़ू में,
कभी किसी दिल की सच्चाई पढ़कर देखो।
तुम्हारे ताने भी अब शेर लगते हैं,
और मैं कोई शायर नहीं हूँ,
बस दिल की बात लफ़्ज़ों में कह देती हूँ।
Kirti Kashyap"एक शायरा"✍️
Lotus
फिर क्या उस दिन से वो हमारी रोज़ जान ले रहे है
Lotus
क्योंकि वो जानती हैं
अगर इसने भी आधार वाली pic मांग ली तो
ये भी हाथ से गया
બરોબર છે ને
GIRLy Quotes
ek psandida bewafa namard se
shadi ki ummid Karna...
Mtlab...
hijdo se aulaad ki ummid karna..
sambhal jao bahen..
- GIRLy Quotes
kattupaya s
Your memories never fade away.my heart Keep on remembering you. Goodnight sweet dreams.
Piyush Goel
https://www.shreedeshna.page/2025/10/19.html
H Mahak
#hmahakenglishquoteswhisperofsoul
Anitram
How do I tell you, O cherised one,
That from the vast ocean of love I hold for you,
Not even a measure of a cup has emptied.
My eyes still long for your heavenly sight
Even things related to you bring relieve to my eyes if I ever happen to see them.
My ears yearn for your voice - deep and peace-bringing.
Never once have I lost you
From within the huts that dwell between my heartbeats
Since the day I placed you there🪷
- Anitram
Anitram
How do I tell you, O cherised one,
That from the vast ocean of love I hold for you,
Not even a measure of a cup has emptied.
My eyes still long for your heavenly sight
Even things related to you bring relieve to my eyes if I ever happen to see them.
My ears yearn for your voice - deep and peace-bringing.
Never once have I lost you
From within the huts that dwell between my heartbeats
Since the day I placed you there🪷
DrAnamika
अजिंठा की सुंदर गुफाएं.. जहाँ आज भी हमारी संस्कृति जीवित है.
#भारत_की_धरोहर
#अंजता_की_गुफाएं
ShriSkkanda
Feel Good Tonight
wriiten by Me
Nisha
main ek herbal Aloe based gel use krti hoon Jo skin ko naturally glow karta hai
agar aapko natural health and wellness tips chahiye to comment mein bataiye
Agyat Agyani
कई बार शब्द इतने “गूढ़” बना दिए जाते हैं कि वे अनुभव से ज़्यादा प्रभाव डालें — सुनने वाला झुके, सोचे “वाह, यह तो गहरा है,” जबकि भीतर कुछ नया हुआ ही नहीं।
असल में सच्चा सूत्र सरल होता है — इतना कि बच्चे को भी समझ आ जाए, पर उसका रहस्य फिर भी बना रहे।
जटिल भाषा अक्सर वहाँ होती है जहाँ अनुभव कम, प्रदर्शन ज़्यादा हो।
जब “सहज” कहा जाए, तो उसका स्वर, लय, और शब्द भी वैसे ही होने चाहिए — जैसे रोज़मर्रा की सांस।
अगर भाषा ही तन जाए, तो सहजता का क्या अर्थ रह गया?
सहज शब्द वही है जो बिना दबाव के निकल आए,
जिसमें कुछ “बनाने” की कोशिश न हो,
जैसे मिट्टी की खुशबू — साधारण, पर गहरी।
आजकल बहुत-से आध्यात्मिक बोल बस सुंदर पैकिंग हैं।
मर्म तो वही पुराना है, बस भाषा ने वस्त्र बदल लिए हैं।
जहाँ सत्य है, वहाँ ब्रांड नहीं बनता;
जहाँ ब्रांड है, वहाँ सत्य बिखर जाता है।
Jyoti Gupta
“श्री कृष्ण और सुदामा जी की अमर दोस्ती 💫 | सच्चे मित्र का असली अर्थ ❤️ #KrishnaSudama #BhaktiReel”
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Agyat Agyani
धर्म नहीं, बोध है
✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲
सूत्र १ — धर्म सिखाया नहीं जाता, जागा जाता है।
व्याख्यान:
जो तुम्हें धर्म “सिखाता” है, वह तुम्हें नींद में रखना चाहता है।
क्योंकि सिखाया गया धर्म याद बनता है, और याद कभी अनुभव नहीं होती।
धर्म तब घटता है जब भीतर का कोई कोना हिलता है,
जब तुम सुनना छोड़कर देखना शुरू करते हो — भीतर से।
---
सूत्र २ — सुनना शब्द से होता है, समझना मौन से।
व्याख्यान:
सुनना है — कान की आदत।
समझना है — चेतना की दृष्टि।
जो सुनता है, वह गुरु ढूंढता है।
जो समझता है, वह स्वयं गुरु बन जाता है।
सत्य कभी बाहर से नहीं आता;
वह भीतर की नमी से फूटता है।
---
सूत्र ३ — धार्मिकता चतुराई की अंतिम कला है।
व्याख्यान:
जो शब्दों से तुम्हें बांध सके, वही “गुरु” कहलाता है आज।
