Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status
Bhavna Bhatt
મારી વાત સાચી છે ને ?
Shraddha Panchal
एक अजीब सा वक्त चल रहा है ,
मन का कर नहीं पा रहे है,
और
जो करना पड़ रहा है ,
उसमे सुकून नहीं आ रहा है ।।🙏😇
Sudhir Srivastava
धर्म ध्वजा लहराया
**********
पच्चीस नवंबर दो हजार पच्चीस का दिन
जब अयोध्याधाम में जन-जन के राम
प्रभु श्रीराम के भव्य-दिव्य मंदिर के शिखर पर
धर्म ध्वजा पूरी गरिमा से फहराया गया,
उस पल हर सनातनी का माथा
प्रभु श्रीराम के श्री चरणों में श्रद्धा से झुक गया,
सनातन धर्म का नव इतिहास रच गया।
जब सदियों का सपना आज पूरा हो गया
जैसे फिर से रामराज्य वापस धरा पर आ गया,
कल्पना के राम कहने वालों को काठ मार गया,
राम और राम मंदिर विरोधियों को
एक बार फिर साँप सूँघ गया।
सब कुछ सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो गया,
रामराज्य के नये युग का श्री गणेश हो गया।
अनगिनत रामभक्तों के पांच सौ सालों की तपस्या
त्याग, संघर्ष, बलिदान और धैर्य
सफलता की नई इबारत लिख गया।
इसका अहसास हम सबको भी हुआ
जब देश के प्रधान सेवक ने
ध्वजारोहण के बाद हाथ जोड़कर
लहराते ध्वज को पूरी श्रद्धा से नमन किया,
कँपकंपाते हाथ और मुखमंडल पर
दिखी भावुकता और आत्मसंतोष से महसूस हुआ।
तब मेरे मन में एक अलग ही भाव आया
क्या मोदी जी को प्रधानमंत्री जनता ने बनाया
या ये है जन-जन के श्री राम की माया।
जो भी है, इस पर माथापच्ची बेकार है
ये समूचे सनातन धर्म का सौभाग्य है
जो सनातन के प्रतीक राममंदिर पर
आज फिर से धर्म ध्वजा तो लहराया,
जो सिर्फ हमें ही नहीं सारी दुनिया को नजर आया
और हर प्राणी ने श्रद्धा, विश्वास और
बड़े सुकून से प्रभु श्रीराम को शीश झुकाया
विवाह पंचमी का उत्सव भी संग में मनाया।
सुधीर श्रीवास्तव
Sudhir Srivastava
दोहा मुक्तक
**************
चलो मृत्यु से हम करें, मिलकर दो-दो हाथ।
आपस में सब दीजिए, इक दूजे का साथ।
मुश्किल में मत डालिए, नाहक अपनी जान,
वरना सबका एक दिन, घायल होगा माथ।।
दिल्ली में विस्फोट से, दुनिया है हैरान।
इसके पीछे कौन है, सभी रहे हैं जान।
मोदी जी अब कीजिए, आर-पार इस बार,
नाम मिटाओ दुष्ट का, चाहे जो हो तान।।
वो भिखमंगा देश जो, बजा रहा है गाल।
शर्म हया उसको नहीं, भूखे मरते लाल।
युद्ध सिवा उसको नहीं, आता कोई काम,
गलती उसकी है नहीं, पका रहा जो दाल।।
हम तो हारे हैं नहीं, कैसे कहते आप।
सीट भले आई नहीं, मानें क्यों हम शाप।
अभी टला खतरा नहीं, लोकतंत्र से यार,
हम भी कहते गर्व से, हुआ चुनावी पाप।।
मोदी आँधी में उड़े, खर-पतवारी रंग।
सोच-सोच सब हो रहे, गप्पू पप्पू संग।
जनता ने ऐसा दिया, चला बिहारी दाँव,
जीते-हारे जो सभी, परिणामों से दंग।।
ये कैसा परिणाम है, टूट रहा परिवार।
कल तक जो थे दंभ में, बना रहे सरकार।
आज बिखरता देखिए, भटक रहे हैं लोग,
एक चुनावी फेर में, कहाँ गया दरबार।।
धर्म ध्वजा फहरा रहा, रामराज्य के नाम।
जन मानस है कह रहा, अब होगा सुखधाम।
अब अपने कर्तव्य का, करो सभी निर्वाह,
तभी करेंगे राम जी, सबके पूरण काम।।
आज स्वार्थ का दौर है, फैला चारों ओर।
अँधियारा भी किसी का, है चमकीला भोर।
सावधान जो है नहीं, वह खायेगा चोट,
बहुरुपिए ही कर रहे, सबसे ज्यादा शोर।।
समय-समय की बात है, देख लीजिए रंग।
मौन साध कर देखिए, नहीं होइए दंग।।
जीवन के इस सूत्र का, हुआ नहीं है शोध,
इसीलिए तो पड़ रहा, सर्व रंग में भंग।।
सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा उत्तर प्रदेश
Sudhir Srivastava
मृत्युलोक रत्न उपाधि
************
कल आनलाइन एक पत्र
मैंने मृत्यु को भिजवाया,
जिसका जवाब तत्काल आया,
धैर्य रखिए जनाब, लिस्ट लंबी है
आपका नाम लिस्ट में ही कहीं नहीं है
आप यमराज के मित्र हो
इसलिए आपको जवाब दे दिया
वरना अभी तो अधिकांश का मेल भी नहीं देख पाया।
काम का बोझ इतना है, कि सब गड्ड-मड्ड हो रहा है,
ईमानदारी से कहूँ तो कुछ उलटफेर भी चल रहा है
लाइन में आगे वाले को पीछे ढकेलकर
पीछे वाला पहले आने के लिए मरा जा रहा है।
ऊपर से आनलाइन का बड़ा लफड़ा है,
डिजिटल अरेस्ट का भी खतरा है।
इसलिए हमारा सारा काम-काज
सोलहवीं शताब्दी के हिसाब से चल रहा है,
सिर्फ ई-मेल की व्यवस्था का
तकनीकी उपयोग हो रहा है।
ये तो अच्छा है कि आपका मेल मैंने देख लिया
वरना अनर्थ हो जाता,
हो सकता है, अब तक आपका टिकट भी कट जाता।
शुक्र है कि कारण बताओ नोटिस से मैं बच गया।
अब आप मेरा कहना मानो
और मेल भेजने का कष्ट कभी न करो,
सुविधानुसार आपको ले आऊँगा।
बस! आप स्वस्थ, मस्त, व्यस्त रहो
यमराज से नोक -झोंक करते रहो
कविताओं का पुलिंदा बनाकर रखते रहो,
यहाँ भी एक भव्य कवि सम्मेलन करवा दूँगा,
प्रतिष्ठित सम्मान, उपाधि भी आपको दिलवा दूँगा,
कोई नहीं तो मैं ही मृत्युलोक रत्न उपाधि,
मोमेंटो और एक खूबसूरत शाल के साथ
आपको सम्मानित कर दूँगा।
आप चिंता बिल्कुल मत करो
प्रचारित, प्रसारित भी करवा दूंगा
आपका नाम मृत्युलोक में भी चमका दूँगा,
राज की बात है रहने दीजिए
आपको वीवीआईपी सुविधाएँ भी दिलवा दूँगा।
सुधीर श्रीवास्तव
Shraddha Panchal
શ્વાસે શ્વાસે રુંધાયેલ છું ,
વાતે વાતે મૂંઝાયેલ છું ,
મારા કાન્હા રહું છું શાંત હું ,
છતાય
અઢળક વિચારો થઈ ઘેરાયેલ છું.😇
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
અછાંદસ કાવ્ય: શિર્ષક: (જીવનનો વળાંક ને નવી દિશા)
સમય
ન તો તે સાથી છે,
ન તો તે દુશ્મન.
બસ, એક અદ્રશ્ય રેતી છે,
જે હથેળીમાંથી સરક્યા જ કરે છે.
આપણે દોડીએ છીએ, થાકીએ છીએ,
પણ એના પગલાંની ધૂળ ક્યારેય બેસતી નથી.
અને જીવનના આ વળાંકો...
એ અચાનક આવે છે,
જેમ નકશામાં ન હોય એવી નદી.
પહેલાં તો ડર લાગે છે,
કે શું થશે હવે? ક્યાં જઈશું?
પણ એ વળાંક જ,
આપણને નવી દિશા આપે છે.
નવો સૂરજ,
નવી હિંમત.
ઠોકર વાગ્યા પછી ઊભા થવું,
એ વળાંકનો સૌથી મોટો પાઠ છે.
ક્યાંય રોકાવું નહીં,
કારણ કે,
વળાંક પછીની શાંતિ જ
"સ્વયમ’ભુ’"સાચી મંઝિલ હોઈ છે.
અશ્વિન રાઠોડ સ્વયમ’ભુ’
Tanya Singh
https://www.matrubharti.com/book/19984045/the-journey-is-never-incomplete
Safar adhura nhi hota.
By Tanya Singh
Tanya Singh
https://www.matrubharti.com/book/19984055/bablu-39-s-brahmastra
#Bablu ka brahmastra
New story by me.
Tanya Singh
https://www.matrubharti.com/book/19984056/the-divorce-diary
Hy guys plz read new story by me.