धर्म अब अनुभव नहीं, प्रस्तुति बन गया है।
धार्मिक व्यक्ति बोलता बहुत है,
पर भीतर कुछ भी नहीं जलता —
बस शब्दों का धुआँ फैलता है।
---
सूत्र ४ — जो तुम जानते वही ज्ञान नहीं है।
व्याख्यान:
ज्ञात हमेशा पुराना होता है — बीता हुआ।
धर्म तो उस क्षण में खिलता है जहाँ कुछ भी ज्ञात नहीं।
जो पहले से तय है, वह विज्ञान है;
जो अभी प्रकट हो रहा है, वही आध्यात्म है।
ज्ञान का आरंभ अज्ञात के सामने नतमस्तक होने से होता है।
---
सूत्र ५ — ईश्वर भाषा नहीं, भावना पढ़ता है।
व्याख्यान:
संस्कृत या किसी भाषा में गाया गया मंत्र,
अगर भीतर से नहीं निकला, तो केवल ध्वनि है।
प्रार्थना तब सच्ची है जब शब्द खुद गिर जाएँ,
और भीतर का मौन बोल उठे।
ईश्वर भाषा का पंडित नहीं है —
वह दिल का श्रोता है।
---
सूत्र ६ — सरलता खो गई है, गूढ़ता बिक गई है।
व्याख्यान:
धर्म जितना कठिन दिखे, उतना आकर्षक हो जाता है।
लोगों को सरल सत्य पर भरोसा नहीं —
वे जटिलता में ही रहस्य खोजते हैं।
पर धर्म का असली रहस्य उसकी सादगी में है।
जो सहज है, वही पवित्र है।
---
सूत्र ७ — धर्म ब्रांड नहीं, बोध है।
व्याख्यान:
जब धर्म संस्था बनता है, तो जीवित रहना छोड़ देता है।
जब नाम, झंडे, किताबें और प्रचार जुड़ते हैं,
तब बोध की जगह व्यवसाय आ जाता है।
सच्चा धर्म किसी ध्वज के नीचे नहीं —
किसी मौन आत्मा के भीतर पलता है।
---
सूत्र ८ — धर्म वहाँ शुरू होता है जहाँ भय, भाषा और ब्रांड तीनों मिटते हैं।
व्याख्यान:
भय तुम्हें अनुयायी बनाता है, भाषा तुम्हें विभाजित करती है,
और ब्रांड तुम्हें अंधा बनाता है।
जब ये तीनों गिर जाएँ —
तभी तुम्हारा धर्म जन्म लेता है।
तब प्रार्थना नहीं करनी पड़ती —
साँस ही प्रार्थना बन जाती है।
Pragati
If you zip your mouth
lifetime
your are the best
for your husband
if you say anything
your are worst😂
- Pragati
ADRIL
PUMA
ADIDAS
NIKE
DORITOS
MacDonalds
DOMINOS
STARBUCKS
NESTLE
&
AMAZON
हम सब को ये जानना जरुरी है
की
ये सारी ब्रान्ड कंपनियां इज़राइल को war में funding करती है
और हम ये सारी ब्रान्ड बड़े मज़े से खरीदते है
तो इसका मतलब ये हुआ
की
कहीं ना कहीं हम ही इज़राइल को war में मदद करते है
अब यहाँ बात सही गलत की नहीं मासूमों और बेगुनाहो के मरने की है
क्या इतनी वज़ह काफ़ी नहीं है -
की हम
सिर्फ इंडियन ब्रान्ड ही खरीदेंगे और अपनी economy grow करेंगे … ??
🙏🙏
SilluKiDiary
"वो चला गया... पर मैं आज भी वहीं ठहरी हूँ"
कभी-कभी मोहब्बत खत्म नहीं होती, बस रुक जाती है उस मोड़ पर जहाँ किसी ने "अलविदा" कहा था।
ये शायरी उसी अधूरी कहानी का एहसास है —
एक ऐसे दिल की दास्तान जो हारकर भी प्यार करना नहीं छोड़ा।
#SadLove #EmotionalShayari #DilSeLikha #SilluWrites
#shayari #sadshayari #loveshayari #emotional #heartbroken #dilkejazbaat #hindishayari #pain #noorwrites #silluwrites
Tru...
ચાંદનીને ખભે ચમકતું આકાશ ચૂપચાપ જૂએ છે...
તારાઓ જો ને ખુલ્લી આંખે,મારી હાજરી પૂરે છે...
નઝર આકાશ સામે જોને અડીખમ ઊભી છે...
હૃદયમાં એની સ્મૃતિ હંમેશા સળવળી છે..
હવા તો જાણે તન કરતાં મન ને વધુ અડકી છે...
રાતના અંધકારમાં પાંપણો કંઈક વધુ ચમકી છે...
પ્રશ્નો ઘણા જવાબો શોધવા,રાત ક્યારેય થાકતી નથી...
સ્મૃતિના ચમકારા પાછળ એક અલગ દુનિયા વસેલી છે...
શાંત છે બધું આસપાસ , હૃદયમાં થોડી કંપારી છે...
યાદ,વાત,રાત. બસ તમારી,ને આંખોમાં હળવી ચમકારી છે...
હું જાગું રાત પણ જાગે,તારાઓની પણ પાકી યારી છે...
બંને ની ખાલી દુનિયામાં ચાંદ ની મહેરબાની છે...
H Mahak
#WhispersOfSufiMahakurduquotes ✨🌙
H Mahak
#WhispersOfSufiMahakenglishquotes ✨🌙
H Mahak
#WhispersOfSufiMahakhindiquotes✨🌙
Komal Mehta
સમજણ અને સંતોષ 🌿 – Komal Mehta
જે મળ્યું છે એની કદર જો કરતા થઈ ગયા,
તો સમજી લો — તમે જીવનને સાચે જીવતા થઈ ગયા.
ખબર છે કે મૃત્યુ પછી કોઈ વસ્તુ સાથે નહીં લઈ જવાય,
સાથે આવશે તો માત્ર સારા કર્મો જ.
પણ જો આ સમજાઈ ને પણ મન સમજે નહીં,
તો સમજી લો કે જીવન તમારું વ્યર્થ ગયું છે.
જીવનનો હેતુ શું?
ધન કે દંભ નહીં —
પરંતુ મનની શાંતિ, સમજણ અને સંતોષ.
સમજણ હોય ત્યાં સંતોષ ફૂલની જેમ ખીલે છે,
અને જ્યાં સંતોષ ખીલે, ત્યાં જીવન સુગંધિત બને છે. 🌸
Komal Mehta
સમજણ ના હોય તો જીવન માં સંતોષ નો સમાવેશ થવો શક્ય જ નથી
- Komal Mehta
Kirti kashyap
"पुराने ख़यालात की लड़की"
थोड़े पुराने ख़्यालात की लड़की हूँ,
लबों पे हया, निगाहों में नफ़ासत रखती हूँ।
जहाँ लोग मोहब्बत को खेल समझते हैं,
मैं अब भी मोहब्बत को इबादत रखती हूँ।
ज़माना बदले तो बदले, मैं नहीं बदलती,
वफ़ा को अब भी अपनी आदत रखती हूँ।
झूठे वक़्तों में भी सच्चाई से वाबस्तह हूँ,
मैं हर एहसास में सादगी की इनायत रखती हूँ।
Kirti Kashyap "एक शायरा"✍️
Komal Mehta
હું એટલે આત્મા ✨
મારા મનને ઊંડાણ સુધી મને કોઈ વાચી નહીં શકે,
મને મારી કરતાં વધારે કોઈ સમજી નહીં શકે.
જીવનના દરેક અધ્યાયનો શંખનાદ,
મેં મારા ઈશ્વર સાથે કર્યો છે.
મારો ઈશ્વર — મને ક્યારેય હારવા નથી દેતો.
જીવનમાં પેલો નંબર લાવવો એ જ જીત નથી,
કારણ કે હું એ આત્મા છું —
જે સતત ચાલતી રહે છે,
વિશ્વાસ સાથે, પ્રકાશ તરફ… 🌼
Dimple Das
hello everyone...Good evening.
https://youtube.com/shorts/hoN50zsJav8?si=W7KtPLaI6t6rUwJ2
do check this out and if u enjoyed it and do shower your love and thoughts ... byee
Take care ❤️
H Mahak
#WhispersOfSufiMahakurduquotes✨🌙
Komal Mehta
જીવનને સમજતા અને ખુદને સમજાવતા,
કેટલા ઉતાર-ચઢાવ આવ્યા અને ગયા,
પણ હું અડગ રહી…
ખુદનું ચિંતન કરતા સમજાય છે કે,
જે જીવી લેવાનું છે —
એ તો માત્ર આ ક્ષણમાં જ છે.
મનને હવે જીવનથી કોઈ અપેક્ષાઓ નથી,
મનને હવે કોઈ મહત્વાકાંક્ષા નથી,
મન હવે સાવ કોરા કાગળ જેવું છે —
જે પર લખવાનું છે,
ફક્ત શાંતિ અને સંતોષનું અધ્યાય.
નવા અધ્યાય માં હું શું લખું
H Mahak
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H Mahak
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ek archana arpan tane
જ્યાં લાગણી ની કીંમત નથી એ દુનિયા ને દુર થી જ સલામ સન્માન બધા નું કરો ને ઈજ્જત સમજણ થી આપો.
- ek archana arpan tane
H Mahak
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H Mahak
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H Mahak
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Tapasya Singh
kahane ko har rista apna😃
par apne pan se koso duri h😢😢
ye kaisi reet h maa, duniya ki😞
ye kaisi meri majburi h😭😭😭
- Tapasya Singh
Umesh Donga
જગતમાં નામ તમારું વિખ્યાત જલારામ તમે,
લાધ્યું સાફલ્ય જીવનનું સાક્ષાત જલારામ તમે,
રામ રીઝયા રોટલે ભૂખ્યાંને ભાત જલારામ તમે,
મન ગુરુ ભોજલના ચરણે નિરાંત જલારામ તમે,
તન મન ધનથી સંતચરણે પ્રભાત જલારામ તમે,
મેળવ્યું હરિદર્શન સેવે અભ્યાગત જલારામ તમે.
ટૂકડો દેવો ને લેવુ હરીનું નામ કે'નાર જલારામ તમે,
સંતની સેવા માટે પત્ની નુ દાન કરનાર જલારામ તમે.
વિરપુર ધામે મંદિર હાજરાહજુર રોજ જલારામ તમે,
કહે દિનકર અક્ષયપાત્ર ભોજન રક્ષક જલારામ તમે.
જય હો જલારામ બાપા. 🙏🙏
वात्सल्य
હું દિલથી યાદ કરું છું અને તમે પારકાપણુ દાખવી દૂર જાઓ છો, એવું શું પાપ કર્યું મેં જે તમારી સામે આવતા નસીબને ઠોકકરે ચડાવતાં જાઓ છો.
- वात्सल्य
Lotus
कोई ज़मीं बची हैं क्या जज़्बातों की ख्वाहिशें बेताब हैं महल बनाने को..!!
zeba Praveen
खामोशियों को अक्सर अपना साथी समझते है,
बस यूं ही चुप रहना खुद की आज़ादी समझते है,
रिश्तों के बंधन में बंधे कुछ इस तरह कि अब सांस लेना भी खुद की बर्बादी समझते है।
zeba Praveen
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
મારા વ્હાલા દીકરા હર્યક્ષ તરફથી મળેલા અમૂલ્ય પ્રેમનો આભાર!
મારા જન્મદિવસ પર, મને જેટલી શુભેચ્છાઓ મળી છે, તે બધામાં સૌથી ખાસ અને નિર્દોષ જો કોઈની શુભેચ્છા હોય, તો તે મારા વ્હાલા દીકરા "હર્યક્ષ, તરફથી
હર્યક્ષ’ બેટા, તને કદાચ ખબર પણ નહિ હોય કે તારું નાનકડું હસવું, તારી મીઠી વાતો અને તારી નાની-નાની તોફાની હરકતો મારા જીવનમાં કેટલો મોટો આનંદ ભરી દે છે. જ્યારે તેં મને ભેટીને "હેપ્પી બર્થડે પપ્પા" કહ્યું, ત્યારે દુનિયાની બધી જ ખુશીઓ મને મળી ગઈ હોય તેવું લાગ્યું!