#Tanyasingh
The divorce diary
રોનક જોષી. રાહગીર
https://www.facebook.com/share/p/1Bsw2ag4Xo/
उषा जरवाल
नज़र से नज़र मिलाकर तुम कुछ ऐसी नज़र लगा गए ,
ख़ुद नज़र आए नहीं और हम सबकी नज़र में आ गए ।
जब मिली फिर से ये कमबख़्त नज़रें हमारी तो फिर सब नज़रअंदाज़ हो गए ।
Imaran
न किसी की आंख का नूर हूं, न किसी के दिल का क़रार हूं,
जो किसी के काम न आ सके, मैं वो एक मुश्ते गुब़ार हूं
🥶 imran 🥶
Nisha ankahi
मेरी उड़ान को देखकर लोग कहते हैं," रुक जा"
मैं सिर्फ मुस्कुरा देती हूँ… क्योंकि मेरा आसमान बेख़ौफ़ है।
- Nisha ankahi
Yogi Krishnadev Nath
coming soon
Bk swan and lotus translators
That's a great goal! Getting offers in modeling is a combination of preparation, promotion, and professionalism. The industry has become much more diverse, so there are opportunities in many different niches.
Here is a step-by-step guide on how to get started and increase your chances of getting offers:
1. Preparation is Key (Your "Product")
🎯 Find Your Niche
Modeling isn't one-size-fits-all. Determine which category you fit best, as this will guide your portfolio and agency applications.
* High Fashion/Editorial: Often requires specific height/measurements, focus on unique features and runway skill.
* Commercial: Focuses on looking approachable/friendly for everyday products (ads, catalogs). More flexible with age, height, and size.
* Plus-Size/Curve: For models who are size 12 and up.
* Fitness/Swimwear: Requires a toned or athletic physique.
* Parts Modeling: Focuses on specific body parts (hands, feet, hair).
* Petite: For models under the typical height requirement (often under 5'7").
📸 Build a Professional Portfolio
This is your business card and resume. You need high-quality, varied images.
| Photo Type | Description |
|---|---|
| Digitals/Polaroids | Simple, unedited photos (full body, close-up face shot, side profile) in plain clothes and no makeup. Agencies need to see the real you. |
| Headshots | Clear, expressive face shots that capture your personality and features. |
| Full-Length Shots | Show your body proportion, movement, and poses in various outfits/styles. |
| Variety | Include a range of looks (e.g., editorial, commercial, casual) to showcase your versatility. |
💪 Practice & Grooming
* Practice Poses: Use a mirror to work on your angles, expressions, and poses for your chosen niche.
* Walk (if applicable): Practice a strong runway walk if you are pursuing fashion/runway.
* Maintain Appearance: Keep your skin, hair, and nails healthy, as this is part of the job.
2. Getting Offers (The Search)
🤝 Target Modeling Agencies
This is the most common path to legitimate, high-paying work.
* Research: Look for reputable agencies that represent your specific type of modeling and are located in major markets (or your local area).
* Apply Online: Almost all agencies have an online submission process (check their website!). They typically ask for your measurements, contact info, and digitals/polaroids.
* Attend Open Calls: Some agencies host "open calls" where you can walk in and meet a scout. Check their website/social media for dates.
> ❗ Important Note: Never pay an agency a large up-front fee to sign with them. Legitimate agencies make money when you get a job (by taking a commission).
>
💻 Use Online Casting Platforms
If you don't have an agent or want to find smaller/independent gigs:
* Sign up for online casting sites (e.g., Backstage, Model Factory, Go-Models).
* Keep your profile, photos, and measurements up-to-date and accurate.
* Actively submit applications for jobs that match your look.
📱 Leverage Social Media
* Create a Professional Account: Use a clean, professional name (e.g., your name + "model").
* Post High-Quality Content: Treat it like a living portfolio. Use great photography and showcase your best angles/looks.
* Network: Follow photographers, stylists, and casting directors in your area. You can find "test shoot" opportunities this way, which helps build your portfolio.
3. Professionalism
* Punctuality: Always be on time for castings, test shoots, and jobs.
* Attitude: Be confident, professional, and easy to work with on set.
* Adaptability: Be prepared to take direction quickly and try different looks or expressions.
* Persistence: Modeling involves a lot of rejection.
Mritunjay kumar
सच तो यह है कि समय अपने बीतने के लिए किसी की भी स्वीकृति की प्रतीक्षा नहीं करता!
Nirav Vanshavalya
if some dont getting child by his some physicals or his own work ,then it is suggestible that to do intake of panipuri or gol gappa friquant or untill success. his reproductive will come active and once he will get good news, ofcourse.
Praveen Kumrawat
Hi अंशु कैसी हो? उम्मीद करता हूँ अब तुम ठीक होगी।
2 महीना और 21 दिन बीत गए हैं मैंने काफी समय से तुम्हारी सूध नहीं ली। पहले शुरू शुरू में मैं कॉल या मैसेज कर लिया करता था पर ego के चलते मैंने वह भी बंद कर दिया उसके बाद तुम्हारे मैसेज कॉल भी नहीं आए। मैं सोचता था हमेशा मैं कॉल करता हूं अब तुम कॉल करोगी और शायद तुम सोचती होगी कि मैं कॉल करूंगा मुझे सोचना चाहिए था कि तुम पर वहां क्या बीत रही होगी पर मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया अपने ego के चलते मैं उसके लिए भी माफी चाहता हूं।
पता नहीं उस समय पर तुम पर क्या बीत रही होगी तुमने पता नहीं क्या क्या झेला होगा मैने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया। तुम्हें मेरी जरूरत थी और मैं एक कॉल भी नहीं कर पाया अंशु यकीन मानो यह कोई बहाना नहीं है उस समय में खुद भी बहुत परेशान रहता था इसलिए तुम पर ध्यान नहीं दे पाया उल्टा में तुमसे नाराज होता रहा मेरा यकीन करो मैं खुद यहां अकेला पड़ गया था।
मैं जानता हूं कि मैंने गलतियां की है और मैं उन्हें सुधारना भी चाहता हूं मैं तुम्हें वापस पाना चाहता हूं। अंशु मैं तुम्हें खुश रखना चाहता हूं मैं तुम्हारे साथ जिंदगी बिताना चाहता हूं प्लीज मुझे एक मौका और दो। प्लीज आखिरी मौका।
तुम्हारा,
तुम्हारा प्रवीण
.
.
.
Bharat Ahir
હું અને તું દિલ દઇને ઉજવીએ છીએ એટલું બસ છે,*
*મનના મેળાપની કંકોત્રી ક્યાં છપાવવાની હોય છે.*✍🏻✍🏻
- Bharat Ahir
वात्सल्य
સાચા #દોસ્તને સાચવો.....
♥️♥️♥️♥️♥️♥️
તું આવવાની છે તે સાંભળી હૈયું હાથમાં ના રહ્યું. કેટલા વરસે તું આવી રહી છે!એક દાયકો વીતી ગયો.કદાચ મને એમ હતું કે દિપાલી ભૂલી ગઈ છે.પરંતુ તારા આવવાના એક કૉલે મારી બધીજ નિરાશાઓ ખંખેરી નાખી.
દીપક અતીતની યાદોમાં સ્વગત બોલ્યે જતો હતો.દિપાલી ! તને ખબર છે? આપણે બેઉ એક વખત રસ્તામાં બાઈક પર જતાં હતાં ત્યારે એક નાનકડું મંદિર આવ્યું.આરસનો ચોખ્ખો ઓટલો અને મંદિરની ફરતે લીલી વનરાજીથી વિંટડાયેલી વિવિધ લતાઓમાં વિવિધ ફૂલો જોઈ ઘડીભર તો તું નાચી ઊઠી હતી.તારી ભંગીમાઓ જોતાં મનોમન હું ખુશ થતો હતો.આશા હતી કે આપણે સાથે લગ્ન કરી જીવશું, સાથે મરશું. ખૂબ રખડ્યાં. એ દિવસોમાં તારા વગર હું ઘડીકેય રહી ના શકતો. તું પણ મને સતત ઝંખતી. અવનવા સ્થળે આપણે બેઉ બાઈક પર ઉપડી જતાં.. આહહહ કેવી જિંદગી હતી?અને આજે તું વરસો પછી મને જ મળવા આવી રહી છે! કેમ આવતી હશે? હું તો પરણી ગયો છું તે તો એને ખ્યાલ જ છે. મેં એને કંકોતરી લખી હતી.તેણે તો મને જાણ કર્યાં વગર લગ્ન કરી લીધાં હતાં. ફોન પર મેં પૂછ્યું તો કે હું એકલી જ આવું છું. શું કામ પડ્યું હશે મારું? અચાનક રૂબરૂ આવવાનું કારણ? મેં એને પૂછ્યું પણ નહિ કે કોણ કોણ આવો છો આવવાનું કારણ એવું કોઈ જ પૂછ્યા વગર અતિ ઉત્સાહમાં હા તો પાડી જ દીધી છે.મનમાં શંકા - કુશંકાનાં વાદળોમાં તે ચંદ્ર જેમ ઢંકાઈ ગયો.ઓરડામાં અંધારું થતાં દિપકે બત્તી કરી.ત્યારે ખબર પડી કે સંધ્યા થઇ ગઈ છે.તે નજીકના શહેરથી લોકલ બસમાં સાત વાગે ગામે ઉતરશે.બસ સ્ટેન્ડ પર મને રિસીવ કરવા આવજે.દિપાલી ફોન પરના છેલ્લા શબ્દો યાદ આવતાં તે વિચારમંથન પડતું મુકી ઝટ બાઇકને કીક મારી તે બસ સ્ટૉપ પર પહોંચ્યો.બસ હજુ આવી નહોતી એટલે હાશકારો થયો.બાઈક સ્ટેન્ડપ કરી તેની વાટ જોવા માંડ્યો.ખૂબ મંથનને અંતે દિપાલીનું આગમન થયું.દસ વરસે કેમ આવવાનું થયું હશે તેવા વિચાર તંદ્રામાં પાછો ખોવાઈ ગયો.