તું માત્ર મારો દીકરો નથી, પણ તું મારી જીવવાની નવી પ્રેરણા છે. તારી હાજરી મારા દરેક દિવસને એક નવું સાહસ અને ખુશીનો અહેસાસ કરાવે છે. તારા જેવી પવિત્ર અને નિર્દોષ આત્માનો પ્રેમ પામવો, એ મારા માટે ઈશ્વરના સૌથી મોટા આશીર્વાદ સમાન છે.
હું વચન આપું છું કે હું હંમેશા તારો શ્રેષ્ઠ મિત્ર, માર્ગદર્શક અને પ્રેમ કરનારો પિતા બની રહીશ. તારો નિષ્કપટ પ્રેમ જ મારી સૌથી મોટી તાકાત છે.
ખૂબ જ પ્રેમ સાથે, તારા પપ્પા ના આશીર્વાદ
અશ્વિન રાઠોડ 🙏
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
મારી પ્રિય જીવનસંગિની સપના,
મારા જન્મદિવસને આટલો સુંદર અને યાદગાર બનાવવા બદલ હું તારો જેટલો આભાર માનું, તેટલો ઓછો છે. સપના, તું માત્ર મારી પત્ની જ નથી, પરંતુ ખરા અર્થમાં મારી જિંદગીની સાચી દોર છે.
તારી શુભેચ્છાઓ અને પ્રેમભર્યો વ્યવહાર મારા માટે દુનિયાની સૌથી મોટી ભેટ છે. તું હંમેશા મારા જીવનમાં સ્થિરતા, શાંતિ અને ખુશીઓ લાવે છે. જીવનના દરેક ઉતાર-ચઢાવમાં તું મારો મજબૂત આધારસ્તંભ બનીને ઊભી રહી છે.
તારા સાથ અને સહકાર વિના આ દિવસ કે મારું જીવન, બંને અધૂરા છે. મારા માટે જે કંઈ પણ કર્યું છે, તે બદલ હૃદયપૂર્વક આભાર.
હું નસીબદાર છું કે મને તારો સાથ મળ્યો છે.
બસ એજ તારા પરછાયા અશ્વિનના દિલથી વંદન 🙏
ધબકાર...
गुनाहगार में ही तो हूं...
तभी तो अकेला में रह जाऊंगा,
हर एक दिन दर्द भरा में पाऊंगा,
रिश्ते निभाए है सबने शिद्दत से,
तभी दर दर की ठोकरें में खाऊंगा।
ધબકાર...
Nensi Vithalani
🌸 જય જય શ્રી જલારામ 🌸
ઠક્કર કુળનો એ દીકરો, થયો વિરપુરનો બાપા,
ભૂખ્યાંને ભોજન આપી દીધું, બની ગયો સૌનો આશા।
રામ નામમાં લીન હૃદય, દયાળુ મન નિરાળો,
વિરબાઈ સાથે કરી સેવા, પ્રેમનો દિપક બળેલો।
અન્ન ખૂટે નહીં એ અક્ષયપાત્રની કહાની,
માનવતાનો દીવો બાપા, પ્રકાશે વિશ્વ નિરંતરાની।
આજે 226મી જયંતિએ લઈએ એક સંકલ્પ નવો,
દયાથી ભરીએ જીવન આપણી, એ જ સાચો રસ્તો ભલો।
🙏 જય જલારામ બાપા 🙏
#226મીJalaramJayanti #Seva #Kindness #JalaramBapa
LM Sharma
अपने सभी भाव, विचार, धन सम्पदा और जीवन के न बताने वाले गुप्त रहस्य किसी को न बताएं; चाहे वह आप का पति/पत्नी क्यों न हो। कोई भी क्लेश हो सकता है।।। चाणक्य
LM Sharma
मित्र ही सबसे बड़ा दुश्मन है। सतर्क रहिए::: चाणक्य
Kamini Shah
કલમ પણ કમાલની ચીજ
વાવી દે લાગણીનાં બીજ…
-કામિની
H Mahak
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H Mahak
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H Mahak
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Raju kumar Chaudhary
🟢धनको घमन्ड
देउताहरूमा सबैभन्दा धनी कुबेर थिए । कहिलेकाहीँ देउताहरू धनसम्पत्तिको खाँचो पर्दा उनैकहाँ पुग्थे। कुबेर पनि मदत गरेर पठाउँथे । यसरी ठूलठूला देउताहरूसमेत आफूकहाँ मदत माग्न आउँछन् भन्दै कुबेर लाई धनको घमन्ड चढ्दै गयो। उनको घमन्डका बारेमा देउताहरूलाई थाहा नभएको होइन तैपनि सबै चुप थिए । गणेशजीचाहिँ कसरी कुबेरको घमन्ड तोडौँ भनी मौकाको खोजीमा थिए ।
एक दिन कुबेरले ठूलो भोजको आयोजना गरे । सबै देवी देउताहरूलाई निम्तो गरियो। भोजमा बलवान् भीमसेनदेखि रिसाहा ऋषि दुर्वासा सम्म थिए। सबै जना कुबेरको ठाँटबाँट देखी दङ्ग र आश्चर्यचकित भए । एक छिनपछि ठूलो भुँडी हल्लाउँदै गणेशजी पनि त्यहीँ पुगे ।
कुबेरले गणेशजीलाई देख्नेबित्तिकै बडो सम्मानका साथ भित्र लगे । उनलाई विभिन्न प्रकारका खाने कुरा खुवाउन थालियो । गणेशजी आफ्ना अगाडि भएका सबै खाने कुरा सिद्ध्याउन थाले । उनलाई खुवाउन मान्छेहरूले दौडादौड गर्दै खाने कुरा ल्याए । जति खाने कुरा ल्याए पनि गणेशजी एकै गाँसमा सिद्ध्याइदिन्थे । गणेशजीलाई खाने कुरा थप्दाथप्दै पकाएका सबै खाने कुराहरू सकिए । अझ पनि गणेशजीको पेट भरिएको थिएन ।
उता भान्सामा अरू खाने कुरा तयार पारिँदै थियो, यता गणेशजी अझै खाने कुरा ल्याऊ भनी माग्दै थिए ।
खाने कुरा ल्याउन ढिलो भयो भनी गणेशजी आफैं भान्सामा पुगे । पकाउँदा-पकाउँदैका खाने कुरा झिक्दै खान थाले। भान्सामा पनि सबै खाने कुरा सिद्धियो। गणेशजी मलाई अझ खाने कुरा चाहियो भन्दै कुर्लन थाले । कुबेरले गणेशजीसँग बिन्ती गर्दै भने “अब त नपकाएका दाल-चामल र तरकारी मात्र छन् । केही छिन पर्खनुपर्यो ।" गणेशजी झन् गर्जदै खोइ, कहाँ राख्या' छ, त्यही भए पनि ल्याउनुपर्यो भन्दै भण्डारतिर लागे । भण्डारमा भएभरका सबै अन्नहरू त्यत्तिकै खाइदिए। गणेशजीले खाएर भण्डार पनि रित्तो पारे। खोइ त अरू अन्नहरू कहाँ छन् ? भन्दै गणेशजी उफन थाले । कुबेरले आफ्नो त्यत्रो भण्डार पनि रित्तो भएको देखी उनको हंसले ठाउँ छोड्यो । कुबेर डराउँदै भन्न थाले "अब त भण्डारमा सबै थोक सकियो, केही छिन पर्खनुहोस् । म बाहिरबाट मगाउँछु ।”
यो सुनेपछि गणेशजी झन् रिसाएर भन्न थाले "तिम्रो भण्डारमा मलाई पेटभरि खुवाउने अन्नपात नभए किन डाक्यौ त ? मलाई त ज्यादै भोक लागेको छ । तिमीलाई भए पनि खान्छु ।"
गणेशजीको यो कुरा सुनेपछि कुबेर डरले भाग्न थाले । कुबेर अघि-अघि भाग्दै गए भने गणेशजी पछि-पछि लखेट्दै गए । धेरै बेरको दौडादौडपछि कुबेर कैलाशमा शङ्करजीलाई गुहार्न पुगे ।
कुबेरलाई देखेपछि शङ्करजीले भन्नुभयो - "कुबेर किन यसरी आत्तिएका ? के भयो ?"
कुबेर हात जोड्दै भन्न थाले "प्रभु, मैले बिराएँ, मेरो ज्यान बचाउनुहोस् । मैले बेर्थैमा आफ्नो धनको घमन्ड गरें ।"
शङ्करजीले गणेशजीलाई पनि सोध्नुभयो - "किन गणेश, कुबेरलाई किन लखेटेको ?'
गणेशजीले भने - "भगवान्, कुबेरले मलाई निम्तो डाकेर पेटभरि खान दिएनन्, भोकै छु ।"
"तिमी भित्र जाऊ, आमासित मागेर पेटभरि खाऊ ।" शङ्करजीले गणेशजीलाई सम्झाएर भित्र पठाउनुभयो ।
त्यहाँबाट कुबेर आफू कहिल्यै पनि धनको घमन्ड नगर्ने प्रतिज्ञा गरी फर्के ।
Raju kumar Chaudhary
🟢धनको घमन्ड
देउताहरूमा सबैभन्दा धनी कुबेर थिए । कहिलेकाहीँ देउताहरू धनसम्पत्तिको खाँचो पर्दा उनैकहाँ पुग्थे। कुबेर पनि मदत गरेर पठाउँथे । यसरी ठूलठूला देउताहरूसमेत आफूकहाँ मदत माग्न आउँछन् भन्दै कुबेर लाई धनको घमन्ड चढ्दै गयो। उनको घमन्डका बारेमा देउताहरूलाई थाहा नभएको होइन तैपनि सबै चुप थिए । गणेशजीचाहिँ कसरी कुबेरको घमन्ड तोडौँ भनी मौकाको खोजीमा थिए ।
एक दिन कुबेरले ठूलो भोजको आयोजना गरे । सबै देवी देउताहरूलाई निम्तो गरियो। भोजमा बलवान् भीमसेनदेखि रिसाहा ऋषि दुर्वासा सम्म थिए। सबै जना कुबेरको ठाँटबाँट देखी दङ्ग र आश्चर्यचकित भए । एक छिनपछि ठूलो भुँडी हल्लाउँदै गणेशजी पनि त्यहीँ पुगे ।
कुबेरले गणेशजीलाई देख्नेबित्तिकै बडो सम्मानका साथ भित्र लगे । उनलाई विभिन्न प्रकारका खाने कुरा खुवाउन थालियो । गणेशजी आफ्ना अगाडि भएका सबै खाने कुरा सिद्ध्याउन थाले । उनलाई खुवाउन मान्छेहरूले दौडादौड गर्दै खाने कुरा ल्याए । जति खाने कुरा ल्याए पनि गणेशजी एकै गाँसमा सिद्ध्याइदिन्थे । गणेशजीलाई खाने कुरा थप्दाथप्दै पकाएका सबै खाने कुराहरू सकिए । अझ पनि गणेशजीको पेट भरिएको थिएन ।
उता भान्सामा अरू खाने कुरा तयार पारिँदै थियो, यता गणेशजी अझै खाने कुरा ल्याऊ भनी माग्दै थिए ।
खाने कुरा ल्याउन ढिलो भयो भनी गणेशजी आफैं भान्सामा पुगे । पकाउँदा-पकाउँदैका खाने कुरा झिक्दै खान थाले। भान्सामा पनि सबै खाने कुरा सिद्धियो। गणेशजी मलाई अझ खाने कुरा चाहियो भन्दै कुर्लन थाले । कुबेरले गणेशजीसँग बिन्ती गर्दै भने “अब त नपकाएका दाल-चामल र तरकारी मात्र छन् । केही छिन पर्खनुपर्यो ।" गणेशजी झन् गर्जदै खोइ, कहाँ राख्या' छ, त्यही भए पनि ल्याउनुपर्यो भन्दै भण्डारतिर लागे । भण्डारमा भएभरका सबै अन्नहरू त्यत्तिकै खाइदिए। गणेशजीले खाएर भण्डार पनि रित्तो पारे। खोइ त अरू अन्नहरू कहाँ छन् ? भन्दै गणेशजी उफन थाले । कुबेरले आफ्नो त्यत्रो भण्डार पनि रित्तो भएको देखी उनको हंसले ठाउँ छोड्यो । कुबेर डराउँदै भन्न थाले "अब त भण्डारमा सबै थोक सकियो, केही छिन पर्खनुहोस् । म बाहिरबाट मगाउँछु ।”