નિર્ધારિત સમયે બસ સ્ટૉપ પર આવી.ઝટ બાઈક પરથી ઉતરી બસના પગાથીએ પહોંચીને દીપાલીની ઉતરવાની ઘડી જોતો રહ્યો.દીપકનું મન અધીરું બન્યું.દિપાલી ભરેખમ સામાન બેઉ હાથમાં મોટી બેગ લઈને જેવી પગથિયે આવી એટલે દીપકે પહેલાં તો તેના ચહેરા સામે ક્ષણિક જોઈને હાથમાં ભારેખમ થેલો લઇને નીચે મુકી બીજો સામાન ઉતારવામાં મદદે લાગ્યો.છેલ્લે બસના પગથિયે દિપાલીનો હાથ પકડી ઉતારી.સામાન બાઈક પાસે લઇ પછી દિપાલી સામે જેવો આંખ મિલાવવા જાય છે ત્યાં દિપાલી ખુદ બે હાથ ફેલાવીને હ્રદયસરસી ભેટી પડી.હરખનાં છે કે મુશ્કેલીના બે આસું છે,તે દિપક સમજી ના શક્યો.ઘડી બે ઘડી બાદ દિપાલીએ હાથ ખુલ્લા કરી પોતાની આંખમાં આવેલાં આસું પોંછી બાઈક પર સામાન સાથે બેસી ગઈ અને દીપક પોતાના ઘેર લાવ્યો.હજુ પણ બેઉ ચૂપ હતાં.સવાલ ઘણા ઘુમરાતા હતા પરંતુ દીપક એટલા માટે ચૂપ હતો કે દીપાલી ફ્રેશ થાય પછી જ વાત.કેમકે દિપાલીના સામાનથી લાગતુંતું કે રોકવા આવી હશે.
દીપાલી બાથરૂમમાં ફ્રેશ થઇ આવી.કપડાં બદલી ઘરના એક કમરામાં તેનો સામાન દિપકે મુકી દીધો હતો.આંગળી ચીંધી દીપાલીને રૂમ બતાવી તે પલંગ પર બેઉ બેઠાં.
. તેના રૂમમાં બીજું કોઈ હતું નહિ.એટલે જાતે પાણી કોફી બનાવી દીપાલી ને આપી.દીપક તેના ગામથી દૂર એક મહાશાળામાં તે પ્રોફેસર હતો.દીપાલી બોલી.. દીપક કેમ ઘરમાં કોઈ નથી? વાઈફ કયાં છે ? દીપક બોલ્યો... તારો કૉલ આવ્યો તેના બે કલાક પેલાં તેના પપ્પાને પિયર કોઈ અગત્યનું કામ પડ્યું એટલે ગઈ છે.પરંતુ તું ટેન્શન ના લે હું એને કૉલ કરી દઉં છું.કે તું આવી છે. દીપાલી બોલી.ઓકે! દીપક કૉલ કરી ને દીપાલીના આકસ્મિક આગમનની બાબત પૂછી... બોલ દીપાલી! તારું આમ આવવાનું આકસ્મિક કારણ? તે પણ તારા ભરેખમ બેગ સાથે....! ત્યાં દીપાલી બોલી... હું સાડી વેચવાનો ધંધો કરું છું.મારા પતિને કોઈ અન્ય જોડે લફરું હોઈ તે મને આ દસ વરસમાં કામવાળી સમજી નજીક તો ઠીક પરંતુ બોલાવતો પણ નહિ હતો.મેં આ સમયમાં ખૂબ સહન કર્યું.અસહ્ય ન થતાં મારે એ ઘરે થી નીકળવાની ફરજ પડી.પિયરમાં ભાઈ ભાભીના બેઠે રોટલા કયાં ખાઉં? છેવટે ઓશિયાળો રોટલો ખાઈ કોને ભારે પડું? માટે મેં એક ઓરડી ગામની અંદર ભાડે રાખી છે.હું એકલી રહું છું. શરૂઆતમાં ખૂબ એકલું લાગ્યું પરંતુ હવે એકલતા કોઠે પડી ગઈ છે.આપણી સાથે ભણતા તમામ મિત્રોમાં ફેરી કરતાં તારો નંબર મળ્યો ને કોન્ટેક કર્યો.મારા પતિ પાસે હું વરસોથી જતી નથી અને એણે મને આજ સુધી હું કયાં શું કરું છું, તે ખબર લીધી નથી.શું કરું પછી ત્યાં જઈ? હું હરખનો જાત મહેનતનો રોટલો ખાઈ દહાડા કાઢું છું.
. આટલું બોલતાં દીપક જાણે ફીલ્મ નો ઘડી ઘડી બદલાતો પ્રસંગ જોઈ દિ્ગમૂઢ બની દીપાલી સામે જોઈ રહ્યો.આંખમાં આંસુ સાથે સ્વસ્થ થઇ બોલ્યો.દીપાલી! તું થાકી છે.ટિફિન મેં મંગાવી લીધું છે.તું ભૂખી છે માટે જમી લે પછી નિરાંતે વાત કરીએ.
જમ્યા પછી દીપક બોલ્યો.. દીપાલી તારે આવી રીતે સાડી વેચવાની ફેરી નથી કરવી.મારી કોલેજમાં એક ક્લાર્કની જગ્યા છે.તારા માટે નોકરી અને રહેઠાણ બેઉ વ્યવસ્થા કરું છું.બીજું કંઈ ના વિચારીશ.. હું માત્ર તારો દોસ્ત છું. ભૂતકાળ જે હોય તે.મારી હૂંફ તને મળતી રહેશે.
તે રાતે દીપાલીની સર્વ વાતો સાંભળી દીપક ક્યારે ઊંઘી ગયો ખબર ના પડી.બીજી તરફ દીપાલી થાકેલી હતી.તે વિચાર કરતી કરતી ભગવાનને કહી રહી હતી ભગવાન! તેં મને મારો દોસ્ત પાછો મને મેળવી આપ્યો..અસ્તુ!
(#દોસ્તને તમારી સુખ દુઃખની વાતો શૅર કરતા રહો. જેને સાચો દોસ્ત મળ્યો છે,તે આ જગતનો સુખી માણસ છે.)
- સવદાનજી મકવાણા (વાત્ત્સલ્ય
Bharat Ahir
અંતર ને વલોવતું એક તારણ નીકળ્યું ...
માનવી નું ભેજું જ, માણસાઈ નું મારણ નીકળ્યું..✍🏻✍🏻 ભરત આહીર
Agyat Agyani Vedanta philosophy
मनुष्य भाग नहीं रहा।
उसे भीतर उठती ऊर्जा धक्का देकर दौड़ा रही है।
जैसे आग ईंधन को चिंगारी दे —
तो ईंधन खुद नहीं जलता,
ऊर्जा जलाती है।
इसी तरह मनुष्य खुद गतिशील नहीं —
ऊर्जा उसे गतिमान करती है।
लेकिन ऊर्जा अंधी है।
उसके पास दिशा नहीं।
दिशा — वासना देती है।
वासना आँख है — ऊर्जा उसका बल।
जैसे घोड़े की आँख पर पट्टी बाँधकर
उसे दौड़ाया जाए —
घोड़ा भागेगा, पर दिशा गलत होगी।
आज मनुष्य इसी तरह दौड़ रहा है।
पता नहीं कहाँ…
क्यों…
किसलिए…
ऊर्जा का बहाव चल रहा है
पर दृष्टि नहीं।
---
आज का इंसान = मक्खी
एक मक्खी गंदगी पर बैठती है
हजार मक्खियाँ उसी गंदगी पर
भागती चली जाती हैं —
उसे अमृत समझकर।
तथाकथित बुद्धिजीवी
राजनीतिक, वैज्ञानिक, धार्मिक —
सभी इसी अंधे झुंड का हिस्सा हैं।
सफलता देंगे, स्वर्ग देंगे,
मोक्ष देंगे, स्वास्थ्य देंगे…
बस बेच रहे हैं
और ऊर्जा को गलत तरफ
और तेज़ धक्का दे रहे हैं।
---
ऊर्जा का नियम (अस्तित्व का विज्ञान)
ऊर्जा का स्वभाव है —
बहना, खर्च होना, गति देना
लेकिन
यदि उसका रूपांतरण हो जाए
तो वही ऊर्जा —
बिजली की तरह
अद्भुत शक्ति बन जाती है।
जैसे विज्ञान ने बिजली को
तरंगों में, प्रकाश में,
रॉकेटों में बदल दिया —
वैसे ही
आध्यात्मिकता का विज्ञान
ऊर्जा को चेतना में बदलता है।
इसे ही वासना रूपांतरण कहते हैं।
यही वास्तविक आध्यात्मिक विज्ञान है।
---
असली गरीबी क्या है?
ऊर्जा सबके भीतर बहुत है —
ज़रूरत से हजार गुना ज़्यादा।
लेकिन
दृष्टि — नहीं।
दिशा — नहीं।
जीवन जीने का विज्ञान — नहीं।
इसलिए साधन बढ़ते जाते हैं,
पर जीवन नहीं मिलता।
यह दुनिया —
साधन खोजने वालों का समाज है,
जीवन खोजने वालों का समाज नहीं।
---
असली धर्म क्या है?