यो सुनेपछि गणेशजी झन् रिसाएर भन्न थाले "तिम्रो भण्डारमा मलाई पेटभरि खुवाउने अन्नपात नभए किन डाक्यौ त ? मलाई त ज्यादै भोक लागेको छ । तिमीलाई भए पनि खान्छु ।"
गणेशजीको यो कुरा सुनेपछि कुबेर डरले भाग्न थाले । कुबेर अघि-अघि भाग्दै गए भने गणेशजी पछि-पछि लखेट्दै गए । धेरै बेरको दौडादौडपछि कुबेर कैलाशमा शङ्करजीलाई गुहार्न पुगे ।
कुबेरलाई देखेपछि शङ्करजीले भन्नुभयो - "कुबेर किन यसरी आत्तिएका ? के भयो ?"
कुबेर हात जोड्दै भन्न थाले "प्रभु, मैले बिराएँ, मेरो ज्यान बचाउनुहोस् । मैले बेर्थैमा आफ्नो धनको घमन्ड गरें ।"
शङ्करजीले गणेशजीलाई पनि सोध्नुभयो - "किन गणेश, कुबेरलाई किन लखेटेको ?'
गणेशजीले भने - "भगवान्, कुबेरले मलाई निम्तो डाकेर पेटभरि खान दिएनन्, भोकै छु ।"
"तिमी भित्र जाऊ, आमासित मागेर पेटभरि खाऊ ।" शङ्करजीले गणेशजीलाई सम्झाएर भित्र पठाउनुभयो ।
त्यहाँबाट कुबेर आफू कहिल्यै पनि धनको घमन्ड नगर्ने प्रतिज्ञा गरी फर्के ।
Raju kumar Chaudhary
🟢धनको घमन्ड
देउताहरूमा सबैभन्दा धनी कुबेर थिए । कहिलेकाहीँ देउताहरू धनसम्पत्तिको खाँचो पर्दा उनैकहाँ पुग्थे। कुबेर पनि मदत गरेर पठाउँथे । यसरी ठूलठूला देउताहरूसमेत आफूकहाँ मदत माग्न आउँछन् भन्दै कुबेर लाई धनको घमन्ड चढ्दै गयो। उनको घमन्डका बारेमा देउताहरूलाई थाहा नभएको होइन तैपनि सबै चुप थिए । गणेशजीचाहिँ कसरी कुबेरको घमन्ड तोडौँ भनी मौकाको खोजीमा थिए ।
एक दिन कुबेरले ठूलो भोजको आयोजना गरे । सबै देवी देउताहरूलाई निम्तो गरियो। भोजमा बलवान् भीमसेनदेखि रिसाहा ऋषि दुर्वासा सम्म थिए। सबै जना कुबेरको ठाँटबाँट देखी दङ्ग र आश्चर्यचकित भए । एक छिनपछि ठूलो भुँडी हल्लाउँदै गणेशजी पनि त्यहीँ पुगे ।
कुबेरले गणेशजीलाई देख्नेबित्तिकै बडो सम्मानका साथ भित्र लगे । उनलाई विभिन्न प्रकारका खाने कुरा खुवाउन थालियो । गणेशजी आफ्ना अगाडि भएका सबै खाने कुरा सिद्ध्याउन थाले । उनलाई खुवाउन मान्छेहरूले दौडादौड गर्दै खाने कुरा ल्याए । जति खाने कुरा ल्याए पनि गणेशजी एकै गाँसमा सिद्ध्याइदिन्थे । गणेशजीलाई खाने कुरा थप्दाथप्दै पकाएका सबै खाने कुराहरू सकिए । अझ पनि गणेशजीको पेट भरिएको थिएन ।
उता भान्सामा अरू खाने कुरा तयार पारिँदै थियो, यता गणेशजी अझै खाने कुरा ल्याऊ भनी माग्दै थिए ।
खाने कुरा ल्याउन ढिलो भयो भनी गणेशजी आफैं भान्सामा पुगे । पकाउँदा-पकाउँदैका खाने कुरा झिक्दै खान थाले। भान्सामा पनि सबै खाने कुरा सिद्धियो। गणेशजी मलाई अझ खाने कुरा चाहियो भन्दै कुर्लन थाले । कुबेरले गणेशजीसँग बिन्ती गर्दै भने “अब त नपकाएका दाल-चामल र तरकारी मात्र छन् । केही छिन पर्खनुपर्यो ।" गणेशजी झन् गर्जदै खोइ, कहाँ राख्या' छ, त्यही भए पनि ल्याउनुपर्यो भन्दै भण्डारतिर लागे । भण्डारमा भएभरका सबै अन्नहरू त्यत्तिकै खाइदिए। गणेशजीले खाएर भण्डार पनि रित्तो पारे। खोइ त अरू अन्नहरू कहाँ छन् ? भन्दै गणेशजी उफन थाले । कुबेरले आफ्नो त्यत्रो भण्डार पनि रित्तो भएको देखी उनको हंसले ठाउँ छोड्यो । कुबेर डराउँदै भन्न थाले "अब त भण्डारमा सबै थोक सकियो, केही छिन पर्खनुहोस् । म बाहिरबाट मगाउँछु ।”
यो सुनेपछि गणेशजी झन् रिसाएर भन्न थाले "तिम्रो भण्डारमा मलाई पेटभरि खुवाउने अन्नपात नभए किन डाक्यौ त ? मलाई त ज्यादै भोक लागेको छ । तिमीलाई भए पनि खान्छु ।"
गणेशजीको यो कुरा सुनेपछि कुबेर डरले भाग्न थाले । कुबेर अघि-अघि भाग्दै गए भने गणेशजी पछि-पछि लखेट्दै गए । धेरै बेरको दौडादौडपछि कुबेर कैलाशमा शङ्करजीलाई गुहार्न पुगे ।
कुबेरलाई देखेपछि शङ्करजीले भन्नुभयो - "कुबेर किन यसरी आत्तिएका ? के भयो ?"