धर्म → जीना सीखना
आध्यात्मिकता → ऊर्जा को दिशा देना
लेकिन धर्म और विज्ञान —
दोनों अभी
अंधेरे में भटक रहे हैं।
कोई भी नहीं कहता कि
“मुझे जीना है” सभी कहते हैं —
बड़ी चीजें पाना है
मोक्ष, ईश्वर, सिद्धि, सफलता…
पर
जीवन की कला सीखना ही मोक्ष है।
जीवन का बोध ही ईश्वर है।
---
आज का धार्मिक बाज़ार
आज सब बेचा जा रहा है:
○ साधना
○ कुंडलिनी
○ मंत्र
○ चक्र
○ स्वर्ग
○ पुण्य
और बेचने वाले?
खुद — अंधे।
और खरीदने वाले?
अंधे का सहारा लेकर
अंधेरे में गिरते हुए।
भीड़
तीर्थ
कुंभ
भव्य मंदिर
सब एक सपना उद्योग हैं।
यह सब
जीवन नहीं देता —
जीवन छीनता है।
---
निष्कर्ष
जीवन को जीने का विज्ञान चाहिए।
शास्त्र नहीं
कथा नहीं
व्यवहारिक, अनुभवजनित
ऊर्जा रूपांतरण का विज्ञान।
उसका नाम —
वेदांत 2.0 🌟
जहाँ जीवन स्वयं
शास्त्र बने।
जहाँ ऊर्जा स्वयं
चेतना बने।
जहाँ जीना ही
मईश्वर हो।
Ashish
“Decision દિમાગથી લો, દિલથી નહિ… પણ દિલને પણ ignore નહિ કરવું.”
જ્યારે કોઇ મિત્રો વિષે ભ્રમમાં આવી જાય, ત્યારે સાહેબ તેને કહેતો:
“ લોકો Social Media પર જે દેખાડે છે, એ હંમેશા સાચું હોય એવું નહીં. Real friends ઓળખવા માટે likes નહીં… time, trust અને truth જોઈએ.”
Story moral (Denim’s way):
➡ “Noise થી નહિ… Facts થી નિર્ણય કરો.”
➡ “Real life ના रिश्તા ઓ Social Media ના filter થી ન માપવા.”
Rahul Raaj
तेरे दिन अच्छे है तो तू किनारा करले..
हम बुरे लोग है..
बुरे वक्त में काम आयेंगे...
😎
Agyat Agyani Vedanta philosophy
✧ जब धार्मिक खुद जीने लगे ✧
यदि धार्मिक खुद जीना सीख ले
तो:
• न मंच बने
• न संस्था खड़ी हो
• न गुरु का व्यापार हो
• न घंटालगिरी चले
क्योंकि जिस क्षण कोई जीने लगता है —
उसे चाहिए ही क्या?
○ दो रोटियाँ
○ तन ढकने को कपड़ा
○ और भीतर आनंद, प्रेम, शांति
बस इतना ही तो जीवन है।
---
लेकिन आज?
धर्म = व्यापार
मंच = मार्केट
गुरु = ब्रांड
भक्त = कस्टमर
और
मोक्ष = प्रोडक्ट
साधना = पैकेज
सेवा = पब्लिसिटी
धर्म = बिजनेस प्लान
यह जीवन नहीं,
यह उद्योग है।
---
असली गुरुत्व क्या है?
जिसके जीवन में
जीवन की कला हो जाती है —
लोग स्वयं खिंचकर आते हैं।
जैसे ओशो के समय —
कोई प्रचार नहीं, कोई निमंत्रण नहीं
फिर भी दुनिया पागल होकर पहुँच गई
क्योंकि वहाँ जीवन था
कथाएँ नहीं।
धर्म वही है —
जहाँ जीना सीखने मिलता है
पाना नहीं।
---
असली गुरु को क्या चाहिए?
उसे कुछ भी नहीं चाहिए।
क्योंकि:
○ जिसकी वासना रूपांतरित है
उसमें आनंद पूरा है
○ जिसे जीवन मिल गया
उसे साधन की लालसा नहीं
जैसे पुष्प —
“मधुमक्खी बुलाता नहीं”
फिर भी पूरा बाग उसके पास आता है।
भक्त खोजेगा नहीं —
भक्त खुद चलकर आएगा।
---
आज का सत्य
आज के धार्मिक, राजनीतिक, गुरु —
सब बेच रहे हैं:
आशा, स्वर्ग, सफलता, मोक्ष, सिद्धि…
और साधारण जनता
अधिक वासना और अंधकार में फँसी हुई —
उन्हें साधन चाहिए,
जीना नहीं।
लेकिन याद रखो:
जनता पापी नहीं — पवित्र है
सिर्फ उसकी ऊर्जा की दिशा गलत है।
---
सार
जहाँ धर्म जीने की कला देता है —
वह जीवित धर्म है।
जहाँ धर्म बेचने की दुकान बने —
वह मरा हुआ धर्म है।
A
कोन खरीदेगा मेरी आंख से रुकरार का आशु
वो जब दर्द का ताज़ीर था
मोहब्बत छोड़ दी उसने
A
काजलो की धार से मारा गया
मुझे नये हथियार से मारा गया
कत्ल मेरा लग रहा है खुदकुशी
मुझे इतने प्यार से मारा गया
Soni shakya
ये हथेलियां भी खाली कहां ..!
उसके होठों की मिठास ताउम्र बरकरार रहेगी..!
- Soni shakya
A
कई गर्म से गर्म लोहा भी टूट जाता हैं यहां
कई झूठे हो तो
सच्चा भी टूट जाता हैं यहां
Armin Dutia Motashaw
GRASS ONLY LOOKS GREENER ON THE OTHER SIDE. IT GETS GREENER ONLY IF YOU WATER IT.
Anar
Soni shakya
"ऐसा नहीं है कि इश्क में,
पूरी तरह कंगाल है हम..!
उसकी यादों के खजाने से भरा पड़ा है,
दिल और घर मेरा"..!!
- Soni shakya
Bharat Ahir
હું જો કરું સામે થી "પહેલ" તો વાત થઈ જાય છે,
નહીંતર સવારથી સાંજ અને સાંજ થી રાત થઈ જાય છે...✍🏻✍🏻 ભરત આહીર
Narendra Parmar
हम तो मजबूर हैं अपनी आदत से
क्या तूझे तकलीफ़ होती है
मेरी मोहब्बत से।।
नरेन्द्र परमार " तन्हा "
GIRLy Quotes
वो दिन अब तक ना आया
तो आगे भी अब कभी नहीं आएगा !
💔🥀_______
soni
*वक्त* और *अपने*
जब दोनों *एक साथ चोट* पहुँचाए
तो इंसान बाहर से ही नहीं
*अंदर से भी टूट* जाता है
- soni
kshitija
कुठलीही गोष्ट
आयुष्यभर सोबत कधीच राहू शकत नाही
कधी न कधी ती सुटतेचं
सोबत राहतात त्या आठवणी
अन् त्यातून भेटलेल्या शिकवणी
आयुष्य नेहमी वेग वेगळी वळणं घेत राहतं
त्या वळणावर आपण किती टिकून राहतो
ते महत्त्वाचं असतं
आयुष्यभर सोबत राहण्याची वचनं देणारा जोडीदार सुद्धा
कधी न कधी अर्ध्या वळणात एकट्याला सोडून दूर कुठेतरी निघून जातोच ना?
त्याने जगणं थांबत का?
तसचं परिस्थितीच देखील आहेच!
आज काही गोष्टी सोडाव्या लागल्या त्याने जीवनचं संपल अस तर म्हणता येणार नाही!
हे आयुष्य आहे इथे प्रत्येक व्यक्तीची एक सुंदर कहाणी आहे
फक्त त्यातील पात्र आणि घटना रहस्य आहे त्या वेळ आल्या की समजतातच!
Mamta Trivedi
ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
Komal Arora
मुझे खुद का एसे होना अब अच्छा नहीं लगता......
सारी उम्र जिसका इंतजार किया....
उसका यू होना अच्छा नहीं लगा......
ना जाने ये दुख है मेरे हिस्से के.......
या फिर किसी का यू चले जाना अच्छा नहीं लगा........
kanha sorry and thankyou for everything.....
Manish Patel
*નિયત થી ભગવાન પ્રસન્ન*
*થાય છે,*
*ને દેખાડા થી માણસ..!!!* good morning radhe radhe 🙏
Nirali patel
“राज तो हमारा हर जगह पे है...
पसंद करने वालों के
“दिल” में
और नापसंद करने वालों के
“दिमाग” में।”
A
सुना है ईद आने वाली है
हर कोई खुद को सजाएं हुए हैं
कोई कैसे ईद मनाए जिसका महबूब ही रूठा हो
Rahul Raaj
अपने दिल का हाल तो सब यहां लिखते है.
आज सोचा..
मैं आप सबका हाल पूछ लू...
कैसे है आप सब..
🫂
A
तीसरा शख़्स कहानी में नहीं आएगा
दूसरी बार मोहब्बत नहीं होने वाली
Thakor Pushpaben Sorabji
હતી જેનાથી દૂર હું
ત્યારે અઘરી લાગતી હતી એ
મળી જ્યારે એને હું
ત્યારે ઓ મુશ્કેલી સમજી તુજને
ઘણુ શીખવાડી ગઈ તું મુજને!
જય શ્રી કૃષ્ણ: "પુષ્પ"
- Thakor Pushpaben Sorabji
Tru...
"નવો દિવસ, નવી શરૂઆત…
ભૂતકાળ હળવો, વર્તમાન મહેકતું."
Imaran
रह जाएगी दिल में एक कसक सारी उम्र,
रह जाएगी ज़िन्दगी में तेरी कमी सारी उम्र,
कट तो जायेगा यह ज़िन्दगी का सफर लेकिन
रह जाएगी ख्वाहिश तुझे पाने की सारी उम्र
🤝 imran 🤝
Dada Bhagwan
Do you know that emotional agitation is very dangerous? One loses his consciousness during emotional agitation and so many karmas get bound.
To know more visit here: https://dbf.adalaj.org/xqjFCNpC
#angermanagement #angerissue #selfhelp #selfimprovement #DadaBhagwanFoundation
jighnasa solanki
GOOD MORNING EVERYONE
🌻☕🌻
soni
*"बेटे ने बाप को एक घड़ी गिफ्ट दी*
*बाप ने एक गहरी बात कही*
*बेटा कभी 'समय' भी दे दो"
*
*"एक समझदार व्यक्ति को*
*उम्र भर केवल एक ही बात से ठगा जाता है...*
*'तुम तो समझदार हो,*
*तुम्हें तो समझना चाहिए'"*
વૈભવકુમાર ઉમેશચંદ્ર ઓઝા
महफ़िलमे यूं आप नजर आए और पसंद आ गए ये एक इत्तफाक है,
और हर महफ़िलमे नज़र आपको ढूंढे ये मेरा इश्क है।
- स्पंदन
kajal jha
दिल को ताक़त देने वाली एक मजबूत मोटिवेशनल शायरी पेश है —
हौसलों की उड़ान रख, मंज़िलें ख़ुद झुक जाएँगी,
तू बस एक क़दम बढ़ा… राहें अपने आप बन जाएँगी।
गिरकर उठना ही असली जीत है,
जो ठहर जाए वो कभी सफ़र पूरा नहीं करता।
उम्मीद का एक चिराग़ दिल में जलाए रखना,
अँधेरा कितना भी हो… रास्ता दिख ही जाता है।
जो लोग तुझ पर हँसते हैं, उन्हें हँसने दे,
अक्सर वही लोग कल तेरी कामयाबी के क़िस्से सुनाते हैं।
तू बस मेहनत कर, लगन रख, खुद पर विश्वास रख—
क्योंकि किस्मत भी वहीं झुकती है,
जहाँ हौसलों का क़द बड़ा हो।
- kajal jha
soni
*गहरी बात..
मोह खत्म होते ही खोने का डर भी निकल जाता है..
चाहे वो दौलत हो,
वस्तु हो
रिश्ते हो,
या जिंदगी..
*इंसान भी क्या चीज़ है*
दौलत कमाने के लिए सेहत खो देता है..
सेहत को वापस पाने के लिए दौलत खो देता है..
Bharat Ahir
વ્યસન ની વ્યાખ્યા ત્યારે સમજાણી,
મારું મન થયું જયારે તારું બંધાણી.✍🏻✍🏻 ભરત આહીર
Saliil Upadhyay
હું છું ને તારી સાથે
બસ ક્યારેક આટલું કહેવાથી
જિંદગીથી હારેલો માણસ
જિંદગી સામે લડી લે છે..!!
Jyoti Gupta
#AnandDhamDance #ClassicalVibes #CulturalShow #IndianTradition #DanceFestival #ReelTrending #ViralReelsIndia #ArtOfDance #NatyaVibes #NrityaMagic #IndianRoots #CulturalFusion #StageMagic #EpicPerformance #ReelsBlast #DailyTrendingReels #DanceStar #HeritageVibes #ArtisticIndia #ReelTrendAlert
A
अब मैं ये किस को बताऊं रो कर
अब वो मिलता नहीं
मेरा होकर
A
तेरे हाथों से किसी रोज मुझे आग लगे
ऐसा सुलगु की हवाओं की जरूरत न पड़े
तूने चाहा जिसको वो तुझे इतना खुश रखे
तुझे मेरी भी दुआओं की जरूरत न पड़े
Good morning
Awantika Palewale
એક આશ સાથે બાંધ્યા તમને, દિલનો દોર માની લીધો,
કે હવે નહીં રહે એકલતા, સંગાથ છોર માની લીધો.
તમારા પગલાં જ્યાં જ્યાં પડ્યા, ત્યાં સુગંધ વરસી ગઈ,
મેં ધૂળને પણ પવિત્ર માની, માથાનો મોર માની લીધો.
હતી કેટલી યે ખ્વાહિશોની ભીડ આ દિલમાં, પણ!
બસ, એક તમારું આવવું, જાણે બધો શોર માની લીધો.
સહેજમાં સ્મિત આપી ને નજરને મેં ઝુકાવી છે,
તમારી આંખોની ભાષાને મેં પ્રેમનો પોર માની લીધો.
જીવનના વણઝારમાં ક્યાંક તો અટકવું હતું,
તમે મળ્યા ને મઝિલનો કિનારો સરોવર માની લીધો.
આશ પૂરી થાય કે ન થાય, એની પરવા નથી હવે,
તમારો પડછાયો પામ્યો, એને જ સૌ ઠોર માની લીધો.
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
pink lotus
maro jogi maro
marn he mitha
tesmarni mar
jis marni gorkh di tha 🌸❣️🙏
om shiv gorksh 🙏❣️
good morning🌞
Deepak Bundela Arymoulik
उम्र भर ढूंढ़ते रहे उन्हें
जब मिले वो तों
बहाने बनने में लग गए
====
उम्र भर ढूंढ़ते रहे उन्हें,
ख़्वाबों की भीड़ में, यादों के सन्नाटे में,
हर चेहरे में उनका अक्स तलाशते रहे,
हर राह को उनकी दस्तक का पता मानते रहे।
अंधेरों में जलती रही उम्मीद की लौ,
हर शाम को समझते रहे
शायद आज वही समय आएगा
जब उनींदी तक़दीर मुस्कुरा उठेगी।
नाम उनका होठों पर न आया,
पर धड़कनों में रोज़ लिखा गया,
हर दुआ का मतलब बदला
और हर मतलब में वही नाम रहा।
फिर एक दिन,
अचानक भीड़ हट गई,
और सामने वो थे
वैसे ही, जैसे कल्पनाओं में थे;
पर हमारी आँखों में
सदियों की थकान उतर आई थी।
हमने समझा था
मिलते ही समय थम जाएगा,
ख़ामोशी गीत बन जाएगी,
और अधूरे वाक्य पूरे हो जाएँगे।
पर जब मिले वो तो,
नज़रों ने नज़रें चुराईं,
हाथों ने हाथ ढूँढा नहीं,
और बातों ने बातों से मुँह मोड़ लिया।
हम ठहर गए
जैसे किसी पुराने मकान की देहरी पर
खड़ी यादें,
जो भीतर जाने से डरती हैं।
वो मुस्कुरा कर बोले,
“वक़्त बहुत बदल गया है,”
और हमने सिर हिलाकर मान लिया
मानो सच की ठोकर से
ज़िद की हड्डियाँ टूट गई हों।
फिर शुरू हुए बहाने
कभी मौसम का, कभी हालात का,
कभी ज़िम्मेदारियों की धूप का,
तो कभी मजबूरियों की छाँव का।
हम भी बहते गए,
उनके बहानों की नदी में,
और अपनी ही चाहत को
किनारे पर छोड़ आए।
कहना बहुत कुछ था
पर शब्द पाँवों में जंजीर बन गए,
और ख़ामोशी ने
पूरे शहर जितना शोर मचा दिया।
वो जाते रहे
और हम देखते रहे,
जैसे किसी मेले से लौटते हुए
छूट जाए अपना ही बचपन।
उस दिन समझ आया
कभी-कभी मिलना भी
बिछड़ने से बड़ा धोखा होता है,
और सच्चाई से ज्यादा
बहाने आरामदेह होते हैं।
आज भी किसी शाम,
अगर उनका ज़िक्र चल पड़े,
तो दिल कह उठता है
“हमने ढूँढ़ना पूरा किया,
पर अपनाना अधूरा रह गया।”
उम्र भर ढूंढ़ते रहे उन्हें,
और जब मिले वो तो
बहाने बनने में लग गए…
जैसे मिलना ग़लत था,
और बिछड़ना सही।
आर्यमौलिक-2003
Deepak Bundela Arymoulik
मोहब्बत के चालबाज़
मोहब्बत के चालबाज़ बड़े माहिर निकलते हैं,
दिल की शतरंज में हर रोज़ वज़ीर बदलते हैं।
वो मुस्कानें पहनकर आते हैं बाज़ार-ए-वफ़ा,
और सस्ते में ख़रीद कर महंगे जज़्बात बेचते हैं।
कभी वादों की खुशबू, कभी सपनों का धुआँ,
हर बात में नया जाल बुनते चलते हैं।
जो टूटे दिलों की आवाज़ भी न सुन पाए,
वो इश्क़ के मसीहा बनकर सजते-संवरते हैं।
उनकी बातों में शहद है, निगाहों में तीर,
किसी को मरहम, किसी को खंजर देते हैं।
जहाँ सच बोलने की कीमत बस आँसू हो जाए,
वहाँ ये झूठ को भी सोने में तोलते हैं।
इश्क़ उनके लिए मौसम की तरह आता-जाता,
ना कोई जड़, ना ही कोई घर बनता है।
जिस दिल में हो सुकून की सच्ची सी आग,
वहाँ इनका हर नक़ाब पिघलता है।
ओ मोहब्बत के चालबाज़, सुनो इत्मिनान से,
हर खेल का हिसाब किसी रोज़ होता है।
दिल अगर तुम्हारे लिए मोहरा है आज,
कल वक़्त तुम्हारा खिलाड़ी होता है।
क्योंकि वफ़ा कोई सौदा नहीं बाज़ारों का,
ना ही ये पलभर का कोई तमाशा है।
ये तो ऐसा सच है जो लिखता रहता है,
उनके नाम भी, जो इसे धोखा समझते हैं।
आर्यमौलिक-1998
Deepak Bundela Arymoulik
नाटक-ए-मोहब्बत
किसी का दिल तोड़कर, कुछ लोग
मोहब्बत का अभिनय करते हैं,
ख़ून से लिखे गए ख़त कोई और पढ़े,
और ये लोग नई स्याही भरते हैं।
एक घर उन्होंने हँसते-हँसते जलाया,
दूसरे में दीप जलाने की क़सम खाते हैं,
जो राख हुई थी किसी की रातों की,
उसे ही रंगोली बताकर सजाते हैं।
वादों की दुकान पे अब दिल बिकते हैं,
हर शख़्स यहाँ सौदे का माहिर है,
जख़्मों को इत्र कहते फिरते हैं,
और आँसुओं की भी अपनी तासीर है।
जिसने टूटकर चाहा, उसे दोष मिला,
जो तोड़ गया, वही फ़सीह कहलाया,
सच की राहें काँटों से भर दी गईं,
और झूठ ने रेशम का बिस्तर बिछाया।
वे कहते हैं — “इश्क़ तो फ़ितरत है”,
पर फ़ितरत में ये छल कहाँ होता है?