कुबेर हात जोड्दै भन्न थाले "प्रभु, मैले बिराएँ, मेरो ज्यान बचाउनुहोस् । मैले बेर्थैमा आफ्नो धनको घमन्ड गरें ।"
शङ्करजीले गणेशजीलाई पनि सोध्नुभयो - "किन गणेश, कुबेरलाई किन लखेटेको ?'
गणेशजीले भने - "भगवान्, कुबेरले मलाई निम्तो डाकेर पेटभरि खान दिएनन्, भोकै छु ।"
"तिमी भित्र जाऊ, आमासित मागेर पेटभरि खाऊ ।" शङ्करजीले गणेशजीलाई सम्झाएर भित्र पठाउनुभयो ।
त्यहाँबाट कुबेर आफू कहिल्यै पनि धनको घमन्ड नगर्ने प्रतिज्ञा गरी फर्के ।
Mr Mehul Sonni
ભૂલે તું તારું કર્મ કેમ કહે માધવ
ચાલતો રહે થાકે કેમ કહે માધવ
જો મનની અંદર છે શક્તિનો ધોધ
કોઈ નથી હું છું સાથે કહે માધવ
વિપત પડે સાદ કરજે કહે માધવ
હું આવી ઊભો રહીશ પલભરમાં
– mr.mehul sonni
Tanya Singh
Be bala.
Not abla.
- Tanya Singh
H Mahak
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H Mahak
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H Mahak
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Agyat Agyani
✧ भौतिक सूत्र और आध्यात्मिक सूत्र का असली अंतर ✧
अज्ञात अज्ञानी
भौतिक सूत्र दुनिया को दिया जा सकता है —
कोई भी उसे सीख ले, दोहरा ले, या चुरा ले;
क्योंकि वह वस्तु पर लागू होता है।
उसमें उपयोगिता है, पर दिशा नहीं।
आध्यात्मिक सूत्र भिन्न है —
वह केवल पात्रता पर लागू होता है।
उसे किसी को सिखाया नहीं जा सकता;
वह भीतर जगता है।
जब कोई अयोग्य व्यक्ति उस सूत्र को पकड़ने की कोशिश करता है,
वह ज्ञान को ज्ञान नहीं — विष बना देता है।
वह सूत्र का प्रयोग नहीं करता,
सूत्र ही उसे प्रयोग करने लगता है —
उसे भ्रम, पाखंड या सत्ता में उलझा देता है।
---
✧ दान और अहंकार ✧
धन से दिया गया दान,
अगर अहंकार से निकला हो,
तो वह व्यापार से भी ज़्यादा खतरनाक हो जाता है।
क्योंकि व्यापार में एक सच्चाई है —
“मैं ले रहा हूँ, इसलिए दे रहा हूँ।”
पर दान में एक झूठ छिप सकता है —
“मैं दे रहा हूँ, इसलिए बड़ा हूँ।”
---
✧ निष्कर्ष ✧
> त्याग का अर्थ कुछ छोड़ना नहीं,
बल्कि “मेरा” को छोड़ देना है।
वही क्षण मुक्ति है।
---
✧ धर्म की सच्चाई और आज का अंधकार ✧
आज धर्म की जो दशा है,
वह राजनीति और समाज दोनों से अधिक दुखद है।
क्योंकि जब धर्म अपनी दृष्टि खो देता है,
तो विज्ञान, राजनीति और समाज — सभी अंधे हो जाते हैं।
धर्म का दायित्व था प्रकाश देना,
पर आज वह खुद डोर-रहित, पात्रता-विहीन हाथों में है।
अब धर्म भी एक खेल बन गया है —
राजनीति का, समाज का, और भीड़ के भावनात्मक बाज़ार का।
धर्म हमेशा सर्वोच्च रहा है,
पर आज उसकी दशा देखकर
वेद, उपनिषद और सनातन अतीत —
मौन में आँसू बहा रहे हैं।
चिंतक अज्ञात अज्ञानी
Agastya Moga
मुझे पसंद नहीं है वह मौसमी प्रेम,
जो ज़रूरत के अनुसार बदल जाता है,
मैं पक्ष में नहीं हूँ उस साथ के भी,
जो हर मोड़ पर एक नया हाथ चाहता है,
मुझे अच्छा नहीं लगता वह संदेह का पौधा,
जो स्नेह में आपसी समझ के उद्यान को उजाड़ता है,
मुझे भाता है रेशम के धागे जैसा वह महीन प्रेम,
जो जीवन की विकट परिस्थितियों में भी नहीं टूटता।
nidhi mishra
कभी स्याही से वो आँसू लिख देता है,
कभी मुस्कान को मौसम बना देता है।
हर दर्द को लफ़्ज़ों में ढाल देता है,
हर ख़्वाब को सच में बदल देता है।
वो लेखक है — जो खामोशी को आवाज़ देता है,
जिसके शब्दों में पूरा आकाश रहता है।
कभी धूप की तरह तपता है उसका विचार,
कभी चाँदनी बनकर झरता है प्यार।
जब दुनिया सो जाती है, वो जगता है,
काग़ज़ों से बातें करता है, लिखता है।
कभी यादों के झोंके में बह जाता है,
कभी अपनी ही कहानी में खो जाता है।
उसकी कलम में इंद्रधनुष के सात रंग हैं,
हर शब्द में किसी आत्मा के संग हैं।
वो दुख को कविता बनाता है,
और टूटे सपनों को जीवन सिखाता है।
लोग कहते हैं — "बस कहानी है ये",
पर उसके लिए तो ये आत्मा की रवानी है ये।
हर अक्षर में एक साँस बसती है,
हर पंक्ति में एक दुनिया हँसती है।
वो किसी भीड़ में भी अकेला नहीं होता,
क्योंकि उसके शब्द उसके मेले होते।
हर लफ़्ज़ में उसकी पहचान झलकती है,
हर कविता में उसकी जान बसती है।
वो लेखक — जो खुद से संवाद करता है,
जो गिरकर भी सृजन में विश्वास करता है।
कभी टूटे शब्दों से ब्रह्मांड रच देता है,
कभी एक पंक्ति से इंसान बदल देता है।
उसकी कलम कोई साधारण चीज़ नहीं,
वो तो ईश्वर का एक उपहार है कहीं।
क्योंकि जो दुनिया देख नहीं पाती,
वो लेखक अपनी आँखों से दिखा देता है वहीं।
Saroj Prajapati
माना चांद की शीतल चांदनी प्रेमियों को बहुत लुभाती है
और सूरज की तेज रोशनी इस जगत के सभी काम बनाती है ।
लेकिन इनसे बढ़कर आसमान में टिमटिमाते इन छुटकू से तारों की बात निराली है, तारों की झिलमिलाती बारात बच्चों के साथ बड़ों को भी खूब लुभाती हैं।
किसका बचपन होगा भला! जो इनको गिनने में ना बीता हो और इनके टिमटिमाने के रहस्य से पर्दा उठाने में अपने साथ दोस्तों का दिमाग ना रीता हो।
कुछ तारे अपने कुछ बहन भाइयों की जागीर बन जाते थे
उनकी छोटी - मोटी आकृतियों से एक दूसरे को खूब चिढ़ाते थे।
हंसी ठिठोली बातें करते बीत जाता एक पहर रात का
बाकी तारों जैसे आंखें टिमटिमाने में और सुबह सारा
घर हिल जाता हम बच्चों को जगाने में।
लेकिन धीरे-धीरे वक्त ने बदली करवट, आधुनिक हो गए अब गांव-शहर, बच्चे व्यस्त अब टीवी मोबाइल में और
भारी भरकम पढ़ाई में।
आधुनिक बचपन को कहां फुर्सत प्रकृति संग वक्त बिताने की, तारों को गिनने और सूरज चांद संग लंबी दौड़ लगाने की ।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati
H Mahak
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H Mahak
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Shailesh Joshi
સારો સમય સ્વમાની હોય છે જ્યારે ખરાબ સમય હઠીલો માટે જો આપણે આપણા સારા સમયની યોગ્ય કદર નહીં કરીએ, અને ખરાબ સમયને ધ્યાનમાં લીધા વગર એને ખાલી કોષતા રહીશું, તો સારા સમયને જતા વાર નહીં લાગે, ને કદાચ એ ફરી પાછો પણ નહીં આવે, જ્યારે ખરાબ સમય એના સ્વભાવ પ્રમાણે થોડો હઠીલો હોવાથી એતો આપણી જીંદગીમાંથી જવાનું નામ પણ નહીં લે, ને ઉપરથી એ વધારે ખરાબ થતો જશે.
- Shailesh Joshi
H Mahak
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H Mahak
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Aruna N Oza
Jay mataji 🌹🙏🙏
MASHAALLHA KHAN
कुछ तो शरारत हो रही है
मुझे तेरी आदत हो रही है
तेरी मोजो मे अब लगने लगा है दिल
लगता है अब इस दिल की चाहते पूरी हो रही है .
jighnasa solanki
Good Morning Everyone 💐💐
જય જોગમાયા ખોડિયાર 💐💐🙏🙏
Dada Bhagwan
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H Mahak
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Shailesh Joshi
હાલનાં સમયમાં
મનથી સુખી માણસ
કેમ ઓછા જોવા મળે છે ?
કેમકે અહીં પ્રત્યેક બીજા માણસને
કોઈનેકોઈ પ્રકારે
ત્રીજો માણસ નડે છે.
( આમાં અપવાદ હોઈ શકે )
ઉપાય - ત્રીજાને ભૂલી
પહેલા પર ધ્યાન કેન્દ્રિત કરીએ
- Shailesh Joshi
Jyoti Gupta
⚔️ Panipat Ka MahaYudh 💥 | इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध | Panipat War Explained | History Shorts
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Niya
સાંભળવા માટે તારા ઘબકાર જોઈએ છે
ગીત ગઝલ
વાર્તા કવિતા હવે
કર્કશ લાગે છે.
Bharat Ahir
ભીતરથી ભટકી ગયા પછી*
હવે…
*મારગ ગુગલ મેપમાં શુ ગોતવા?✍🏻✍🏻 ભરત આહીર
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