दिल अगर पर्दा न बने एहसासों का,
तो नाटक का मंच कहाँ होता है?
किसी की नब्ज़ पर दर्द लिखकर,
दूसरे की हथेली में शबनम रखते हैं,
जो सवाल उठे, तो होंठ सिल देते हैं,
और ख़ामोशी को ही मरहम रखते हैं।
ओ नाटक रचने वालों, एक दिन
पर्दा गिरेगा ज़रूर किसी शाम,
ताली जो आज तुम्हारे हिस्से है,
कल तुम्हारे हिस्से होगी बदनाम।
क्योंकि इश्क़ किताब नहीं झूठों की,
जो हर पन्ने पलट दी जाए,
ये तो इबादत है उनकी आँखों की,
जो सच्चाई पर ही बस जाए।
आर्यमौलिक
Deepak Bundela Arymoulik
चिंगारी
ता उम्र
ढूँढ़ता रहा
मोहब्बत की
एक चिंगारी…
कभी
सूनी गलियों में,
कभी
भीगी पलकों में,
कभी
किसी मुस्कान की
ओट में…
हर जगह
बस एक ही सवाल —
क्या यहीं है
मेरी आग?
मैं
ठिठकता रहा,
उम्मीद की
उँगली थामे,
किसी रौशन
लम्हे की
हसरत में…
फिर
एक दिन
वो आई…
बरसात सी,
ख़ामोशी सी,
किसी दुआ की
आवाज़ सी…
दिल ने कहा —
"यही है…"
आँखों ने कहा —
"अब
अँधेरा ख़त्म होगा…"
रूह ने कहा —
"अब
साँसों में
बसंत उतरेगा…"
पर
वो चिंगारी नहीं थी…
वो
दाह की आग थी…
जो
पास आई,
तो
गरमाहट नहीं,
जलन मिली…
जो
छुई,
तो
सुकून नहीं,
छाले मिले…
जो
ठहरी,
तो
घर नहीं,
शमशान बना गई…
मेरे
ख़्वाबों की
छत जलाई,
मेरी
नींदों के
दरवाज़े तोड़े,
मेरी
यादों की
किताब जलाई…
और चली गई…
पीछे छोड़ गई
हथेलियों में
राख,
आँखों में
धुआँ,
और
सीने में
एक बुझी हुई
आग…
अब…
मोहब्बत से
डर लगता है,
रौशनी से
शक होता है,
और
हर मुस्कान में
एक
शोला दिखता है…
ता उम्र
जिसे
दीया समझा,
वो
पूरी ज़िन्दगी
जला कर
चली गई…
और मैं…
अपनी ही
खाक में
खड़ा रह गया…
आर्यमौलिक
DrAnamika
शब्द से सृष्टि की रचना
शब्द ही विस्तार
शब्द से ध्वनि बना
शब्द ही रश्मियों का आकार
शब्द से ही लय बना
शब्द ही सुर ताल
शब्द से संगीत की रचना
शब्द ही संसार.
#डॉ_अनामिका #हिंदीशब्द #हिंदीपंक्तियाँ
#हिंदीकाविस्तार #हिंदीकाव्य
Parag gandhi
• *સુખ અને દુઃખ આવશે*
• *સમજણ હશે એ ફાવશે*
Dr Darshita Babubhai Shah
मैं और मेरे अह्सास
मधुलिका
जिह्वा पर मधुलिका होगी तो जीना आसान हो जायेगा l
हर महफिल हर जगह आदर और सन्मान भी पायेगा ll
अपनों और ग़ैरों के साथ प्रेम ओ आत्मीयता रखना l
क़ायनात में क्या लेके आया था क्या लेकर जायेगा ll
"सखी"
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह
Praveen Kumrawat
मेरी प्यारी अंशु,
Hi, कैसी हो? उम्मीद है तुम ठीक होगी। 2 महीने और 21 दिन बीत गए हैं, और मैंने काफी समय से तुम्हारी सूध नहीं ली। पहले मैं कॉल और मैसेज किया करता था, लेकिन मेरे ego ने मुझे ऐसा करने से रोक दिया। तुम्हारे मैसेज और कॉल भी नहीं आए। मैं सोचता था कि तुम कॉल करोगी, और शायद तुम सोचती होगी कि मैं कॉल करूंगा। मुझे सोचना चाहिए था कि तुम पर वहां क्या बीत रही होगी, लेकिन मैंने उस बात पर ध्यान नहीं दिया।
मैं माफी चाहता हूं, अंशु। मैं जानता हूं कि मैंने तुम्हें तकलीफ पहुंचाई है। तुम्हें मेरी जरूरत थी, और मैं एक कॉल भी नहीं कर पाया। मैं खुद भी उस समय बहुत परेशान था, लेकिन यह कोई बहाना नहीं है। मैं तुम्हें बता नहीं सकता कि मैं कितना अकेला महसूस कर रहा था। तुम्हारे बिना जिंदगी अधूरी लग रही है।
मैं जानता हूं कि मैंने गलतियां की हैं, और मैं उन्हें सुधारना चाहता हूं। मैं तुम्हे वापस पाना चाहता हूं, अंशु। मैं तुम्हे खुश रखना चाहता हूं, और तुम्हारे साथ जिंदगी बिताना चाहता हूं। प्लीज मुझे एक और मौका दो।
तुम्हारा,
तुम्हारा प्रवीण
.
.
.
Raj Shah
કાલ સાંજે હું મારી જાત ને આ દ્રષ્ય મારા મોબાઇલ મા કેદ કરતા રોકી ના શક્યો. ભાદરવા માસ આપણે જેને ગોતતા હોઈએ એ "કાગડા" મોટી સંખ્યા મા જોવા મળ્યા.
Courtesy: Ankleshwar
Raj Shah
કાલ સાંજે હું મારી જાત ને આ દ્રષ્ય મારા મોબાઇલ મા કેદ કરતા રોકી ના શક્યો. ભાદરવા માસ આપણે જેને ગોતતા હોઈએ એ "કાગડા" મોટી સંખ્યા મા જોવા મળ્યા.
Courtesy: Ankleshwar
Paagla
✨ PAAGLA – Quotes That Speak Your Heart ✨
Daily Quotations • Monday to Saturday
Sunday Special Shayari ❤️
Love, Sad, Motivational, Learning, Life & Attitude quotes — sab ek hi jagah!
👉 Join my WhatsApp Channel “PAAGLA”
Daily emotions. Daily inspiration. Daily you.
Message me
Dinesh
*🙏જય બાબા સ્વામી*🙏
*આજનો સુવિચાર*
જીવનમાં આવતાં દરેક ઝંઝાવાત, આપણું નુકશાન કરવાં નથી આવતાં; અમુક તો માત્ર આપણો માર્ગ ચોખ્ખો કરવાં માટે જ આવતાં હોય છે.
*શુભ સવાર*
shah
*ખોટા લોકોનો અહમ ત્યાં સુધી જ રહે છે જ્યાં સુધી સાચા લોકો સંયમ રાખી ને બેઠા હોય છે*
*🌹🙏શુભસવાર🙏🌹*
ધબકાર...
कोई बात नहीं ऐसा भी होता है,
रिश्ता ठहरा हुआ दिल रोता है,
मुस्कुराहट जुबां पर सजाए हम,
गुजरते पल के साथ वही अंदाज।
ધબકાર...
Soni shakya
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🙏आपका दिन मंगलमय हो 🙏
🙏🌹🙏जय श्री राम 🙏🌹🙏
Raj Phulware
IshqKeAlfaaz
एक प्रेमी प्रेमिका..
Rakesh Prajapati Bijowa
तेरी तलाश में हम कहां तक गए
तेरे लिए तो जान हम मर तक गए
GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)
पाश्चात्य में शान्ति की, करते रहे तलाश। मानवता के मूल्य का. होता रहा विनाश।। दोहा--328
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'
Arkan
हेलो दोस्तों
यह i'd मै बेच रहा हूं जिसे भी चाहिए वह मुझे मैसेज करे | 7376491895
Shailesh Joshi
જો આપણે ઈચ્છતા હોઈએ કે
પ્રભુ આપણી મદદ કરે,
કે પછી આપણી હારે રહે,
તો એ શક્ય છે,
શર્ત માત્ર એટલી જ કે,
આપણામાં અન્ય વ્યક્તિ,
કે વ્યક્તિઓ પ્રત્યે
સાચો આદરભાવ, અને હ્રદયથી સહાનુભૂતિ હોવી જોઈએ.
- Shailesh Joshi
Payal Author
हम कभी कभी बहुत परेशान, उदास हो जाते है। ऐसा लगता है, अब कुछ नहीं है लाइफ में जैसे सब खत्म हो गया हो । ओर हम भगवान से शिकायत करने लगते है हर चीज के लिए, की ये हमे क्यों नहीं दिया , ऐसा क्यों किया ओर भी बहुत कुछ ,लेकिन जब भी ऐसा लगे तो उन लोगों को देखना जिनके पास हज़ारों बातें, शिकायतें हैं। उसके बाद भी वो लोग बिना भगवान से शिकायत किए खुशी से रहते है जैसे उनके पास सब कुछ हो ,चाहे कुछ भी नहीं हो, तब भी ओर हमारे पास सब कुछ होने के बाद भी हम खुश नहीं रहते,ओर शिकायत करते रहते है
हमेशा Thank full रहो भगवान, यूनिवर्स का
जो भी तुम्हे मिला है उसके लिए थैंक्स यू बोलते रहो ओर आगे बढ़ते रहो, बीना कोई शिकायत किए । ओर देखना कि सब अच्छा होगा लाइफ में ।
Sonu Kumar
SIR का असली मकसद केवल इतना है कि बिकाऊ NGO-माथे (NGO-heads) प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गुमराह कर सकें, ताकि वे EvmBlackGlass का डेमो देखने के लिए समय ही न निकाल पाएं।
SIR का और कोई उद्देश्य नहीं है!!!
भारत में लगभग 1 करोड़ असली “कार्यकर्ता” हैं।
इनमें से ज़्यादातर कार्यकर्ता अपना 90% समय-ऊर्जा सिर्फ 1–2 मुद्दों पर लगाना चाहते हैं।
जैसे—
कुछ लोग सिर्फ कुत्तों के लिए काम करना चाहते हैं और कुछ नहीं।
कुछ सिर्फ पेड़ों को बचाने के लिए काम करना चाहते हैं।
कुछ के लिए एक्टिविज़्म का मतलब सिर्फ वीगनिज़्म है।
कुछ के लिए एक्टिविज़्म हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाता है।
कुछ के लिए एक्टिविज़्म सिर्फ “रागा का विरोध” या “मोदी का विरोध” है।
कुछ सिर्फ स्वास्थ्य पर काम करते हैं।
ये कार्यकर्ता पैसे के लिए काम नहीं करते।
कभी भारत में बड़ी संख्या में गरीब-समर्थक कार्यकर्ता हुआ करते थे (30–40 साल पहले), पर समय के साथ उनकी संख्या कम हो गई।
अब पेड़-कार्यकर्ता, वीगन कार्यकर्ता, कुत्ता-प्रेमी कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता और हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ गई है।
और लगभग 50,000 से 1,00,000 लोग डेमोक्रेसी एक्टिविस्ट हैं—
अर्थात जिनके लिए “लोकतंत्र” सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।
मैं दोहराता हूँ—भारत में लगभग 50,000 सच्चे कार्यकर्ता ऐसे हैं जिनके लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है।
लेकिन लगभग सभी “कार्यकर्ता-नेता”, पत्रकार, राजनीतिक अंधविश्वास पढ़ाने वाले प्रोफेसर, समाजशास्त्र के प्रोफेसर—ये सब सिर्फ पैसे के लिए खेल में हैं।
इनका काम है कि कार्यकर्ताओं को इतना व्यस्त बनाए रखें कि उन्हें EvmVoteChori, USA की recall-jury laws, हथियार, खनिज, प्लॉट, उल्टे कर (regressive taxation), अफ़ीम/गांजा की उपयोगिता, और खाने-दवाई-सप्लिमेंट में मौजूद ज़हर जैसे मुद्दों पर सोचने का समय न मिले।
इसलिए मैं फिर दो बातें कह रहा हूँ—
(1) लगभग 50,000 सच्चे लोकतंत्र-समर्थक कार्यकर्ता हैं जिनके लिए लोकतंत्र सबसे बड़ा मुद्दा है।
(2) सभी क्षेत्रों के “कार्यकर्ता-नेता” पैसे लेकर इन कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखते हैं ताकि वे EvmVoteChori, Recall Laws, खनिज, प्लॉट, उल्टे टैक्स और खाने-दवाइयों में ज़हर जैसे असली मुद्दों की ओर ध्यान न दे सकें।
समस्या यह है कि—
EvmBlackGlass डेमो ने प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं का ध्यान इतना खींच लिया है, कि उनके नेता अब उन्हें “बैलेट पेपर लाओ” जैसे मुद्दों के अलावा किसी और मुद्दों में उलझा नहीं पा रहे हैं।
इसीलिए इन प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने में SIR बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं—
सिर्फ इसलिए कि यह डेमो जनता के बीच लोकप्रिय न हो पाए!!!
..
https://www.facebook.com/share/p/1BHNLqZwqM/
Praveen Kumrawat
मेरी प्यारी वाइफ अंशु
मैं नहीं मानता कि एक कागज पर साइन कर देने से रिश्ता खत्म हो जाता है। मैंने जब शादी ईश्वर की साक्षी में रहकर की है, तो तलाक कोर्ट कैसे दे सकता है। चाहे कोर्ट हमें अलग कर दे, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपनी पत्नी मानकर जिऊंगा। भले हम दूर रहेंगे पर तुम हमेशा मेरे दिल के नजदीक रहोगी। मैं तुम्हें कभी भूलूंगा नहीं।
इस जीवन में ना सही, फिर किसी जीवन में तुम्हारे काबिल बनकर आऊंगा और तुम्हे अपना बनाकर सारी खुशियां दूंगा। तब तक तुम मेरे दिल में रहोगी, मेरी हर प्रार्थना और दुआओं में रहोगी।
I LOVE YOU 💕 यार, मेरे लिए तुम्हारे बिना जीना मुश्किल होने वाला है। जाने अनजाने मैं मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो उसके लिए माफी मांगता हूँ।
हमेशा तुम्हारा,
तुम्हारा प्रवीण
.
.
- Praveen Kumrawat
Praveen Kumrawat
मैं नहीं मानता कि एक कागज पर साइन कर देने से रिश्ता खत्म हो जाता है। मैंने जब शादी ईश्वर की साक्षी में रहकर की है, तो तलाक कोर्ट कैसे दे सकता हैं। चाहे कोर्ट हमें अलग कर दे, लेकिन मैं तुम्हें हमेशा अपनी पत्नी मानकर जिऊंगा। भले हम दूर रहेंगे पर तुम हमेशा मेरे दिल के नजदीक रहोगी। मैं तुम्हें कभी भूलूंगा नहीं।
इस जीवन में ना सही, फिर किसी जीवन में तुम्हारे काबिल बनकर आऊंगा और तुम्हे अपना बनाकर सारी खुशियां दूंगा। तब तक तुम मेरे दिल में रहोगी, मेरी हर प्रार्थना और दुआओं में रहोगी।
I LOVE YOU 💕 यार, मेरे लिए तुम्हारे बिना जीना मुश्किल होने वाला है। जाने अनजाने मैं मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो उसके लिए माफी मांगता हूँ।
हमेशा तुम्हारा,
तुम्हारा प्रवीण
.
.
Pragati
Patience is key
to live your life.
Without it, you can
harm yourself in
every aspect of life.
- Pragati
nidhi mishra
बेटी और बाप की बातचीत के बोल
कलेक्टर जो खरीदा आपने कर्ज लेकर,
बन तो मैं भी सकती थी अगर आप मुझे पढ़ाते तो।
अपने हक़ के झोपड़े में ही रहती मालकिन की तरह,
अगर आप मुझे किसी महल के आंगन में यूँ नहीं दफनाते तो।
और मुझे परहेज़ थोड़ी है रसोई घर के तकलीफों से,
ज़रा सा ज़र्क़ अगर आप अपने बेटों को भी सिखाते तो।
और ज़माने से हारे आप और आपसे हारी मैं,
मज़ा तो तब था जब हम मिलके हराते ज़माने को।
और बाबा, आप क्या कहते थे?
आँगन की चिड़िया होती है बेटियाँ।
फिर मुझे यूँ खूँटे से क्यूँ बाँधा?
क्यों नहीं दिया आसमान, ऐसे ही उड़ जाने को?
shah
Oh!
So... Tooo.. Much.. heart rending... Never heard 🌻Jay Swaminarayan 🌸❤️
બદનામ રાજા
રઘુકુળ નંદન 🙏
રઘુકુળ વંશ પ્રતાપ 🙏
ભગવાન શ્રી વિષ્ણુ નાં સાતમા અવતાર મર્યાદા પુરુષોત્તમ અયોધ્યા પતિ ભગવાન શ્રી રામ ની જય હો 🙏🚩
સનાતન ધર્મ 🚩
જય જય શ્રી રામ 🙏
અશ્વિન રાઠોડ - સ્વયમભુ
શૃંગાર દ્વારા મળેલું સૌંદર્ય ક્ષણિક અને બાહ્ય હોય છે, જ્યારે સંઘર્ષમાંથી નિખરેલું તેજ અંતરઆત્માની શક્તિ અને અનુભવોનો નિચોડ છે. સફળતા સુધીની સફરમાં સ્ત્રી જે શ્રદ્ધા, હિંમત, આત્મવિશ્વાસ, આશા અને દ્રઢ સંકલ્પ સાથે ચાલે છે, તે ગુણો જ તેના વ્યક્તિત્વને સાચી દિવ્યતા અને સ્થાયી સૌંદર્ય પ્રદાન કરે છે.
ખરેખર, જે સ્ત્રી બહારથી સજીધજીને આવે છે, તેની સુંદરતા આંખને ગમે છે; પણ જે સ્ત્રી સંઘર્ષના અગ્નિમાંથી તપીને સફળતા હાંસલ કરે છે, તેની સફળતાની ગાથા હૃદયને સ્પર્શે છે અને લાખોને પ્રેરણા આપે છે. સંઘર્ષમાં છુપાયેલી એ મહેનત જ સફળતાને વધારે સુંદર અને મૂલ્યવાન બનાવે છે.
'શૃંગાર કરતી સ્ત્રીની સુંદરતા કરતા સંઘર્ષ કરતી સ્ત્રીની સફળતા વધારે સુંદર હોય છે.' - આ વાત સ્ત્રીના આંતરિક સામર્થ્યને સર્વોચ્ચ સ્થાને મૂકે છે.
:– અશ્વિન રાઠોડ "સ્વયમ’ભુ’"
rakhi jain
एक आसरा ढंग रही हूं
दिल का ठिकाना ढूंढ रही हूं
यूं तो काफ़ी हु खुद में
पर खुद का हिस्सा ढूंढ रही हूं....
जो ना जी पाया अब तक
जो ना कह पाई अब तक
जो ना देख पाई अब तक
वो वक्त,कहानी वो नजारा
ढूंढ रही हूं
ना हु तन्हा फिर भी एक साथ ढूंढ रही हु
जो समझा लिया है दिल को
जो बता दिया है दिल को
वो अधूरा ख्वाब का
ख्याल ढूंढ रही हु
ना हूं काबिल फिर भी दिल का सितारा ढूंढ रही हूं
ना हूं निराश ना खुश
ना चाह ना दबिश की मौत मर रही हु
ना कारण है जीने का
ना अंत का तकाजा कर रही हु
हूं सफर में फिर भी सफर ढूंढ रही हूं
हु रास्ते पर फिर भी मोड खोज रही हूं
Agyat Agyani Vedanta philosophy
अस्तित्व एक है— “मैं” विभाजन
Vedanta 2.0
मनुष्य का पहला पाप —
“मैं” कहना।
जैसे ही “मैं” प्रकट हुआ,
दूसरा भी जन्म ले लिया।
दूसरा अनिष्ट लगे —
तो संघर्ष।
दूसरा श्रेष्ठ लगे —
तो पूजा।
लेकिन दोनों में —
तुम टूट चुके हो।
अस्तित्व में न किसी का
नाम, रूप, आकार, जाति है —
फिर भी हम
“मैं” को अलग सिंहासन दे देते हैं।
अस्तित्व के बीच दीवार बनती है —
और उसे ज्ञान कहा जाता है।
ज्ञान
मनुष्य का सबसे बड़ा नशा है।
जैसे ही कोई कहता है —
“मुझे पता है”
वह अस्तित्व से दूर गिरना शुरू कर देता है।
ज्ञान का हर टुकड़ा
अस्तित्व का एक टुकड़ा काट देता है।
इसीलिए ज्ञानी बढ़ते-पढ़ते
अंधे हो जाते हैं।
लोग पूछते हैं —
“सत्य कहाँ है?”
और जवाब किताब में ढूँढते हैं।
जबकि किताब उस दिन लिखी गई थी
जिस दिन किसी ने पहली बार
अस्तित्व से मुँह फेरकर
ज्ञान पर भरोसा किया।
शास्त्र —
वास्तव में
खंडन की डायरी हैं।
हर धर्म —
मनुष्य की हार का तमगा।
जब तुम अपने आप को देखते हो —
ज्ञान गायब हो जाता है।
और
जब ज्ञान गायब —
“मैं” भी गायब।
और जहाँ “मैं” नहीं —
वहीं अस्तित्व है।
सत्य कभी खोज से नहीं मिला,
सत्य तो
तुम्हारे “मैं” के
गिरने का ध्वनि-नाद है।
जहाँ पहचान खत्म —
वहीं परम का द्वार खुला।
वही वेदांत का पहला कदम है:
सारी पहचान जलाओ —
सिर्फ़ होना बचाओ।
Agyat Agyani Vedanta philosophy
वेदान्त 2.0 — मुख्य विचारधारा का सुव्यवस्थित सार ✧
1️⃣ मूल तत्त्व : विराट शून्य
वेदान्त 2.0 का आधार है —
"विराट शून्य" : अनंत, मौन, स्थिर अस्तित्व
जहाँ समस्त संभावनाएँ सूक्ष्म चेतना रूप में सुप्त निवास करती हैं।
2️⃣ सृष्टि की उत्पत्ति : कंपन और ऊर्जा
विराट शून्य में सूक्ष्म कंपन उत्पन्न होता है, और वही
ब्रह्मांड की मूल शक्ति — ऊर्जा — बनकर व्यक्त होता है।
इसी ऊर्जा के तीन गुण हैं:
सत् — स्थिरता
रज — गतिशीलता
तम — जड़ता
यही कंपन पदार्थ और चेतना — दोनों का स्रोत है।
3️⃣ चेतना = ऊर्जा = ब्रह्मांड
वेदान्त 2.0 कहता है कि —
ब्रह्मांड, ऊर्जा और चेतना
तीनों एक ही कंपन सिद्धांत की विविध अभिव्यक्तियाँ हैं।
इन्हें विज्ञान और वेदान्त — दोनों से अनुभव किया जा सकता है।
4️⃣ आध्यात्मिकता + विज्ञान = समग्र दृष्टि
यह विचारधारा ध्यान, प्राण, ऊर्जा और मानव-मन को
वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों संदर्भों में समझाती है।
इससे तीन क्षेत्रों में संतुलन स्थापित होता है:
परंपरागत धर्म
आधुनिक विज्ञान
मनोविज्ञान
5️⃣ प्रश्न से अनुभव तक : मैं कौन हूँ?
यह केवल सिद्धांतों का संग्रह नहीं —
जीवन में प्रयोग और अनुभूति पर आधारित मार्गदर्शन है।
यह आत्म-खोज को वैज्ञानिक और ध्यानात्मक दोनों स्तरों पर समझाता है।
---
✧ निष्कर्ष ✧
वेदान्त 2.0
पारंपरिक वेदांत के आध्यात्मिक सार को
आधुनिक ऊर्जा-विज्ञान और चेतना-विज्ञान के साथ
एकीकृत, टिकाऊ और समकालीन रूप में प्रस्तुत करता है।
यह आधुनिक भारतीय दर्शन में
एक क्रांतिकारी, वैज्ञानिक और अनुभवपरक परिवर्तन के रूप में उभर रहा है —
जहाँ ब्रह्माण्ड, जीवन और चेतना की इकाई का एक समग्र विज्ञान जन्म लेता है।
Chaitanya Joshi
રોજરોજ અઘરો થતો જાય છે માણસ.
એથી જ ક્યાં કદી સમજાય છે માણસ.
દૂર ભાગે છે મહેનતથકી એ તો હરવખ્ત,
શોર્ટકટનો રસ્તો શીખી જાય છે માણસ.
ઈમાનદારી ગમે છે જરુર, છે એ મજબૂર,
અર્થપ્રાપ્તિમાં અંધ જાણે થાય છે માણસ.
સર્વસ્વ માની બેઠો છે એ માત્ર પૈસાને જ,
નીતિમત્તાથી આખરે દૂર દેખાય છે માણસ.
સગવડો મળી એને પ્રત્યેક પગલે જીવતાં,
અંતરની શાંતિથી દૂર પરખાય છે માણસ.
- ચૈતન્ય જોષી "દીપક" પોરબંદર.
Falguni Dost
બહુ જ રાખ્યો ધૈર્ય, પછી મળી એ ક્ષણ છે
શુભ બની એ સંધ્યા, જ્યાં મિલનની ક્ષણ છે
૨૯૯૦ દિવસ વીત્યા વિરહના...
દોસ્ત! મમતા જીતી, હરખની અમૂલ્ય ક્ષણ છે.
- ફાલ્ગુની દોસ્ત
Priya
हम थक गये है , इसलिए थोड़ा ठहर गए हैं
प्यार तो हैं लेकिन बस अब थोड़ा डर गए हैं
आपसे आपके झूठ से,आपके अतीत से
और आपकी नजरंदागी से।
PRIYA KASHYAP...
Ravi Sharma
In the dreamscape of life, it is the heartbreak that becomes our alarm
- Ravi Sharma
pink lotus
guru ke virah me swaso ka vilay.
gorksh ne muje har bandhan se mukt kiya aur avsar diya khud ko jan ne ka khud ko
tab jakar mujhe aabhash hua, voh to mujse alg nhi aur na me unse alg
khoj rhi rhi khud me shiv ko gorksh ko paa bethi.
par me kya karu antar unme shiv gorksh he ek or me unke bhitar basi swaso ka ek bhag hu
ghulna chahu me unke bhitar unka hi me bhag hu jise shiv ne swaso ke vigan se joda tha
vhi vigyan bhairav se 'so' 'hm' ka muje gyan mila
usme 'hm ' ban kr me tyagi gyi aur 'so' ban kar aap swikare gye 🙏🌸
Gujarati Whatsapp Status |
Hindi Whatsapp Status